लखनऊ: केन्द्रीय विज्ञान एवं टेक्नोलाॅजी मंत्री डा. हर्ष वर्धन एवं प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्री डा. दिनेश शर्मा ने आज यहां गोमतीनगर रेलवे ग्राउण्ड में चैथे भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का उद्घाटन किया। अपने उद्घाटन भाषण में डा. हर्ष वर्धन ने कहा कि विज्ञान प्रेमियों के लिए यह सुअवसर है कि वे एक ही स्थान पर देश में विज्ञान से जुड़ी गतिविधियों एवं नवाचारों (इनोवेशन) को देख सकेंगे। उन्होंने कहा कि विज्ञान महोत्सव से लोगों को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हुए प्रत्येक अत्याधुनिक पहलू को नजदीक से जानने का अवसर मिलेगा। देश में स्टार्टअप एवं इनोवेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है और आज देश दुनिया के विज्ञान में अग्रणी 10 देशों में से एक है। उन्होंने ने कहा कि विज्ञान को एक जन आन्दोलन का रूप देने का प्रयास है। विज्ञान महोत्सव के माध्यम से यह प्रयास किया जा रहा है कि वैज्ञानिक पूरे देश को नजदीक से देखें और देश के युवा भी विज्ञान को नजदीक से देखें और समझें। रेलवे मैदान में लगे मेगा साइन्स टेक्नोलाॅजी एण्ड इंडस्ट्री एक्सपो में देश के कई राज्यों के विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग तथा विभिन्न संगठनो और संस्थानों द्वारा नवाचारों की प्रदर्शनी लगायी गयी है।
इससे पहले उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय भारत सरकार एवं विज्ञान भारती के सहयोग से वर्ष 2015 से लगातार ‘भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव’ (आईआईएसएफ) आयोजित कर रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को विज्ञान और प्रोद्योगिकी की सफलता को बताना है। आईआईएसएफ के पिछले संस्करण आईआईटी दिल्ली (2015), सीएसआईआर-एनपीएल, नई दिल्ली (2016) और आईआईटी मद्रास और अन्ना विश्वविद्यालय, चेन्नई (2017) में क्रमशः आयोजित किए गए थे। ये समस्त कार्यक्रम आम जनता, मुख्य रूप से युवा वैज्ञानिकों, इनोवेटर्स, टेक्नोक्रेट्स, ग्रासरूट इनोवेटर्स और छात्रों के बीच वैज्ञानिकता एवं महत्व को बढ़ावा देने में सफल रहीं। उन्होंने कहा कि यह लखनऊ के लिए गौरव की बात है कि भारत सरकार ने चैथे भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के लिए लखनऊ का चयन किया।
इसके अलावा चतुर्थ भारतीय अन्तर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव-2018 के अवसर पर आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान के मार्स हाल में नेशनल सोशल आर्गेनाइजेशन्स एण्ड इंस्टिट्यूशन्स मीट विषयक सत्र को सम्बोधित करते हुए प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि इस कार्यक्रम में लगभग 1000 से अधिक वैज्ञानिक संगठनों के साथ एक मेगा विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन जिसमें मुख्यतः वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई), आदि प्रतिष्ठित वैज्ञानिक संगठनों के साथ ही साथ विज्ञान एण्ड टेक्नोलाॅजी (डीएसटी), बायो-टेक्नोलाॅजी विभाग (डीबीटी), आयुष-मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस), पर्यावरण मंत्रालय, वन ओर जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ एवं सीसी), स्वच्छ गंगा (एनएमसीजी) के राष्ट्रीय मिशन, ब्रह्मोस एयरोस्पेस, इलेक्ट्राॅनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, इण्डियन काउंसिल आॅफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर), अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), केन्द्रीय जल आयोग, रेल मंत्रालय इत्यादि, वर्तमान सरकार के दौरान उनकी उत्कृष्ट प्रौद्योगिकियों और महत्वपूर्ण उपलब्धियों को प्रदर्शित कर रहे हैं।
डा. शर्मा ने कहा कि इस प्रदर्शनी से लोगों को विभिन्न एक्सपों के हिस्से के रूप में एक रंगीन हस्तशिल्प प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी, देश भर के सैकड़ों कारीगर अपने सुंदर शिल्प कार्यों का प्रदर्शन करेंगे। इस मेगा विज्ञान प्रदर्शनी का विशेष आकर्षण सभी राज्य सरकार के विभाग हैं जो कि इस प्रदर्शनी में अपनी उल्लेखनीय परियोजनाओं और प्रगति का प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों, युवा वैज्ञानिकों, इनोवेटर्स और आम जनता समेत 10 लाख से अधिक लोग भारत के वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति को नजदीक देखेंगे। उन्होंने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। देश में विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र मेें हो रही प्रगति का प्रयोग करते हुए कृषि उत्पादन लागत में कमी लायी जाय, जिससे जहां एक तरफ कृषि के उत्पादन में वृद्धि होगी वही कृषकों की आय में भी वृद्धि होगी। देश में परम्परागत किसी प्रणाली के स्थान पर तकनीकी आधारित, व्यापारोन्मुख एवं निर्यातोन्मुख खेती के विकास पर बल देना होगा। उन्होंने कहा कि कृषकों की आय बढ़ाने के लिए वैल्यु एडीशन जरूरी है।