सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने कर्नाटक के कुछ चयनित जिलों के लिए 7 और 8 सितंबर को आईआरएडी ऐप पर दो दिन का ओरिएंटेशन और ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया गया। इसके बाद उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों के लिए भी 10 और 11 सितंबर को ये कार्यक्रम आयोजित किया गया। अब प्रतिपुष्टि और अन्य सुझावों के आधार पर इस ऐप में राज्य से सम्बंधित परिवर्तन भी किए जायेंगे।
आईआरएडी ऐप संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की ज़रूरतों के अनुसार विकसित किया गया है और आवश्यकता पड़ने पर इसमें परिवर्तन भी किया जाएगा। फिलहाल आईआईआरएडी ऐप एंड्रॉइड प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है और जल्दी ही यह आईओएस जैसे अन्य प्लेटफार्मों के लिए उपलब्ध होगा।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस परियोजना (आईआरएडी) को क्रियान्वित करने की प्रक्रिया में है, जो जल्दी ही पूरे देश में लागू होगी। पहले चरण में, इस योजना को छह राज्यों में लागू करने का निर्णय लिया गया है। ये राज्य हैं महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु। आईआरएडी मोबाइल ऐप के विकास और कार्यान्वयन की ज़िम्मेदारी आईआईटी मद्रास तथा नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर सर्विसेज को दी गई है। पूरी तरह से विकसित और कार्यात्मक होने के बाद इस ऐप से पुलिस, परिवहन और स्वास्थ्य विभाग मोबाइल फोन का उपयोग करके दुर्घटना से सम्बंधित डेटा एकत्र करने में सक्षम हो जायेंगे।
यह परियोजना सूचना प्रौद्योगिकी आधारित प्रणाली पर प्रस्तावित है। विशेष प्रयोजन के लिए बनाये गए इस मोबाइल ऐप के माध्यम से दुर्घटना स्थल पर ही डेटा एकत्र करके इसका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। इनमें से सड़क के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए दुर्घटनाओं और उपचारात्मक उपायों का पता लगाना और पुलिस, स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य संबंधित विभागों के लिए दुर्घटनाओं का डेटा रिकॉर्ड करना शामिल है।