लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की खुशहाली खेतों में हरियाली तथा किसानों को उन्नतिशील खेती, फसलों का रिकार्ड उत्पादन करने के लिए आधुनिक नई तकनीक से खेती करने की जानकारी दिये जाने का अभियान चलाया जा रहा है।
शासन के निर्देशानुसार कृषकों को कृषि की नई तकनीक उपलब्ध कराने हेतु प्रचार-प्रसार कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश में स्थापित कृषि विज्ञान केन्द्रों (के0वी0के0) के साथ प्रत्येक माह के प्रथम बृहस्पतिवार को वैज्ञानिक, कृषक तथा कृषि अधिकारियों की बैठक का आयोजन किया जा रहा है एवं प्रदेश में एग्रो क्लाईमेटिक जोनवार तीन दिवसीय विराट किसान मेलों का आयोजन किया गया है। इस मेले में कृषकों की समस्याओं का स्थानीय निदान तथा कृषि निवेश कृषि तकनीक भी उपलब्ध करायी गयी है। विगत वषों मे प्रदेश की कृषि उत्पादकता में उत्तरोत्तर हो रही वृद्धि को और तीव्र गति देने हेतु कृषि उत्पादन की नवीन तकनीक को ससमय कृषकों तक पहंुचाने तथा सामयिक कृषि संसाधन व्यवस्था हेतु मण्डल, जनपद, विकास खण्ड एवं न्याय पंचायत स्तर पर खरीफ एवं रबी मौसमों के प्रारम्भ में गोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है। गोष्ठियों में कृषि विश्वविद्यालय एवं अन्य संस्थाओं के वैज्ञानिक तथा प्रदेश स्तर के अन्य विभागों के अधिकारियों द्वारा भाग लेकर कृषकों के हितोपयोगी बनाया जाता है।
कृषि विभाग द्वारा कृषकों के लिए कृषि की सम-सामयिक समस्याओं के निदान एवं तकनीकी ज्ञान मे वृद्धि हेतु मासिक बुलेटिन ‘‘कृषि चिन्तन‘‘ का प्रकाशन किया जा रहा है। इस बुलेटिन को प्रदेश के समस्त ग्राम पंचायतों, विभागीय कर्मचारियों, प्रगतिशील कृषकों एवं जन-प्रतिनिधियों को निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा विभाग द्वारा कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र की सम-सामयिक समस्याओं के निदान एवं अद्यतन पद्धति एवं तकनीकों के प्रचार-प्रसार हेतु कृषि एवं पशुपालन मासिक पत्रिका का प्रकाशन किया जाता है तथा इसे कृषकों को उपलब्ध कराया जाता है जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए बायो फर्टीलाइजर, बायो पेस्टीसाइड्स एवं बायो एजेन्ट्स के वितरण पर 75 प्रतिशत अनुदान एवं मृदा में सूक्ष्म तत्वों की कमी को दूर करने एवं भूमि सुधार के उद्देश्य से जिंक सल्फेट 50 प्रतिशत एवं जिप्सम के वितरण पर भी 75 प्रतिशत अनुदान विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कृषकों को उपलब्ध कराया जा रहा हंै।है।
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