लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से सरकारी आवास पर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव श्री परमेश्वरन् अय्यर ने भेंट की। इस अवसर पर आयोजित बैठक में ‘जल जीवन मिशन’ एवं स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के सम्बन्ध में संतृप्तीकरण किए जाने पर विचार-विमर्श किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने बेसलाइन सर्वे से पूर्व क्षतिग्रस्त हुए शौचालयों एवं नये निर्मित परिवारों में शौचालयों की मांग के दृष्टिगत, चिन्हीकरण का कार्य घर-घर जाकर त्रुटिरहित करने के निर्देश दिए। उन्हों कहा कि ऐसे परिवारों का पारदर्शी ढंग से चिन्हीकरण करते हुए उन्हें संतृप्त किया जाए। उन्होंने यह निर्देश भी दिए कि निर्मित शौचालयों का शत-प्रतिशत उपयोग सुनिश्चित कराया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने ‘हर घर नल’ की शीघ्र कार्ययोजना बनाकर उसके प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड एवं विन्ध्याचल क्षेत्र की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना तैयार की जाए। उन्होंने वर्षा जल संचयन एवं अतिरिक्त जल के रीचार्ज हेतु पुराने नलकूप, हैण्डपम्प एवं कुओं इत्यादि की मरम्मत करके उपयोग में लाए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप राज्य स्तर पर योजना का निर्माण इस प्रकार किया जाए कि शत-प्रतिशत लोगों को नल से जल उपलब्ध हो सके। इसके सम्बन्ध में ग्राम स्तर तक प्लम्बर इत्यादि के प्रशिक्षण की गहन योजना बनाना जरूरी है। डार्क जोन, ब्लैक जोन, इंसेफेलाइटिस, आर्सेनिक, फ्लोराइड इत्यादि से प्रभावित भूजल वाले क्षेत्रों हेतु विशेष कार्ययोजना बनाते हुए कार्य किए जाएं।
केन्द्र सरकार के सचिव श्री परमेश्वरन् अय्यर ने मुख्यमंत्री जी को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनके द्वारा निर्देशित बिन्दुओं को कार्ययोजना में आवश्यक रूप से सम्मिलित किया जाएगा। साथ ही, उनके निर्देशों का पालन किया जाएगा। राज्य की योजना में 55 लीटर जल प्रति व्यक्ति प्रतिदिन की गणना के आधार पर योजना का निर्माण किया जाएगा।
श्री अय्यर ने कहा कि उत्तर प्रदेश की महिलाओं के सम्मान हेतु ‘इज्जत घर’ की अवधारणा को देश के अन्य राज्यों ने भी प्रेरणा लेकर अपनाया है। इस काॅन्सेप्ट की देश भर में प्रशंसा भी हुई है। उन्होंने कहा कि ओ0डी0एफ0 प्लस की निरन्तरता हेतु स्वच्छाग्रहियों, सफाई कर्मियों, पंचायत प्रतिनिधियों, निगरानी समिति के सदस्यों का वृहद स्तर पर प्रशिक्षण इस प्रकार दिया जाए कि लोग सफाई के लिए सरकार पर निर्भर न रहकर स्वयं सफाई के लिए आगे आएं।