नई दिल्लीः केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री श्री किरेण रिजिजू ने कल तिरंगा यात्रा के हिस्से के रूप में लेह से खारदु्ंगला तक व्यापक तिरंगा यात्रा का नेतृत्व किया। इससे पहले दिन में मंत्री ने लेह में आईटीबीपी मुख्यालय में स्वतंत्रता दिवस मनाने के सिलसिले में राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री किरेण रिजिजू ने देश की आजादी के लिए स्वतंत्रता सेनानियों के निस्वार्थ बलिदान का स्मरण किया और कहा कि राष्ट्र हमेशा उनका ऋणी रहेगा। मंत्री ने लद्दाख और अरुणाचल जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों के योगदान को भी सराहना की, जो आपात स्थिति के समय स्वेच्छा से सेनाओं के साथ विपरीत परिस्थितियों में पराक्रम दिखलाते हैं।
श्री किरेण रिजिजू ने सीमा सुरक्षा बल के छिन्नांग व्यक्तियों की पैरा साइकलिंग टीम के सदस्यों का झंडी दिखाकर स्वागत भी किया, जो हिमाचल प्रदेश के मनाली से यहां पहुंचे थे। पैरा-साइकलिंग रैली का उद्देश्य सुरक्षा बलों के उन जवानों का उत्साह बढ़ाना था, जो अपनी ड्यूटी के दौरान विभिन्न हमलों या दुर्घटनाओं के शिकार हो जाते हैं।
विकलांग व्यक्ति (दिव्यांगजन) सशक्तिकरण विभाग दिव्यांग व्यक्तियों की सार्वभौम पहुंच कायम करने के लिए सुगम्य भारत अभियान चला रहा है ताकि एक निर्मित ढांचे, सार्वजनिक परिवहन और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से एक सक्षम वातावरण का निर्माण किया जा सके।
सीमा सुरक्षा बल ने वर्ष 2016 को दिव्यांग यौद्धा वर्ष के रूप में मनाने का संकल्प किया है। बल के कमांडेंट श्री आर के नेगी के नेतृत्व में ‘इंफिनिटी राइड-2016’ के नाम से पैरा-साइकलिंग रैली 5 अगस्त को मनाली, हिमाचल प्रदेश से रवाना हुई थी। यह अभियान 583 कि.मी. की यात्रा तय कर चुका है, जो बीएसएफ का यह सकंल्प दर्शाता है कि कुछ भी असंभव नहीं है। इस टीम में बीएसएफ, सीएपीएफ और आदित्य मेहता फाउंडेशन से संबंधित 9 दिव्यांगजन हिस्सा ले रहे हैं।