नई दिल्ली: पहले फोटोग्राफी फिर पुरानी गाड़ियों की खरीद-फरोख्त का कारोबार कर रहे युवक के लालच ने उसे शॉर्ट कट से अधिक मुनाफा कमाने के लालच में धकेल दिया।
फोटो एडिटिंग का इस्तेमाल कर वह कलर प्रिंटर से नकली करंसी बनाकर चलाने भी लगा। घर के एक कमरे में उसने नोट बनाने का कारखाना बना लिया। वह सिर्फ तीन रुपए के खर्च में 50 रुपए का नकली, लेकिन हूबहू असली जैसा नोट बनाने भी लगा था, लेकिन पुलिस के मुखबिर तंत्र ने उसे दबोच लिया। फिलहाल वह जेल में है।
नई दुनिया की रिपोर्ट के अनुसार भोपाल के ऐशबाग थाना प्रभारी अजय नायर ने बताया कि लक्ष्मीगंज गल्ला मंडी निवासी अंकित अहिरवार (23) ने 12वीं तक पढ़ाई की। इसके बाद वह त्रिलंगा कॉलोनी में एक फोटो स्टूडियो में काम करने लगा।
वहां पर कंप्यूटर से फोटो एडिटिंग में एक्सपर्ट हो गया। कुछ दिनों पहले अधिक पैसा कमाने के लिए उसने पुरानी कारें खरीदने का काम शुरू किया। रंगरोगन करने के बाद वह मुनाफे पर कार बेच देता था। लेकिन यह धंधा भी उसे रास नहीं आया।
उसके शातिर दिमाग में ने फोटोग्राफी के पेशे में हासिल किए हुनर से नकली करंसी तैयार करने का ख्याल आया।
अंकित ने 10 हजार रुपए में कलर प्रिंटर और 500 रुपए में बेहतर कागज लेकर काम को अंजाम देना शुरू कर दिया। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि 50 का एक नकली नोट बनाने में उसे महज तीन रुपए का खर्च आता था।