नई दिल्ली: अंगदान को प्रोत्साहन देने के मामले में सांस्थानिक अंतरालों को दूर करने और इसके संबंध में एक नीतिगत प्रणाली विकसित करने के संदर्भ में स्वास्थ्य मंत्री श्री जे पी नड्डा द्वारा की गई घोषणा को मद्देनजर रखते हए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव श्री बी पी शर्मा ने मंत्रालय के अंग प्रतयारोपण कार्यक्रम में तेजी लाने के लिए एक बैठक की। मंत्रालय के आला अधिकारियों के अलावा बैठक में सरकार एवं निजी क्षेत्र के वरिष्ठ चिकित्सकों एवं तकनीकी विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। बैठक में इस बात पर विचार किया गया कि जीवित अंगदाताओं द्वारा दान किए गए अंगों के प्रत्यारोपण की तुलना में मृतकों के अंगों के प्रत्यारोपण की दर बहुत कम है। इस पर भी विचार किया गया कि अंग प्रत्यारोपणों में आंखों के और अन्य प्रतयारोपण नहीं के बराबर हैं। देश में अंग-प्रत्यारोपण की प्रौद्योगिकी बहुत विकसित है और इसलिए जरूरी है कि अंग-प्रत्यारोण कार्यक्रम में तेजी लाई जाए।
बैठक में निर्णय किया गया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव की अध्यक्षता में एक अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया जाए जो इस कार्य के लिए समन्वय के मुद्दों को हल करेगी और संबंधित संगठनों का समर्थन प्राप्त करने का काम करेगी। इस बात की जरूरत भी महसूस की गई कि सरकार और स्वास्थ्य से संबंधित सभी हितधारकों को कार्यक्रम को अपनाने के लिए महती काम करना चाहिए। यह निर्णय भी किया गया कि अंगदान का आदर्श संदेश प्रभावशाली और संवेदनशील तरीके से पहुंचाने के लिए आईईसी प्रयासों को बढ़ाया जाए। इस काम के लिए मीडिया के सभी प्रारूपों का सहयोग लिया जाए। बैठक में निर्णय किया गया राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) को एक पंजीकृत सोसाएटी बनाकर उसे और स्वायत्ता प्रदान की जाए। निर्णय किया गया कि क्षेत्रीय और राज्य स्तरों पर बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाए। मृत्यु के बाद अपने अंगों को दान करने वाले लोगों के परिवारों को समुचित सम्मान देने के लिए एक कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय भी किया गया। उसके अलावा विभिन्न अस्पतालों में अंग-प्रत्यारोपण संबंधी कार्य के संबंध में स्टॉफ को समुचित प्रशिक्षण देने का भी फैसला किया गया।
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