नई दिल्ली: नोटबंदी के दो साल पूरे होने पर कांग्रेस और बीजेपी में जुबानी जंग शुरू हो गई है. कांग्रेस की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने तीखा वार करते हुए कहा कि इसकी तबाही के प्रमाण अब स्पष्ट तौर पर दिखाई देने लगे हैं. नोटबंदी की सालगिरह पर कांग्रेस देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन भी कर रही है. इसी बीच, सरकार की ओर से वित्तमंत्री अरुण जेटली का भी बयान सामने आया है.
वित्तमंत्री ने कहा, “नोटबंदी अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सरकार की तरफ से उठाया गया महत्वपूर्ण कदम था. सरकार ने पहले भारत से बाहर कालेधन पर शिकंजा कसा. जिन्होंने देश से बाहर कालाधन जमा कर रखा था, उनसे वापस लाने और कर चुकाने के लिए कहा गया. जो ऐसा करने में विफल रहे उन पर कार्रवाई की गई.”
मोदी सरकार के रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी मोर्चा संभाला और नोटबंदी क्यों लागू की गई, इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “नोटबंदी पारदर्शिता की ओर एक बड़ा कदम था, सरकार ने सफलतापूर्वक लोगों को भ्रष्टाचार और कालेधन को जड़ से ख़त्म कर आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए प्रोत्साहित किया.” गोयल ने आगे कहा, “भ्रष्टाचार के बंधनों से भारत को मुक्त करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लिया गया निर्णायक और साहसी कदमों की एक श्रृंखला है नोटबंदी. भ्रष्टाचार की लड़ाई के लिए प्रतिबद्ध मोदी सरकार निरंतर प्रयासरत है.”
उधर, डॉ सिंह ने कहा, “नोटबंदी ने हर किसी को प्रभावित किया, चाहे वह जिस आयु वर्ग, धर्म, पेशे या संप्रदाय का रहा हो. कहा जाता है कि समय के साथ घाव भर जाते हैं लेकिन दुर्भाग्य से नोटबंदी के मामले में ऐसा नहीं है. इसके घाव समय के साथ और गहरे होते जा रहे हैं”
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने ट्वीट किया, “दो साल पहले प्रधानमंत्री ने नोटबंदी की घोषणा की थी और इसे लागू करने के तीन कारण गिनाए थे. पहला इससे काला धन पर रोक लगेगी, दूसरा नकली मुद्रा पर रोक लगेगी और तीसरा आंतकवाद के वित्त पोषण पर रोक लगेगी, लेकिन इसमें से एक भी उद्देश्य पूरा नहीं हुआ.” उन्होंने कहा, “वास्तव में, अब प्रचलन में दो साल पहले की तुलना में ज्यादा नकदी आई है, जब पीएम मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी.”