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रेल मंत्री ने ‘सुरक्षा जागरूकता माह’ के दौरान निर्देश जारी किए

देश-विदेश

नई दिल्ली: रेल मंत्रालय ने सुरक्षा को सर्वोच्‍च प्राथमिकता प्रदान की थी और इस दिशा में नए सिरे से प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि रेल मंत्री द्वारा पिछले बजट भाषण में उल्‍लेखित ‘शून्‍य दुर्घटनाओं’ की आकांक्षा पूरी की जा सके। इन उद्देश्‍यों की प्राप्‍ति के लिए रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने सुरक्षा से जुड़े सभी मुद्दों पर नए सिरे से विचार करने, प्रणालीगत खामियों को दूर करने के लिए नए तौर-तरीके अपनाने और महीने भर चलने वाले इस व्‍यापक अभियान के दौरान सभी संभावित असुरक्षित क्षेत्रों को दुरुस्‍त करने की जरूरत को रेखांकित किया है, ताकि भविष्‍य में दुर्घटनाओं को टाला जा सके। उन्‍होंने यह भी निर्देश दिया है कि भारतीय रेलवे के सुरक्षा संबंधी प्रदर्शन में उल्‍लेखनीय सुधार के लिए सभी महाप्रबंधकों को ठोस कदम उठाने चाहिए। उन्‍होंने विशेष जोर देते हुए कहा है कि इन उपायों पर अमल किया जाना चाहिए और महीने भर चलने वाले विशेष ‘सुरक्षा जागरूकता अभियान’ के दौरान महाप्रबंधकों और अन्‍य संबंधित अधिकारियों को व्‍यक्‍तिगत रूप से इनकी निगरानी करनी चाहिए। यह अभियान 5 जनवरी से शुरू होकर 5 फरवरी, 2017 तक जारी रहेगा।

तदनुसार, निम्‍नलिखित निर्देश दिए गए हैं:

क्र.सं. विषय
1. असुरक्षित क्षेत्रों पर फोकस करना: जोनल रेलवे असुरक्षित क्षेत्रों पर अपना ध्‍यान केंद्रित करने के लिए 15 दिनों का विशेष सुरक्षा अभियान 10 जनवरी से लेकर 25 जनवरी तक जारी रखेंगे। रेलगाड़ियों के परिचालनों जैसे कि आवागमन, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, सिग्नलिंग और सिविल इंजीनियरिंग से सीधे तौर पर जुड़े सभी विभागों को इस अवधि के दौरान इनमें से प्रत्‍येक के लिए अभियान चलाना चाहिए।
2. निर्धारित निरीक्षण और उनका अनुपालन: महाप्रबंधकों को यह अवश्‍य ही सुनिश्‍चित करना चाहिए कि वरिष्‍ठ पर्यवेक्षकों और अधिकारियों के लिए निर्धारित समस्‍त सुरक्षा निरीक्षण बाकायदा किए जाएं और इन निरीक्षणों के दौरान पाई जाने वाली किसी भी खामी को दूर करने के लिए तत्‍काल कार्रवाई की जाए। सभी जोनल रेलवे को समस्‍त वरिष्‍ठ पर्यवेक्षकों एवं अधिकारियों के लिए तय सुरक्षा निरीक्षणों के मानक कार्यक्रमों को प्रसारित कर देना चाहिए और इसके साथ ही सभी संबंधित अधिकारियों द्वारा इन सुरक्षा निरीक्षणों को सुनिश्‍चित करना चाहिए, जिनमें फुटप्‍लेट का निरीक्षण, रात्रि निरीक्षण भी शामिल हैं।
3. कोहरे से संबंधित सावधानियां: कोहरे के मद्देनजर तय किए तय की गई सभी सावधानियां बरती जानी चाहिए, ताकि रेलगाड़ियों का परिचालन प्रभावित न हो और इसके साथ ही यह असुरक्षित न हो। इस बारे में विस्‍तृत निर्देश रेलवे बोर्ड द्वारा पहले ही जारी किए जा चुके हैं।
4. जीएम और डीआरएम द्वारा फील्‍ड निरीक्षण : सभी जीएम को अपने जोनल रेलवे के सुरक्षा अभियान के दौरान कम से कम एक खंड का सुरक्षा निरीक्षण अवश्‍य ही करना चाहिए। इसी तरह डीआरएम को भी एक ऐसे खंड का निरीक्षण अवश्‍य करना चाहिए, जिसका निरीक्षण जीएम द्वारा न किया गया हो।
5. विभागों के प्रधान प्रमुख (पीएचओडी) द्वारा कार्यशाला/कार्यस्थल का निरीक्षण: संबंधित पीएचओडी को इस अभियान के दौरान अपने-अपने संबंधित क्षेत्रों में कम से कम एक कार्यशाला/डिपो/कार्यस्‍थल का निरीक्षण अवश्‍य करना चाहिए।
6. सभी खंडों को कवर करने के लिए रात्रि में फुटप्‍लेट का निरीक्षण करना  सभी अधिकारियों को यात्री/मेल/एक्सप्रेस गाड़ियों द्वारा रात्रि में फुटप्‍लेट का निरीक्षण करने के लिए प्रतिनियुक्त किया जाना चाहिए, ताकि हर रात डिवीजन के सभी खंडों को कवर किया जा सके।
7. जीएम द्वारा हर सप्‍ताह सुरक्षा बैठकें आयोजित करना: सभी महाप्रबंधक हर सोमवार को सुरक्षा संबंधी बैठकें आयोजित करेंगे, ताकि वे अपने-अपने पीएचओडी और डीआरएम के साथ सप्‍ताह के दौरान सुरक्षा प्रदर्शन की समीक्षा कर सकें।
8. डीआरएम द्वारा हर सप्‍ताह सुरक्षा बैठकें आयोजित करना: डीआरएम सुरक्षा संबंधी प्रदर्शन की समीक्षा करने और आवश्‍यक कार्रवाई करने के लिए अपने-अपने शाखा अधिकारियों के साथ साप्‍ताहिक सुरक्षा बैठकें आयोजित करेंगे।
9. दुर्घटना से संबंधित पूछताछ की निगरानी करना: दुर्घटना से संबंधित समस्‍त पूछताछ और सुरक्षा निरीक्षणों के दौरान उठने वाले डीएआर मामलों को अवश्‍य ही तय समय सीमा में अंतिम रूप प्रदान कर देना चाहिए।

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