नई दिल्ली: मुंबई में फिल्म प्रभाग परिसर में स्थित भारतीय सिनेमा के राष्ट्रीय संग्रहालय (एनएमआईसी) के उद्घाटन की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। संग्रहालय सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता दिग्गज फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल ने की। उन्होंने फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों से अपील करते हुए आगे आकर उन दुर्लभ कलाकृतियों, स्मृति चिह्नों को राष्ट्रीय संग्रहालय में दान करने का आग्रह किया है जो भारत में सिनेमा के शताब्दी वर्ष की यात्रा के इतिहास को वर्णित करेंगे।
मुंबई में आयोजित संग्रहालय सलाहकार समिति ने बैठक में संग्रहालय की विषयगत प्रदर्शनी के द्वितीय चरण को अपनी मंजूरी दे दी है। संस्कृति मंत्रालय के अधीन आने वाला राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद, कोलकाता संग्रहालय की देखभाल करेगी।
बैठक में विशेष रूप से आमंत्रित सूचना एवं प्रसारण सचिव श्री अजय मित्तल ने कहा कि सरकार एनएमआईसी को विशेष महत्व दे रही है ताकि भारतीय सिनेमा के विभिन्न पहलुओं को पेश करने के लिए एक मंच का निर्माण किया जा सके।
एनएमआईसी की कल्पना दो चरणों वाले संग्रहालय के रूप में की गयी है। पहले चरण में संग्रहालय एक विरासती इमारत गुलशन महल में होगा जिसमें कलाकृतियों को प्रदर्शित किया जाएगा और जिसमें एक कालानुक्रमिक रूप में भारतीय सिनेमा का वर्णन होगा। संग्रहालय के द्वितीय चरण में यह एक आधुनिक इमारत में अवस्थित होगा जिसमें 40 से अधिक संवादात्मक गैलरीज होंगी जो भारतीय सिनेमा को समर्पित होंगी। इसमें सिनेमा के मूक युग से लेकर टॉकीज की यात्रा, प्रौद्योगिकी और रचनात्मकता का वर्णन भी होगा।
श्याम बेनेगल ने कहा, ” एक फिल्म संग्रहालय में यात्रा के मनोरंजक अनुभव होने चाहिए और हमारे पास परस्पर संवाद के विभिन्न माध्यम होने चाहिए जहां दर्शक उत्कृष्ठ क्लिप्स देख सकें, दुर्लभ रिकॉर्डिंग सुन सके या यह समझ सकें कि कैसे सिनेमा युग की शुरुआत हुई।”
इस बैठक के दौरान दिग्गज फिल्म निर्माता अडूर गोपालकृष्णन और कृष्णा स्वामी, प्रसिद्ध चलचित्रकार ए. के. बीर, भारतीय राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार के पूर्व निदेशक सुरेश छाबड़िया, फिल्म समीक्षक संजीत नार्वेकर, एनसीएसएम के महानिदेशक अनिल मानेकर और छत्रपति शिवाजी वास्तु संग्रहालय, मुंबई के महानिदेशक सब्यसाची मुखर्जी और फिल्म क्यूरेटर अमृत गांगर आदि मौजूद थे।
एनएमआईसी का उद्घाटन होने के बाद यह भारत में अपने तरह का पहला राष्ट्रीय फिल्म संग्रहालय होगा।