नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने गुजरात की मुख्यमंत्री श्रीमती आनंदी भाई पटेल तथा मणिपुर के मुख्यमंत्री श्री ओकराम ईबोबी सिंह से बात करके बाढ़ तथा भूस्खलन के संदर्भ में बचाव और राहत कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने आपदा की इस स्थिति में पूर्ण केन्द्रीय समर्थन का आश्वासन दिया। गृह मंत्रालय देश के विभिन्न भागों में आई बाढ़ पर नियमित रूप से निगरानी बनाए हुए है और मंत्रालय इस संबंध में आवश्यक सहायता उपलब्ध करा रहा है। गुजरात में भारी वर्षा के कारण हाल की बाढ़ से 14 जिले तथा लगभग 40 लाख की आबादी प्रभावित हुई है। बाढ़ पीड़ितों में 10 लाख से अधिक खाने के पैकेट गिराए गए/बांटे गए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं और आवश्यकतानुसार लोगों को इन शिविरों में रखा जा रहा है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की कुल 17 टीमें गुजरात में बचाव और राहत कार्य में लगाई गई हैं।
केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री हरिभाई पारथीभाई चौधरी ने गुजरात में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने और बचाव तथा राहत कार्यों की समीक्षा के लिए राज्य का दो दिन का दौरा किया।
राजस्थान में भारी वर्षा से 28 लोगों की मृत्यु हुई है। इनमें से 12 लोगों की पिछले कुछ दिनों में मृत्यु हुई है। राजस्थान के अधिकतर जिलों में भारी वर्षा हुई है। कुछ जिलों में भारी वर्षा से बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। जालोर, झालावाड़, बरान, सिरोही, बाड़मेर तथा डुंगरपुर जिलों में स्थिति गंभीर है।
जिला आपदा प्रतिक्रिया बल, पुलिस, आरएसी के अतिरिक्त अभी राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की आठ टीमें राहत और बचाव कार्य में लगाई गई हैं। राजस्थान के विभिन्न जिलों से 630 लोगों को बचाया गया है। प्रभावित लोगों में राहत सामग्री बांटी गई है।
ओडिशा में सात जिले – जाजपुर, मयूरभंज, क्योंझर, भद्रक, बालासोर, झारसुगुड़ा तथा देवगढ़ प्रभावित हुए हैं। पाँच लोगों की मृत्यु हुई है और 644 गांव तथा 4,80,399 लोगों की आबादी प्रभावित हुई है। ओडीआरएएफ की इकाईयां राहत और बचाव कार्य में लगी हैं। अब तक 1574 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। सात राहत शिविर बनाए गए हैं और इनमें 55 लोगों को रखा गया है। बचाव कार्यों के लिए 132 नाव लगाए गए हैं।
मणिपुर में 01 अगस्त, 2015 को सुबह 6:30 बजे हुए भूस्खलन से चंदेल जिले के जोऊमोल गांव के 20 लोग बह गए। भूस्खलन से 12 मकान भी बह गए। यह गांव तेंगनोपाल मुख्यालय से 96 किलोमीटर दूर पर है और 83 किलोमीटर तक ही सड़क संपर्क है। बचाव कार्य जारी है। एक ग्रामीण के बचाए जाने की खबर है।
जोऊमोल गांव में राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की दो टीमें तैयार की गई हैं। एक टीम में 12 बचावकर्ता है। 12 बचावकर्ताओं को सवेरे विमान से रवाना किया गया जबकि दूसरा दल शाम को पहुंचेगा।