नई दिल्ली: वाणिज्य मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग (डीईए) के सचिव श्री सुभाष चन्द्र गर्ग ने यह स्वीकार करने की आवश्यकता पर जोर दिया है कि डिजिटल प्रौद्योगिकी बदलाव भाप इंजन के आविष्कार से भी ज्यादा मौलिक हैं जिसने औद्योगिकी क्रान्ति की नींव रखी थी। एक प्रकार की डिजिटल क्रान्ति दुनिया को रूपांतरित कर रही हैं। श्री गर्ग कल बाली में आईएमएफ की विकास समिति के दोपहर के सत्र को संबोधित कर रहे थे। यह सत्र विश्व विकास रिपोर्ट पर केंद्रित था जो कार्य की बदलती प्रकृति पर आधारित है। मानव पूँजी सूचकांक (एचसीआई) जिसे हाल ही में विश्व बैंक की मानव पूँजी परियोजना के एक हिस्से के रूप में जारी किया गया था, के बारे श्री गर्ग ने टिप्पणी की कि मानव पूँजी को अनवरत रूप से विकसित होते रहने की आवश्यकता है। एचसीआई डिजिटल युग के मानव पूँजी की स्थिति, को मापने के लिए औद्योगिकी युग की माप का उपयोग करता है।
इससे पूर्व, सुभाष चन्द्र गर्ग ने इंडोनेशिया के बाली में कल अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) एवं विश्व बैंक के वार्षिक बैठक समापन सत्र में भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व किया।
आईएमएफसी के उद्घाटन सत्र में श्री गर्ग ने उन प्रमुख कारकों को रेखांकित किया कि किस प्रकार कराधान एवं दिवालियापन जैसे क्षेत्रों में ढाँचागत सुधार वैश्विक झटकों के प्रति अपनी गतिशीलता का निर्माण करने तथा चुनौतियों के बावजूद एक मजबूत विकास दर बनाये रखने में भारतीय अर्थव्यवस्था की सहायता कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि विवेकपूर्ण नीतिगत उपायों ने सहायता की है, एवं अब उठाये जा रहे कदम भी वित्तीय स्थिति में एवं तेल मूल्यों में वर्तमान में आ रही सख्ती के दवाब को नियंत्रित करने में सहायता करेंगे।
आर्थिक मामले विभाग (डीईए) के सचिव श्री सुभाष चन्द्र गर्ग वर्तमान में आईएमएफ तथा विश्व बैंक की वार्षिक बैठकों एवं अन्य संबंधित बैठकों में भाग लेने के लिए इंडोनेशिया के बाली की आधिकारिक यात्रा पर हैं।