भले ही आगरा से कश्मीर की काफी दूरी हो लेकिन जब पर्दे पर कश्मीर के लोगों का दर्द देखा तो यहां के लोगों की आंखें भी नम हो गइं। जिस कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा जाता है वहां 90 के दशक में बरती गइ बर्बता की तस्वीर ने हर दर्शक को झकझोर के रख दिया।
कश्मीर फाइल्स को रूपहले पर्दे पर देखने के लिए युवाओं की भीड़ उमड़ आई। फिल्म में कश्मीर के अल्पसंख्यक हिंदू पंडितों के पलायन, उनके दर्द और दुर्दशा पर आाधारित है। शनिवार को सप्ताहांत में लोगों ने फिल्म देख कर छुट्टी मनाई। हाइवे स्थित एसआरके मल्टीप्लेक्स में शनिवार को पहला शो हाउस फुल हो गया। फिल्म को देखने आए युवाओं में उत्साह रहा। युवाओं ने बताया कि फिल्म में कश्मीर की वास्तविक स्थिति दशाई गई है। शो देख कर बाहर निकले लोगों ने कहा कि विस्थापितों का दर्द महसूस हुआ है।
प्रस्तुत है दर्शकों से बातचीत के प्रमुख अंश:
आज छुट्टी है। इसलिए फिल्म देखने आया हूं। इसकी चर्चा बहुत अधिक सुनी है। फिल्म के कई दृश्य देख बहुत गुस्सा आ रहा है।
–मोनू दर्शक
कालेज में अवकाश है दोस्त के साथ फिल्म देखने आया हूं। फिल्म के बारे में बहुत कुछ सुना था। इसे देखने के बाद विस्थापितों का दर्द महसूस हुआ है।
–महादेव शर्मा दर्शक
हिंदुत्व पर आधारित फिल्म है, जिसमें सच्चाई दिखाई गई है। यह गंभीर प्रवृत्ति की फिल्म है। सभी लोगों को देखना चाहिए।
– हेमंत यादव दर्शक
कश्मीर के बारे में सच्चाई प्रदर्शित की गई है। राजनीतिक दल संवेदनशील मसले पर बोलने से कतराते रहे हैं। विस्थापितों के लिए समाज मदद करे।
– विशाल उपाध्याय दर्शक
कश्मीर में विस्थापितों का दर्द परदे पर देखने को मिला है। ये अंश अब तक लोगों से छुपाया गया है। समाज को आगे आने की जरूरत है।- अमित पांडेय दर्शक कश्मीर फाइल्स हाउस फुल चल रही है। दूसरे दिन फिल्म का पांच शो चलाया गया है। दर्शक फिल्म के प्रति उत्साहित हैं।
– राेमित कपूर स्वामी मल्टीप्लेक्स