लखनऊ: उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव कृषि, श्री अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन द्वारा सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गये हैं कि 30 नवम्बर, 2019 तक अभियान चलाकर प्रत्येक तहसील स्तर पर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के सम्बन्ध में कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 1.11 करोड़ से अधिक ऐसे प्रकरण लंबित हैं जिनमें पोर्टल पर अपलोड किए गए डाटा में उल्लिखित कृषक का नाम उसके आधार कार्ड में उल्लिखित नाम से भिन्न है। इससे कृषकों को दी जाने वाली किश्तें उन्हें प्राप्त नहीं हो पाएंगी।
श्री प्रसाद ने कहा कि इस अभियान के माध्यम से तहसीलों के रिकॉर्ड रूम में राजस्व ग्रामवार किसानों के दस्तावेज निकालकर उनके आधार कार्ड की छायाप्रति से मिलान कर किसान का नाम संशोधित करते हुए सही कर दिया जाए। उन्होंने बताया कि लगभग 20 लाख किसानों का डाटा ऐसा है, जिसमें बैंक अकाउंट सही न होने के कारण पी0एफ0एम0एस0 के द्वारा उसे अस्वीकृत कर दिया गया है। इसके लिए उन्होंने निर्देश दिए हैं कि तहसील स्तर पर अभियान चलाकर पी0एफ0एम0एस0 के द्वारा अस्वीकृत किए गए डाटा को बैंक पासबुक की छायाप्रति के आधार पर सही करके राज्य मुख्यालय को भेजा जाए।
प्रमुख सचिव ने कहा है कि जनपदों में कई किसान परिवार ऐसे छूटे हुए हैं जिनके आंकड़े संग्रह करके अभी राज्य मुख्यालय पर नहीं भेजे गये हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि फील्ड में एक अभियान चलाते हुए छूटे सभी पात्र किसान परिवारों का डाटा इकट्ठा कर राज्य मुख्यालय को उपलब्ध करा दिया जाए। इसके लिए पूर्व में बताए गए टेबल टॉप एक्सरसाइज के आधार पर कार्यवाही को पूर्ण किया जाए। नया डाटा फीड करते समय यह विशेष ध्यान रखा जाए कि किसान का नाम आधार कार्ड में छपे हुए नाम के अनुसार ही फीड हो तथा बैंक खाता किसान की बैंक पासबुक से मिलान करते हुए फीड हो, ताकि उसके भुगतान में व्यवधान ना उत्पन्न होने पाए।