नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज यहां सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कामकाज की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान संरचना विकास तथा बीएसएफ कर्मियों के कल्याण संबंधी लंबित विषयों को निपटाने और सीमा प्रबंधन से जुड़े अन्य विषयों पर चर्चा की।
बीएसएफ के महानिदेशक ने बताया कि बीएसएफ कर्मियों को जोखिम तथा कठिनाई भत्ता दिए जाने के संबंध में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के प्रमुखों की समिति द्वारा की जाने वाली सिफारिशों को अंतिम रूप दे दिया गया है। इन सिफारिशों को जल्द ही गृह मंत्रालय को सौंप दिया जाएगा।
सीएपीएफ कर्मियों के आवागमन में सुविधा के लिए गृह मंत्रालय ने चार प्रमुख रेल गाडि़यों में सीएपीएफ कर्मियों के वास्ते अतिरिक्त डिब्बे जोड़े जाने को क्लीयरेंस दे दिया है। ये गाडि़यां उत्तर/दक्षिण एवं पूर्व/पश्चिम भारत से जुड़ी हैं।
समग्र बॉर्डर आउट पोस्ट के समकक्ष मौजूदा बॉर्डर आउट पोस्टों के उन्नयन, ऊंचाई पर रहने के लिए फाइबर री-इनफोर्स्ड पोलिमर शेल्टर, जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर अग्रिम सुरक्षित रिहाइश तथा पुराने नियमों के आधार पर नई स्वीकृत बटालियनों के लिए भूमि अधिग्रहण पर भी बैठक में चर्चा हुई।
तट रक्षक के समानांतर एक स्व-नियामक प्रतिस्थापना के रूप में बीएसएफ एयर विंग की शरुआत करने के विषय को भी चर्चा के लिए स्वीकार किया गया। इस संबंध में नागरिक उड्डयन मंत्रालय और तट रक्षक से अलग-अलग टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं।
आधुनिक और अद्यतन प्रौद्योगिकी के उपयोग वाले समग्र एकीकृत सीमा प्रबंधन उपायों (सीआईबीएमएस) जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर भी चर्चा की गई। गृहमंत्री ने कहा कि बीएसएफ के बहादुर और सतर्क जवानों की सहायता के लिए बेहतर प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की आवश्यकता है। बीएसएफ के महानिदेशक श्री ए.के.शर्मा ने गृह मंत्री और गृह मंत्रालय के अधिकारियों को आश्वस्त किया कि सीआईबीएमएस की पायलट परियोजना शीघ्र कार्यान्वित की जाएगी।
श्री राजनाथ सिंह ने सभी लंबित मामलों की स्वीकृति के लिए तुरंत कार्रवाई करने के संबंध में संबंधित एजेंसियों और विभागों को निर्देश दिया।