लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ना किसानों को अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान एक सप्ताह के भीतर प्राथमिकता से कराये जाने के निर्देश दिये हैं, जिससे गन्ना कृषकों को कृषि निवेश, बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, शादी-विवाह एवं एवं अन्य आवश्यक कार्याें के संपादन में कोई परेशानी न हो। गन्ना मंत्री श्री सुरेश राणा के निर्देश के क्रम में प्रमुख सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने परिक्षेत्रीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि गन्ना मूल्य भुगतान का नियमित अनुश्रवण करते हुए यह सुनिश्चित करें कि चीनी मिलों द्वारा अपने गन्ना मूल्य भुगतान की स्थिति में शीघ्रता से सुधार किया जाये।
गन्ना आयुक्त द्वारा खाद्य मंत्रालय भारत सरकार को जून माह हेतु चीनी का बेसिक कोटा 6.25 लाख टन से 10 लाख टन बढ़ाने का पत्र प्रेषित किया गया है, ताकि चीनी मिलों की गन्ना मूल्य भुगतान हेतु वित्तीय तरलता में वृद्धि हो सके। इसके अतिरिक्त प्रमुख सचिव ने बताया कि भारत सरकार द्वारा भी घोषित पैकेज के क्रम में चीनी का न्यूनतम मूल्य निर्धारण एवं मासिक विक्रय कोटा एवं बफर स्टाक के बनाये जाने से चीनी के गिरते मूल्यों पर रोक लगी है और चीनी के मूल्यों में सुधार हुआ है।
श्री भूसरेड्डी ने बताया कि विभागीय स्तर पर चीनी मिलों द्वारा किये जा रहे चीनी विक्रय एवं गन्ना मूल्य भुगतान तथा चीनी के बाजार मूल्यों का निरन्तर अनुश्रवण किया जा रहा है। अब तक चीनी मिलों ने प्रदेश को जून माह के चीनी विक्रय हेतु निर्धारित किये गये कोटे 6.25 लाख टन के सापेक्ष 2.398 लाख टन चीनी का विक्रय किया जा चुका है तथा गन्ना मूल्य भुगतान में तेजी लाते हुए चीनी मिलों से जून माह में अब तक रू.1,028 करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान सुनिश्चित कराया जा चुका है और अवशेष कोटे की चीनी के विक्रय से रू.1,000 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान जून माह में होना संभावित है।
गन्ना आयुक्त द्वारा दिनांक 21 जून, 2018 को चीनी मिल के अधिकारियों के साथ बैठक कर सभी चीनी मिलों को वन टू वन निर्देशित करते हुए निर्धारित कोटे की चीनी का विक्रय सुनिश्चित कर त्वरित गन्ना मूल्य भुगतान हेतु सचेत किया गया है, जो चीनी मिलें उसका उल्लंघन करेंगी उनके विरूद्ध सुसंगत प्रावधानों के अन्तर्गत कठोर कार्यवाही पर विचार किया जाएगा।