देहरादून: उत्तराखंड 10 महीने बाद बनी उत्तराखण्ड कांग्रेस प्रदेश कार्यकारिणी की नई टीम के गठन के साथ ही कांग्रेस के भीतर घमासान मच गया है। टीम में परिवारवाद को तवज्जो दिए जाने और कई पुराने कांग्रेसियों के पत्ते कटने के बाद पार्टी के भीतर असंतोष फैल गया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की 112 सदस्यी जम्बो टीम को कांग्रेस के भीतर दायित्व बंटवारे को लेकर मचे असंतोष की वजह माना जा रहा है जिसके गठन के पीछे मुख्यमंत्री हरीश रावत की पूरी छाप नजर आ रही है।
बामुश्किल कांग्रेस आला कमान ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की 112 सदसीय टीम को हरी झंड़ी दे दी। इसमें 22 उपाध्यक्ष और 28 महासचिव व 50 सचिव बनाए गए हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की इस विशाल सेना में जहां विधायकों व दायित्वधारियों को किनारे रखा गया तो वहीं मुख्यमंत्री हरीश रावत की चाहत को तरजीह दी गई।
मुख्यमंत्री हरीश रावत के पुत्र आनंद रावत, पुत्री अनुपमा रावत, सीएम के समधि व साले को भी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के संगठन में जगह दी गई। इसके अलावा हरिद्वार जिले को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की जिम्बो कार्यकारिणी में विशेष तवज्जो दी गई।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की नई कार्यकारिणी के गठन के साथ ही प्रदेश कांग्रेस में घमासान मच गया है। कांग्रेस विधायक हीरा सिंह बिष्ट की माने तो संगठन में तालमेल बिठाते हुए कार्यकारिणी बनाई जानी बेहद जरूरी है जो कि मौजूदा वक्त में नजर नहीं आती है। वहीं संगठन में तवज्जो न मिलने से नाराजा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि यह टीम कप्तान किशोर उपाध्याय की मर्जी है कि वह किस टीम के साथ मैच खेलना चाहते हैं और मुख्यमंत्री हरीश रावत जैसे कोच और टीम कैप्टन के सहोयग से टीम बनाई गई है लिहाजा 2017 की चुनौतियां भी सामने खड़ी है।
5 comments