मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि मीटू अभियान का किसी को भी गलत इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। शुक्रवार को न्यायमूर्ति एस जे कथावाला ने निर्देशक विकास बहल की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह कैंपेन पीड़िताओं का है, किसी को इसका दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।
हाईकोर्ट ने इससे पिछली सुनवाई में बुधवार को सुनवाई के दौरान कहा था कि महिला को मामले में एक प्रतिवादी बनाया जाए। वरिष्ठ अधिवक्ता नवरोज सेरवई शुक्रवार को अदालत को बताया कि वह मुकदमे का हिस्सा बनने की इच्छुक नहीं है। सेरवई ने कहा, वह मामले को आगे बढ़ाने की इच्छुक नहीं है।
न्यायमूर्ति कथावाला ने कहा कि जब महिला मामले को आगे बढ़ाने की इच्छुक नहीं है तो किसी को इसके बारे में बात नहीं करनी चाहिए। हम नहीं चाहते कि कोई अपने हित साधने के लिए महिला का इस्तेमाल करे। मीटू अभियान प्रशंसनीय है, लेकिन इसका दुरूपयोग नहीं होना चाहिए।
निर्देशक विकास बहल ने अपने ऊपर यौन शोषण के आरोपों को लेकर फैंटम फिल्म्स में उनके सहयोगी रहे अनुराग कश्यप और विक्रमादित्य मोटवानी के खिलाफ10 करोड़ रुपए के मानहानि का केस किया है। शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस पर सुनवाई की। विकास बहल ने इस दौरान अदालत से उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर मीडिया या सोशल मीडिया पर अनुराग कश्यप, विक्रमादित्य मोटवानी और निर्माता मधु मंटेना के कोई बयान देने से रोकने का आदेश दिए जाने की भी गुजारिश की है। source: oneindia