नई दिल्ली: प्रौद्योगिकी का प्रभाव उपयोगकर्ता की मानसिकता पर निर्भर करता है, सकारात्मक मानसिकता के साथ उपयोग की गई प्रौद्योगिकी के सकारात्मक परिणाम निकलेंगे। यह विचार श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री बंडारू दत्तात्रेय ने आज एक विशेष कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर अपने सम्बोधन में व्यक्त किये। श्री दत्तात्रेय ने कहा कि प्रौद्योगिकी अपने आप में न तो अच्छी है न बुरी, अपितु इसके उपयोग की मानसिकता से इसके परिणाम तय होते हैं। भारत के लिए समय की मांग बेहतर शासन और इसके लिए जवाबदेही और पारदर्शिता की आवश्यकता है जिसे प्रौद्योगिकी के माध्यम से सुनिश्चित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति में बदलाव हो अथवा न हो लेकिन समय बदलेगा। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी आवश्यक है और यह कुछ चुनौतियों के साथ क्रान्ति ला रही है।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि भारत में युवा पीढ़ी की सोच, दृष्टिकोण और आवश्यकता अलग-अलग हैं और इन्हें पूरा किये जाने जी जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिस आसानी के साथ ये युवा पीढ़ी इस प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रही है उससे संकेत मिलता है कि भारत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सबसे बड़ा प्रतिस्पर्धी देश बनने जा रहा है।
इस अवसर पर ‘टेक्नॉलाजी एंड दी फ्यूचर ऑफ वर्क’ पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन संयुक्त रूप से श्रम और रोजगार मंत्रालय, आईएलओ और वीवीजीएनएलआई के द्वारा किया गया। इस अवसर पर उपस्थित वक्ताओं और प्रबुद्धजनों ने प्रौद्योगिकी से मानवीय जीवन पर प्रभाव और उसकी सहायता से रोजगार सृजन और मानव जीवन पर इसके प्रत्यक्ष और गुणवत्तापूर्ण प्रभाव पर व्यापक रूप से विचार-विमर्श किया।
इस अवसर पर भारतीय मानव विकास संस्थान के प्रोफेसर देवनाथन और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर प्रभु महापात्रा ने भी अपने विचार व्यक्त किये जबकि भारतीय मजदूर संघ, भारतीय उद्योग संघ, वस्त्र निर्यात संबर्द्धन परिषद, नीति आयोग के प्रतिनिधि और युवा उद्यमी भी उपस्थित थे।
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