नई दिल्ली: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने बैटरी रहित इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकरण को अनुमति दे दी है। सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के परिवहन सचिवों को संबोधित पत्र की प्रति में, मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि जांच संस्था द्वारा जारी किए गए अनुमोदन प्रमाण पत्र के आधार पर ही बिना बैटरी वाले वाहनों की बिक्री और उन्हें पंजीकृत किया जा सकता है। इसके अलावा, पंजीकरण के लिए बैटरी के निर्माण/प्रकार या किसी अन्य विवरण को निर्दिष्ट करने की आवश्यकता नहीं है। हालाँकि, विद्युत वाहन के प्रकारऔर बैटरी (नियमित बैटरी या परिवर्तनीय बैटरी) को केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 126 के तहत निर्दिष्ट जांच संस्थानों द्वारा अनुमोदित किया जाना आवश्यक है।
केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के तहत राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को संबंधित फॉर्मों को ध्यान में रखने की भी आवश्यकता होगी। इसके लिए नियम 47 के तहत मोटर वाहन पंजीकरण के लिए आवश्यक (मोटर वाहनों के पंजीकरण के लिए आवेदन) फॉर्म-21 (बिक्री प्रमाण पत्र), फॉर्म-22 (निर्माता द्वारा जारी सड़क योग्यता प्रमाण पत्र) और फॉर्म-22-ए (मोटर वाहनों के लिए जारी किया गया सड़क योग्यता प्रमाण पत्र, जहां ढ़ाचे का अलग-अलग निर्माण किया जाता है), मेंस्पष्ट रूप से इंजन संख्या/मोटर संख्या को इंगित (बैटरी संचालित वाहनों के मामले में) करना आवश्यक हैं।
सरकार देश में विद्युत माध्यम से परिवहन में गति लाने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने का प्रयास कर रही है। यही समय है जब हम इस दिशा में एकसाथ कार्य करके व्यापक स्तर पर वाहनों से होने वाले प्रदूषण और तेल आयात को कम करने के राष्ट्रीय एजेंडे के लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। यह न केवल पर्यावरण की सुरक्षा और तेल आयात व्यय को कम करेगा, बल्कि सनराईज़ उद्योग को नए अवसर भी प्रदान करेगा।
दो पहिया और तिपहिया विद्युत वाहनों को बढ़ावा देने के लिए, वाहन लागत से बैटरी की लागत (जो कुल लागत का 30-40 प्रतिशत होती है) को हटाने की सिफारिशें मंत्रालय से की गईं। तब वाहनों को बैटरी के बिना भी बाजार में बेचा जा सकता है। इससे इलेक्ट्रिकल 2 व्हीलर (2डब्ल्यू) और 3 व्हीलर्स (3डब्ल्यू) की मुख्य लागत आईसीई 2 और 3डब्ल्यूसे कम होगी। बैटरी को ओईएम या ऊर्जा सेवा प्रदाता द्वारा अलग से प्रदान किया जा सकता है।