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ऑनलाइन भुगतान प्रणाली माल भाड़ा और सभी प्रकार के सहायक शुल्कों के संग्रह की सुविधा उपलब्ध कराएगी

देश-विदेश

सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी में शानदार प्रगति से अब वेब के माध्यम से ऑनलाइन भुगतान प्रणाली पेश करना आसान गया है, जिससे भाड़ा और सहायक शुल्क सहित सभी प्रकार के शुल्कों का भुगतान संभवन होने का अनुमान है और भुगतान सरल, आसान, तेज और पारदर्शी हो जाएंगे। ऐसा ग्राहक द्वारा चुकाए जाने वाले विभिन्न शुल्कों के भुगतान के लिए वेब के विकल्प को सक्षम बनाकर ऐसा किया जा सकता है।

रेल मंत्रालय ने इस दिशा में आज से यानी 30 अप्रैल, 2021 से भाड़ा शुल्कों के लिए ऑलनलाइन भुगतान प्रणाली के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। यह ऑनलाइन भुगतान प्रणाली द्वारा एसबीआई के भुगतान गेटवे के माध्यम से माल भाड़ा व्यवसाय विकास (एफबीडी) के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। इस पर माल भाड़ा और सभी प्रकार के सहायक शुल्कों जैसे प्रीमियम शुल्क (प्रीमियम इंडेंट के मामले में), वैगन पंजीकरण शुल्क, विलंब शुल्क, व्हारफेज, साइडिंग शुल्क, शंटिंग शुल्क, पुनः बुकिंग शुल्क, डायवर्जन शुल्क आदि के संग्रह के लिए सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। एफबीडी के माध्यम से ऑनलाइन भुगतान प्रणाली 24×7 उपलब्ध रहेगी। ये दिशानिर्देश 01.06.2021 से लागू हो जाएंगे।

माल भाड़ा शुल्क के लिए ऑनलाइन भुगतान प्रणाली के लिए रेल मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों में निम्नलिखित मुख्य विशेषताएं शामिल हैं :

ऑनलाइन भुगतान प्रणाली:

  • ऑनलाइन भुगतान प्रणाली, एसबीआई के भुगतान गेटवे के माध्यम से माल भाड़ा व्यवसाय विकास (एफबीडी) पोर्टल पर उपलब्ध कराई जाएगी। इस पर भाड़ा और सभी प्रकार के सहायक शुल्कों जैसे प्रीमियम शुल्क (प्रीमियम इंडेंट के मामले में), वैगन पंजीकरण शुल्क, विलंब शुल्क, व्हारफेज, साइडिंग शुल्क, शंटिंग शुल्क, पुनः बुकिंग शुल्क, डायवर्जन शुल्क आदि के संग्रह के लिए सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
  • एफबीडी के माध्यम से ऑनलाइन भुगतान प्रणाली 24×7 उपलब्ध रहेगी।
  • इस सुविधा के उपयोग के इच्छुक ग्राहक/ द्वितीय ग्राहकों को मांग के इलेक्ट्रॉनिक पंजीकरण (ई-आरडी) की नीति के तहत पंजीकरण के लिए निर्धारित प्रक्रिया के तहत एफबीडी पोर्टल पर खुद को पंजीकरण कराना होगा।
  • माल भेजने वाले/ माल प्राप्त करने वाले का ग्राहक के रूप में और इंडोर्सी/ हैंडलिंग एजेंट का द्वितीयक ग्राहक के रूप में उल्लेख किया जाएगा। ई-आरडी में पहले से पंजीकृत ग्राहकों को इस सुविधा के लिए फिर से पंजीकृत कराने की जरूरत नहीं होगी।
  • ग्राहक अपने इंडोर्सी/हैंडलिंग एजेंट का द्वितीयक ग्राहक के रूप में पंजीकरण करा सकेंगे और शुल्कों (जैसे भाड़ा, प्रीमियम इंडेंट के मामले में प्रीमियम शुल्क, वैगन पंजीकरण शुल्क, विलंब शुल्क, साइडिंग शुल्क, शंटिंग शुल्क आदि।) के नाम का उल्लेख कर सकेंगे, जिनका भुगतान ऐसे द्वितीय ग्राहक द्वारा ग्राहक की तरफ से किया जाएगा। हालांकि, दिशानिर्देशों के तहत, रेलवे के बकाये की देनदारी ग्राहक (माल भेजने वाले/ प्राप्त करने वाले) पर होती है और ये ही सभी भुगतान के लिए जवाबदेह होंगे।
  • ऑनलाइन भुगतान नेटबैंकिंग/ आरटीजीएस/ एनईएफटीजैसे सभी माध्यमों, टीएमएस लोकेशन पर ग्राहक के डैसश बोर्ड के माध्यम से क्रेडिट कार्ड/ डेबिट कार्ड/ यूपीआई जैसे सभी माध्यमों से उपलब्ध होंगे।

माल लिपिक डैशबोर्ड:

ई-पंजीकृत ग्राहकों के लिए:

  • माल लिपिक के लए एक डैशबोर्ड उपलब्ध कराया जाएगा। यूजर-आईडी के साथ लॉगइन करने पर माल लिपिक सभी पंजीकृत ग्राहकों और द्वितीयक ग्राहकों का ब्योरा देखने में सक्षम हो जाएगा, जिसमें उनका कोड और जीएसटीआईएन संख्या आदि शामिल है।
  • डैशबोर्ड गुड्स पर लिपिक भाड़ा शुल्क, प्रीमियम शुल्क (प्रीमियम इंडेंट के मामले में), एफओआईएस/टीएमएस के माध्यम से परिगणित वैगन पंजीकरण शुल्क देख सकेंगे और ग्राहक के लिए साइडिंग शुल्क, शंटिंग शुल्क, व्हारफेज, विलंब शुल्क (यदि मैनुअली गणना की जाती है), पुनः बुकिंग शुल्क, डायवर्जन शुल्क आदि भरा जाएगा।
  • प्रणाली ग्राहक और द्वितीयक ग्राहक (जिसके लिए वह ग्राहक द्वारा भुगतान करने के लिए पंजीकृत है और अधिकृत है) के खिलाफ शुल्क आगे बढ़ाएगा।
  • एक बार ऑनलाइन भुगतान प्रणाली के माध्यम से भुगतान होने पर, यह माल लिपिक के डैशबोर्ड पर नजर आने लगेगा। भुगतान की पुष्टि होने के बाद, प्रणाली माल लिपिक डैशबोर्ड के मद में हुए भुगतान दिखानी लगेगी और प्रणाली पर संग्रहण का विपरण अपडेट हो जाएगा।
  • एक बार भुगतान की पुष्टि होने के बाद रेलवे प्राप्ति/ धन प्राप्ति/ जीएसटी इनवॉयस की पुष्टि होने पर, जैसी स्थिति हो, माल लिपिक द्वारा रसीस जारी की जा सकती है।
  • एक बार ऑनलाइन भुगतान होने पर, प्रणाली माल लिपिक के रिकॉर्ड के लिए हर भुगतान के एवज में भुगतान पुष्टीकरण स्लिप भी जारी करेगी।
  • प्रणामली में जैसे ही विवरण दर्ज होता है, यह सीधे बहीखाते में नजर आने लगेगा।
  • किसी ग्राहक या द्वितीयक ग्राहक के मामले में, ई-पंजीकरण के बावजूद, वह माल लिपिक को ड्राफ्ट/चेक/नगद में सीधे भुगतान करने को इच्छुक है तो माल लिपिक भुगतान प्राप्त कर सकता है और उसके पास खुद टर्मिनल पर भुगतान प्राप्ति की सूचना के साथ डैशबोर्ड पर इसे दर्ज करने की सुविधा होगा। इस मामले में, माल लिपिक द्वारा दिशानिर्देशों के तहत रेलवे प्राप्ति/ धन प्राप्ति/ जीएसटी इनवॉयस जारी की जा सकती है।

गैर ई-पंजीकृत ग्राहकों के लिए:

  • गैर-ई पंजीकृत ग्राहक के मामले में, माल लिपिक के पास ग्राहक का विवरण दर्ज करने और मांग दर्ज करते समय और उसकी इंडेंट संख्या की पहचान करने का विकल्प दिया जाएगा। इस क्रम में, वैगन पंजीकरण शुल्क, प्रीमियम इंडेंट के मामले में प्रीमियम शुल्क और भाड़ा शुल्क की गणना एफओआईएस/टीएमएस के माध्यम से की जाएगी और माल लिपिक ऐसे ग्राहक के साइडिंग शुल्क, शंटिंग शुल्क, व्हारफेज, विलंब शुल्क (यदि मैनुअली गणना की गई है), पुनः बुकिंग शुल्क, डायवर्जन शुल्क आदि फीड करेंगे। इन मामलों में, मामल लिपिक द्वारा दिशानिर्देशों के तहत रेलवे प्राप्ति/धन प्राप्ति/जीएसटी इनवॉयस जारी की जारी की जा सकती हैं।
  • उपर्युक्त दिये गए विवरण और जैसे प्रणाली में भले गए हैं, उसे सीधे बहीखाते में उठा लिया जाएगा।

ई-पंजीकृत ग्राहक डैशबोर्ड:

  • ग्राहक/ द्वीतीयक ग्राहक को बकाये शुल्क के भुगतान के संबंध में उसके पंजीकृत- मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी पर एक संदेश प्राप्त होगा।
  • रेलवे का बकाया भुगतान निर्धारित दिशानिर्देशों के तहत होंगे और यदि लागू हो तो विलंब भुगतान शुल्क भी चुकाना होगा।
  • ग्राहक/ द्वितीय ग्राहक अपनी यूजर आईडी और पासवर्ड के द्वारा एफबीडी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन भुगतान प्रणाली पर लॉग-इन करेगा।
  • ग्राहक/ द्वितीय ग्राहक पर लगाए गए शुल्क ग्राहक/ द्वितीयक ग्राहक के खाते में नजर आएगा, जैसा लागू हो।
  • ग्राहक ऐसे शुल्कों के भुगतान सहित सभी शुल्क के भुगतान में सक्षम होगा, जो उसने द्वितीय ग्राहक से वसूले हों।
  • द्वीतीय ग्राहक ऐसे शुल्कों का भुगतान करने में सक्षण होगा, जिनके लिए ग्राहक द्वारा उसे अधिकृत किया गया है।
  • ग्राहक को हर मद में व्यक्तिगत रूप से शुल्क चुनने और भुगतान की अनुमति दी जाएगी। ग्राहक व्यक्तिगत शुल्क चुनेगा और भुगतान के लिए विवरण उपलब्ध कराएगा।
  • प्रणाली उपलब्ध विभिन्न साधनों के माध्यम से भुगतान चुनने या अधिकृत करने के लिए ग्राहक को पेमेंट गेटवे पेज पर ले जाएगी।
  • एक बार प्राधिकार मिलने के बाद ग्राहक भुगतान करता है और सफल भुगतान होने पर, ग्राहक सीधे भुगतान एप्लीकेशन पर पहुंच जाएगा और प्रणाली एफओआईएस/ टीएमएस एप्लीकेशन में भुगतान का विवरण दर्ज हो जाएगा और वह अन्य भुगतान कर सकता है।
  • एक बार सफल भुगतान होने पर, इसका ग्राहक के डैशबोर्ड पर उल्लेख हो जाएगा।
  • द्वितीयक ग्राहक द्वारा सफल भुगतान की स्थिति में, यह ग्राहक डैशबोर्ड में भुगतान के रूप में दिखने लगेगा।
  • रेलवे प्राप्ति/ धन प्राप्ति और संबंधित जीएसटी इनवॉयस जारी हो  जाएगी और दिशानिर्देशों के तहत एप्लीकेशन के साथ ही पंजीकृत ई-मेल पर पीडीएफ फाइल के रूप पर इसे ग्राहक के साथ साझा कर दिया जाएगा।
  • प्रणाली में एक प्रावधान होनना चाहिए, जहां ग्राहक अपने सामने आई समस्याओं/ मुद्दे साझा कर सकता है और समयबद्ध तरीके से उनका रेलवे मंडलों/सीआरआईएस/एफओआईएस द्वारा समाधान निकाला जा सकेगा।

आवश्यकता की स्थिति में:

  • किसी भी तरह की आवश्यकता की स्थिति में, जहां सफल भुगतान और ग्राहक के खाते से पैसे कटने व संग्रह एफओआईएस/टीएमएस में नजर नहीं आने पर, ग्राहक फिर से भुगतान करेगा।
  • फिर से भुगतान पर, प्रणाली कार्यवाही से पहले पेमेंट गेटवे से पिछले लेनदेन की स्थिति की जांच करेगी।
  • पिछला लेनदेन सफल होने की स्थिति में, प्रणाली संबंधित लेनदेन के सफल लेनदेन की स्थिति को दर्ज करेगी और भुगतान के लिए आगे कार्यवाही किए बिना रेलवे प्राप्ति/धन प्राप्ति/ जीएसटी इनवॉयस जारी कर दी जाएगी।
  • अगर पिछला लेनदेन सफल नहीं हुआ था तो प्रणाली नए संग्रहण लेनदेन के साथ आगे बढ़ेगी।
  • मिलान के बाद, यदि एफओआईएस/ टीएमएस में कोई लेनदेन नाकाम दर्ज होता है, लेकिन ग्राहक के खाते से धनराशि कट जाती है फिर लेनदेन की राशि प्रणाली द्वारा खुद ही वापस कर दी जाती है।
  • ग्राहक/ द्वितीयक ग्राहक के ऑनलाइन भुगतान प्रणाली के माध्यम से भुगतान में सक्षम नहीं होने या किसी आपात स्थिति में ऑनलाइन भुगतान प्रणामली के माध्यम से भुगतान की स्थिति/ भुगतान के इच्छुक नहीं होने पर, वह ड्राफ्ट/चेक/नकदी के माध्यम से भुगतान कर सकते हैं, क्योंकि टर्मिनल पर भी यही स्थिति हो सकती है।

ऑनलाइन रिफंड की प्रक्रिया:

निम्नलिखित मामलों में ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से बैंक द्वारा प्राप्त भुगतान से बैंक द्वारा ऑनलाइन रिफंड किया जाएगा-

  • डब्ल्यूआरएफ का रिफंड: ऑनलाइन द्वारा संग्रहित डब्ल्यूआरएफ के रिफंड के लिए, एफओआईएस डब्ल्यूआरएफ रिफंड की नीति के तहत एक रिफंड फाइल जारी करेगा और उसे पार्टी को भुगतान की व्यवस्था के लिए एसबीआई को इसे भेजा जाएगा (जैसा पीआरएस को रिफंड)/ यूपीआई के माध्यम से बुक यूटीएस टिकट्स के मामले में किया गया है)।रिफंड सूची को संबंधित मूल स्टेशन द्वारा रिफंड वाउचर के रूप मेंलिया जाएगा। यह रिफंड वाउचर बहीखाते का भाग होगा, जिसे यातायात खाता कार्यालय एफओआईएस में जमा ऑनलाइन बहीखाते के माध्यम से देखा जा सकता है।
  • परिचालन संबंधी वजहों के चलते कम दूरी के लिए डायवर्जन कि स्थिति में भाड़े का रिफंड : रेलवे खाते पर डायवर्जन पर छोटी दूरी के लिए डिलिवरी की स्थिति में जिसके लिए ऑनलाइन भुगतान किया गया है, सुपरसेशन आरआर जारी होने पर एफओआईएस द्वारा रिफंड दिया जाएगा। एफओआईएस एक रिफंड फाइल जारी करेगा और पार्टी को भुगतान की व्यवस्था के लिए एसबीआई को भेजेगा (जैसा पीआरएस को रिफंड/ यूपीआई के माध्यम से बुक यूटीएस टिकट्स के मामले में किया गया है)।रिफंड सूची को संबंधित मूल स्टेशन द्वारा रिफंड वाउचर के रूप मेंलिया जाएगा। यह रिफंड वाउचर बहीखाते का भाग होगा, जिसे यातायात खाता कार्यालय एफओआईएस में जमा ऑनलाइन बहीखाते के माध्यम से देखा जा सकता है।
  • विलंब शुल्क और व्हारफेज का रिफंड : ऑनलाइन भुगतान प्रणाली के माध्यम से संग्रहित विलंब शुल्क और व्हारफेज के रिफंड के लिए, माल लिपिक सक्षम प्राधिकरण द्वारा दी गई छूट के आधार पर एक भुगतान आदेश जारी करेगा और अधिकार संख्या और एफओआईएस में तारीख जैसे प्राधिकरण विवरण हासिल करेगा। भुगतान आदेश के आधार पर एफओआईएस एक रिफंड फाइल जारी करेगा और उसे पार्टी को भुगतान की व्यवस्था के लिए एसबीआई को भेजेगा (जैसा पीआरएस को रिफंड/ यूपीआई के माध्यम से बुक यूटीएस टिकट्स के मामले में किया गया है)।रिफंड सूची को संबंधित स्टेशन द्वारा रिफंड वाउचर के रूप में लिया जाएगा। यह रिफंड वाउचर बहीखाते का भाग होगा, जिसे यातायात खाता कार्यालय एफओआईएस में जमा ऑनलाइन बहीखाते के माध्यम से देखा जा सकता है।

मिलान की प्रक्रिया:

  • प्रणाली द्वारा खुद ही मिलान किया जाएगा।
  • टी + 1 यानी लेनदेन (संग्रह और रिफंड) के अगले दिन, भुगतान गेटवे प्रणाली एक एफओआईएस/ टीएमएस प्रणाली को एक रिपोर्ट उपलब्ध कराएगी, जिससे सफल लेनदेनों की सूची शामिल होगी।
  • भुगतान गेटवे प्रदाता से प्राप्त भुगतान निस्तारण सफल स्थिति रिपोर्ट के आधार पर, एफओआईएस/ टीएमएस एप्लीकेशन में एक क्वेरी/ रिपोर्ट के रूप में सफल लेनदेनों की सूची जारी होगी।
  • अपवाद रिपोर्ट के रूप में क्वेरी/ रिपोर्ट मिलान उद्देश्य से जारी की जाएगी।
  • मिलान के बाद ग्राहक के खाते से दो बार निकासी या भुगतान में कटौती जैसी कोई विसंगति होने की लेकिन एफओआईएस/ टीएमएस प्रणाली में निबटारा नहीं हने पर, रेलवे मंडल को प्रक्रिया का पालन करते हुए ग्राहक को लेनदेन रिफंड करना होगा।

यह खुशी की बात हो सकती है कि वर्तमान में इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणाली भाड़े के संग्रह के लिए लागू है, जहां सभी बड़े और नियमित ग्राहक कवर किए जाते हैं। हालांकि, आकस्मिक ग्राहक पारंपरिक साधनों के माध्यम से भाड़ा शुल्क का भुगतान करते हैं। इसके अलावा, सहायक शुल्कों (वैगन पंजीकरण शुल्क, विलंब शुल्क, व्हारफेज, साइडिंग शुल्क, शंटिंग शुल्क आदि) का भुगतान पारंपरिक साधनों से किया जाता है।

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