नई दिल्ली: उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री राम विलास पासवान ने कहा है कि किसानों और उपभोक्ताओं का हित सरकार के लिए सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष के दौरान खाद्यान्न प्रबंधन में सुधार लाने के लिए सरकार ने अनेक पहलें की हैं। श्री पासवान ने बताया कि दूर-दराज के इलाकों, खास तौर से उत्तर-पूर्व में 43,480 लाख मिट्रिक टन से अधिक खाद्यान्न के अतिरिक्त भंडारण की व्यवस्था की गई है ताकि अग्रिम रूप से खाद्यान के आवंटन की तैयारी हो सके।
श्री पासवान ने कहा कि बांग्लादेश के जलमार्गों के जरिए आंध्र प्रदेश से त्रिपुरा और समुद्री मार्ग के जरिए आंध्र प्रदेश से केरल तक चावल ले जाने की अनोखी पहलें की गई हैं। श्री पासवान पिछले एक साल के दौरान अपने मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में आज यहां मीडिया को जानकारी दे रहे थे।
किसानों के हितों में की जाने वाली पहलों का उल्लेख करते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि मौजूदा रबी विपणन मौसम के दौरान सरकारी एजेंसियों ने पिछले वर्ष की तुलना में 5 लाख टन अधिक गेहूं की खरीद की। किसानों के हितों की रक्षा के लिए सरकार ने न सिर्फ खरीद नियमों में ढील दी है बल्कि मुरझाए और टूटे अनाज की खरीद के लिए भी उसे न्यूनतम समर्थन मूल्य के दायरे में रखा है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम को प्रभावी ढंग से लागू करने के संबंध में श्री पासवान ने बताया कि केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि खाद्यान्न के उठान और लदान के खर्च का 50 प्रतिशत वह वहन करेगी। इसके अलावा यदि लाभार्थियों को खाद्यान्न उपलब्ध नहीं होता है, तो उन्हें खाद्य सुरक्षा भत्ते का भुगतान करने के नियम को अंतिम रूप दे दिया गया है। उपभोक्ता कल्याण के विषय में श्री राम विलास पासवान ने कहा कि उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम की समीक्षा की गई है और उसमें आमूल संशोधन करने की तैयारी हो चुकी है, ताकि उपभोक्ताओं की शिकायतों और परेशानियों को जल्द से जल्द दूर किया जा सके। उन्होंने बताया कि उपभोक्ताओं को शिकायत दर्ज करने के लिए एक पोर्टल www.gama.gov शुरू किया गया है। इस उद्देश्य के लिए खाद्य एवं कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, परिसंपत्ति, यातायात और वित्तीय सेवाओं को भी इसमें शामिल किया गया है। इसके अलावा 18 मार्च, 2015 को अहमदाबाद, बैंगलूरू, जयपुर, कोलकाता, पटना और दिल्ली में ग्राहक सुविधा केंद्र बनाए गए हैं, जो उपभोक्ता सेवाएं प्रदान करेंगे। अन्य राज्यों में चरणबद्ध तरीके से ऐसे केंद्र खोले जाएंगे।
इस अवसर पर मंत्री महोदय ने आईएसआई निशान वाले उपभोक्ता उत्पादों के खिलाफ शिकायत करने के लिए एक मोबाइल ऐप भी जारी किया, जिस पर उपभोक्ता अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं।