नई दिल्ली: रेल मंत्रालय ने आज पर्यावरण और हाउसकीपिंग मुद्दों पर विभिन्न गैर-हितधारकों को आमंत्रित करते हुए एक गोलमेज चर्चा का आयोजन किया। इस अवसर पर,रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु मुख्य अतिथि और रेल राज्य मंत्री श्री राजेन गोहेन सम्मानित अथिति के रूप में उपस्थित थे। रेल बोर्ड के अध्यक्ष श्री ए. के. मित्तल, रेल बोर्ड के रोलिंग स्टॉक के सदस्य श्री रविन्द्र गुप्ता, रेल बोर्ड के अन्य सदस्य और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी रेल भवन में हुई इस चर्चा में उपस्थित थे। इसके अलावा ऊर्जा और संसाधन संस्थान (टेरी), भारतीय हरित भवन परिषद (आईजीबीसी) राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी),राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड),भारतीय उद्योग संघ (सीआईआई), शक्ति सतत ऊर्जा फाउंडेशन (शक्ति), ऊर्जा दक्षता सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसल), भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद (आईसीएफआरई), ऊर्जा पर्यावरण और जल परिषद (सीईईडब्ल्यू), आरआईटीईएस विश्व संसाधन संस्थान (डब्ल्यूआरआई), भारतीय प्रबंध संस्थान, अहमदाबाद (आईआईएमए), दिल्ली मेट्रो रेल कॉपोरेशन (डीएमआरसी), त्रिवेणी जैसे विभिन्न संगठनों के 50 से अधिक विशेषज्ञों और पेशेवरों ने प्रासंगिक विषय से जुड़े विचार-विमर्श में भाग लिया एवं पर्यावरण और हाउसकीपिंग के क्षेत्र में भारतीय रेल के वर्तमान कार्यक्रमों और पहलों पर उपयोगी जानकारी प्रदान की।
गोलमेज विचार-विमर्श के दौरान रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि एक आधुनिक जिम्मेदार संगठन होने के नाते हम पृथक होकर कार्य करने का जोखिम नहीं उठा सकते और हमें अपनी अर्थव्यवस्था और समाज की उभरती हुई प्रवृत्तियों के साथ तालमेल बैठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाहरी हितधारकों के साथ होने वाले विचार-विमर्शों से परिप्रेक्ष्यों को जानने, ज्ञान का आदान-प्रदान करने और कामकाज के सुधार लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बनाये रखते हुए अभियानों का संचालन करना एक चुनौती है।
श्री सुरेश प्रभु ने कहा कि रेल मंत्रालय अपनी रणनीति के तहत स्थिरता को मुख्य धारा में लाने पर काम कर रहा है। पर्यावरण के लिए एक पृथक निदेशालय की स्थापना कोई परिधीय गतिविधि नहीं है बल्कि अब यह एकीकृत और प्रमुख गतिविधि की पूरक है। उन्होंने कहा कि भूमि उपयोग अनुकूलन, वनीकरण, जल निकायों का पुनर्सुधार, स्वच्छता कुछ ऐसी गतिविधियां है जिन पर रेलवे दीर्घकालिकता को सुनिश्चित करने के लिए कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय अक्षय ऊर्जा के उपयोग, दीर्घकालिकता और लागत दक्षता को सुनिश्चित करने के लिए विद्युतीकरण को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के अलावा विचारक समूहों जैसे विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ वार्तालाप पर प्रसन्नता व्यक्त की।
रेल राज्य मंत्री श्री राजेन गोहेन ने कहा कि रेल परिवहन का सबसे पर्यावरण अनुकूल साधन है। उन्होंने कहा कि वे हरित मुद्दों के प्रति जागरूक हैं और जहां भी संभव हो हरियाली के लिए उपाय कर रहे हैं।
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