देहरादून: बीजापुर हाऊस में उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती आशा बिष्ट के नेतृत्व में आशा कार्यकत्रियों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री हरीश रावत से मिला। मुख्यमंत्री श्री रावत ने प्रतिनिधिमंडल की समस्याओं को गम्भीरता से सुना। उन्होंने कहा कि आशा व ए.एन.एम. के बिना राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार नहीं लाया जा सकता।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य में हमें एक ऐसा माॅडल तैयार करना है जिसमें कार्य करने वाली आशा कार्यकत्रियों को कम से कम 5 हजार रूपए मानदेय मिल सके। इसके लिए राज्य सरकार प्रयासरत् है। उन्होंने आशा कार्यकत्रियों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। यदि आशा कार्यक़त्री किन्ही कारणों से गर्भवती का प्रसव प्राईवेट अस्पताल में भी करवाती है तो भी उनको मानदेय दिया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिये कि आशाओं को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना से भी जोड़ा जाए। यदि आशा कार्यकत्री एम.एस.बी.वाय. रोगी को अस्पताल लेकर आती है तो इसके लिए भी आशाओं को प्रोत्साहन राशि उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकत्रियों की समस्याओं एवं शिकायतों के समाधान के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किये गए हैं।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रसव के तीन माह तक महिला के स्वास्थ्य की देखरेख की जिम्मेदारी आशा कार्यकत्री को सौंपी जाए एवं इसका भी लाभ आशा कार्यकत्री को दिया जाए। उन्होंने कहा कि खून की कमी एवं ल्यूकोरिया में भी आशा कार्यकत्रियों को जोड़ा जाए।
इस अवसर पर अपर सचिव नीरज खैरवाल भी उपस्थित थे।
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