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विधान सभा स्थित कार्यालय कक्ष में नगर निगम की बैठक लेते हुएः मंत्री श्री दिनेश अग्रवाल

उत्तराखंड
देहरादून: प्रदेश के वन एवं वन्य जीव, खेल, विधि एवं न्याय विभाग मंत्री दिनेश अग्रवाल ने अपने विधान सभा क्षेत्र सहित पूरे देहरादून शहर की खस्ताहाल सफाई व्यवस्था,

सीवरेज तथा पेयजल लाइनों के कार्य में हो रही देरी पर नगर निगम, जल संस्थान, पेयजल विभाग, तथा एडीबी अधिकारियों की संयुक्त बैठक विधान सभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में बुलायी। उक्त बैठक में उपस्थित अधिकारियों की प्रत्येक कार्य में बरती जा रही लापरवाही पर श्री अग्रवाल ने अधिकारियोें को सभी कमियों को दूर कर शहर की सफाई व्यवस्था दुरूस्त बनाये जाने के निर्देश दिये।
मंत्री ने मुख्य नगर अधिकारी से विभिन्न कार्यो को कराये जाने के लिए टेण्डर प्रक्रिया में हो रही देरी पर कड़ी आपत्ति जतायी। मंत्री ने कहा कि जिस प्रकार नगर निगम ने बाॅयलाॅज बनने तक कमर्शियल श्रेणी के हाउस टैक्स की प्रक्रिया को रोका है उसी प्रकार आवासीय श्रेणी के कर दाताओं को भी प्रक्रिया पूर्ण होने पर ही टैक्स वसूली की जाये। नगर निगम की कार्य प्रणाली से खिन्न मंत्री ने नगर निगम के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए कार्य प्रणाली में तुरंत सुधार कर शहर को इन सभी समस्याओं से मुक्त करने को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि नगर निगम अपने स्तर से केवल योजनायें प्रस्तावित है कहकर अधिकारी अब अपना पीछा न छुड़ायें ये जो योजनायें प्रस्तावित हैं उन्हें शीघ्र धरातल पर लाया जाये। उन्होंने कहा कि नियमों के अनुसार 15 दिन के अंदर प्रस्तावों की एनओसी करना निगम का कार्य है लेकिन अधिकारी नियमों को भी ताक पर रख रहे हैं और टेण्डर प्रक्रिया में भी पक्षपात की स्थिति बनी रहती है। शीघ्र इन रूके कार्यो के लिए टेण्डर शुरू किये जायें।
देहरादून शहर की जनता जगह-जगह खुदी पड़ी सड़कों और गंदगी से त्रस्त है और अधिकारी अपनी गति में सुधार करने को तैयार नहीं है। श्री अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा पर भी निगम के अधिकारियों ने अभी तक सुस्त रवैया अपना रखा है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शहर को स्वच्छ बनाने के लिए पचास अंडर ग्रांउड डस्टबिन के लिए एक करोड़ रूपये की धनराशी स्वीकृति की। निगम ने इसमें से अभी तक एक भी जगह अंडरग्राउंड डस्टबिन नहीं लगाया है, नगर निगम की लचर कार्यप्रणाली इसी से जाहिर होती है। मंत्री ने कहा कि यदि नगर निगम जनता से सुविधाओं के बदले टैक्स वसूलता है तो वे सुविधाऐं भी जनता को उपलब्ध करानी चाहिए। यदि नगर निगम को धन या कोई भी सहयोग जनता को ये सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए चाहिए तो सरकार और क्षेत्रीय विधायक चाहे किसी भी दल से हो हर सम्भव सहायता देने को तैयार है। नगर निगम के अधिकारी यदि सरकार से कोई भी अपेक्षा इन जन सुविधाओं को पूरा करने के लिए चाहते हैं तो अपनी समस्या को मंत्री विधायक या सरकार के संज्ञान में लायें ताकि काम पूरे किये जा सकें। साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट के 16 करोड़ रूपये के बजट से नगर निगम 10 करोड़ करोड़ रूपये खर्च करने के बाद भी स्थिति जस की तस है। कारगी मुस्लिम बस्ती में गंदगी के ढेर लगे हैं। नाला गैंग में भी निगम के पास पर्याप्त कर्मचारी नहीं हैं। अधिकारियों से पूछे जाने पर कि नगर निगम ने कितने शैल्टर हाउस, वेण्डर जोन, कांजी हाउस अभी तक तैयार किये तो इस पर भी अधिकारियों के पास कोई सीधा जवाब नहीं था।
  मंत्री श्री दिनेश अग्रवाल ने निरंजनपुर, लोहिया नगर, ब्रहम्पुरी आदि क्षेत्रों में खुदी पड़ी सड़कों और सीवरेज तथा पेयजल पाइप लाइनों के कार्यो में धीमी गति पर एडीबी तथा पेयजल विभाग के अधिकारियों को अपने इस रैवैये को तुरन्त बदलते हुए कार्यो में तेजी लाने के निर्देश दिये।  एडीबी के उप कार्य निदेशक एपी पन्त को सड़कों की दशा सुधार व सैचुरेशन वर्क किये जाने को कहा। पेयजल विभाग के अधिकारियों को भी शांति विहार, रेलवे क्राॅसिंग सुमन काॅलोनी आदि क्षेत्र में अधूरे पड़े कामों को जल्द पूरा कर रिपोर्ट दिये जाने को कहा। वन मंत्री अग्रवाल ने कहा कि आये दिन समाचार पत्रों में पढ़ने को आता है कि नगर निगम की जमीन पर कब्जा ऐसी जमीनों को किसी भी संस्था या व्यक्ति से मुक्त कराया जाये भले ही ये व्यक्ति किसी वर्ग से ताल्लुक रखते हो।

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