नई दिल्ली: सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने चौथे चरण के लिए केबल टीवी डिजिटलीकरण की समयसीमा 31 अक्टूबर 2017 तक के लिए बढ़ा दी है। यह निर्णय न्यायालय में लंबित मामलों और चौथे चरण के लिए निर्धारित क्षेत्रों में सेट टॉप बॉक्स लगाने की असंतोषजनक प्रगति के चलते बाज़ार में व्याप्त अनिश्चितता के कारण लिया गया है। चौथे चरण में 31 दिसंबर 2016 तक ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटलीकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया था। इस संबंध में जल्द ही एक अधिसूचना जारी की जाएगी।
वर्तमान में जारी अदालती कार्यवाहियों के चलते, मंत्रालय तीसरे चरण के शेष ग्राहकों को भी डिजिटल प्रसारण माध्यम से जुड़ने के लिए 31 जनवरी 2017 तक का अतिरिक्त समय प्रदान कर रहा है।
तीसरे चरण के लिए निर्धारित क्षेत्रों में, देशभर के शेष शहरी क्षेत्रों में डिजिटलीकरण का काम 31 दिसंबर तक पूरा किया जाना था। मगर कई एमएसओ संघ/व्यक्ति विभिन्न उच्च न्यायालयों में अपनी गुहार लेकर चले गए थे, और मंत्रालय के 11-11-2011 एवं 11-09-2014 की अधिसूचनाओं के परिचालन के संबंध में रोक लगवा ली थी अथवा इसे लागू करने की समयसीमा बढ़वा ली थी। केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष रखा, तो सर्वोच्च न्यायालय ने अपने 01-04-2016 के निर्देशानुसार सभी मामलों की सुनवाई और निपटान के लिए इन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय को हस्तांतरित कर दिया। दिल्ली उच्च न्यायालय ज़्यादातर मामलों का निपटारा कर चुका है और ऐसी उम्मीद है कि शेष मामलों का भी निकट भविष्य में जल्द ही निपटारा कर दिया जाएगा।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय सभी प्रसारणकर्ताओं, बहु प्रणाली संचालक (एमएसओ), स्थानीय केबल संचालक, और सभी अधिकृत अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी करेगा कि वे यह सुनिश्चित करें कि तीसरे चरण के अंतर्गत 31 जनवरी 2017 के बाद केबल नेटवर्क पर किसी भी रूप में एनॉलॉग प्रसारण न हो। यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि इसके बाद समयसीमा में कोई और विस्तार नहीं दिया जाएगा।
केबल टेलीविज़न नेटवर्क (विनियमन) संशोधन अधिनियम 2011 में चार चरणों के अंतर्गत देश के सभी टीवी ग्राहकों द्वारा वर्तमान केबल टीवी नेटवर्क से डिजिटल एड्रेसेबल सिस्टम में परिवर्तित होना अनिवार्य किया गया है। प्रथम एवं द्वितीय चरण के अंतर्गत डिजिटलीकरण की प्रक्रिया को सफ़लतापूर्वक पूरा कर लिया गया है।