प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज विज्ञान भवन में राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (एनएलपी) का शुभारंभ किया। इस अवसर पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति की शुरुआत को भारत के विकसित देश बनने के ‘प्रण’ को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अंतिम छोर तक जल्द वितरण सुनिश्चित करने, परिवहन संबंधी चुनौतियों को समाप्त करने, निर्माताओं के समय और धन की बचत करने, कृषि उत्पादों की बर्बादी रोकने के लिए ठोस प्रयास किए गए हैं और उन प्रयासों के प्रकटीकरण में से एक आज की राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति है।’ समन्वय में सुधार से क्षेत्र को गति मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और देश में चीजें तेजी से बदल रही हैं। आज सुबह जंगल में चीता छोड़ने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी चाहते हैं कि सामान भी चीते की रफ्तार से पहुंचे। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर होते भारत की गूंज हर तरफ है। भारत निर्यात के बड़े लक्ष्य निर्धारित कर रहा है और उसे पूरा भी कर रहा है। भारत विनिर्माण केंद्र के तौर पर उभर रहा है, यह धारणा दुनिया के मन में स्थिर हो रही है। अगर हम पीएलआई योजना का अध्ययन करें तो पाएंगे कि दुनिया ने इसे स्वीकार कर लिया है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे में राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति हर क्षेत्र के लिए नई ऊर्जा लेकर आई है। उन्होंने कहा कि नीति तो एक शुरुआत होती है, नीति और प्रदर्शन से प्रगति तय होती है। उन्होंने समझाया कि पॉलिसी के साथ प्रदर्शन के पैरामीटर, रो़डमैप और टाइमलाइन जब जुड़ जाते हैं तो वह प्रगति के रूप सामने आती है। उन्होंने कहा, ‘आज का भारत कोई भी नीति बनाने से पहले उसके लिए जमीन तैयार करता है, तभी कोई नीति सफलतापूर्वक लागू की जा सकती है। राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति अचानक शुरू नहीं की जा रही है, इसके पीछे 8 साल की कड़ी मेहनत है। यह नीतिगत बदलाव है, अहम निर्णय है और अगर मैं अपने लिए कहूं तो मेरे 22 साल के शासन का अनुभव जुड़ा है।’
प्रधानमंत्री ने दोहराया कि व्यवस्थित बुनियादी ढांचे के विकास के लिए लॉजिस्टिक्स कनेक्टिविटी में सुधार करने के लिए सागरमाला, भारतमाला जैसी योजनाएं लागू की गईं, समर्पित माल ढुलाई गलियारे के काम में अभूतपूर्व तेजी लाने का प्रयास किया गया। श्री मोदी ने कहा कि भारतीय बंदरगाहों की कुल क्षमता में काफी वृद्धि हुई है, कंटेनर जहाजों का औसत टर्नअराउंड 44 घंटे से घटकर 26 घंटे पर आ गया है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए 40 एयर कार्गो टर्मिनलों का निर्माण किया गया है। 30 हवाई अड्डों पर कोल्ड स्टोरेज की सुविधा मुहैया कराई गई है। देशभर में 35 मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स हब भी बनाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘जलमार्ग के जरिए हम पर्यावरण के अनुकूल और कम खर्च में परिवहन कर सकते हैं, इसके लिए देश में कई नए जलमार्ग भी बन रहे हैं।’ उन्होंने कोरोना काल के दौरान किसान रेल और किसान उड़ान के प्रयोग का भी जिक्र किया। आज 60 हवाई अड्डों पर कृषि उड़ान की सुविधा उपलब्ध है।
लॉजिस्टिक क्षेत्र को मजबूत करने के लिए तकनीक अपनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने ई-संचित के माध्यम से पेपरलेस एग्जिम व्यापार प्रक्रिया, कस्टम्स में फेसलेस कर निर्धारण, ई-वे बिल का प्रावधान, फास्टैग आदि ने लॉजिस्टिक्स क्षेत्र की क्षमता काफी बढ़ा दी है। उन्होंने लॉजिस्टिक्स क्षेत्र से संबंधित मामलों को सुगम बनाने में जीएसटी जैसी एकीकृत कर प्रणाली के महत्व को भी समझाया। ड्रोन नीति में बदलाव और इसे पीएलआई योजना से जोड़ने से लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने विस्तार से बताया, ‘इतना सब कुछ करने के बाद ही हम राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति लेकर आए हैं।’ प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, ‘हम सभी को मिलकर लॉजिस्टिक लागत वर्तमान में 13-14 फीसदी से घटाकर एक अंक में लाने का लक्ष्य रखना चाहिए। अगर हमें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनना है तो ये एक प्रकार से सबसे आसान काम है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूलिप) परिवहन क्षेत्र से संबंधित सभी डिजिटल सेवाओं को एक ही पोर्टल पर लाएगा, जिससे निर्यातकों को लंबी और बोझिल प्रक्रियाओं से मुक्त किया जा सकेगा। इसी तरह नीति के तहत एक नया डिजिटल प्लेटफॉर्म ईज ऑफ लॉजिस्टिक्स सर्विसेज- ई लॉग्स भी शुरू किया गया है। उन्होंने कहा, ‘इस पोर्टल के माध्यम से उद्योग संघ ऐसे किसी भी मामले को सरकारी एजेंसियों के समक्ष उठा सकते हैं, जिसमें उनके संचालन और प्रदर्शन में समस्या आ रही है। ऐसे मामलों के तेजी से समाधान के लिए पूरी व्यवस्था की गई है।’
श्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति को सबसे ज्यादा सहयोग पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान से मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि आज देश के सभी राज्य और केंद्रशासित इकाइयां इससे जुड़ चुके हैं और लगभग सभी विभाग एक साथ काम करना शुरू कर चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकारों की विभिन्न बुनियादी परियोजनाओं से संबंधित जानकारियों का एक बड़ा डेटाबेस तैयार हो चुका है। आज, केंद्र और राज्य सरकारों से करीब 1500 लेयर्स में डेटा पीएम गतिशक्ति पोर्टल पर आ रहा है। गतिशक्ति और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति मिलकर अब देश को नई कार्य संस्कृति की ओर ले जा रही है। हाल ही में स्वीकृत गतिशक्ति विश्वविद्यालय से जो प्रतिभा निकलेगी, उससे भी बहुत बड़ी मदद मिलेगी।’
प्रधानमंत्री ने आज कहा कि दुनिया भारत को एक ‘लोकतांत्रिक महाशक्ति’ के रूप में देख रही है। उन्होंने भारत के ‘असाधारण प्रतिभा पारिस्थितिकी तंत्र’ की बात की, जिससे विशेषज्ञ प्रभावित हैं और वे भारत के दृढ़ संकल्प और प्रगति की प्रशंसा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत के प्रति दुनिया का नजरिया बदल रहा है। आज दुनिया भारत का सकारात्मक मूल्यांकन कर रही है और भारत से बड़ी उम्मीदें लगाई बैठी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक संकट के बीच भारत और भारतीय अर्थव्यवस्था की मुश्किलों से उभरने की क्षमता ने दुनिया को नए भरोसे से भर दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बीते वर्षों में भारत ने जो सुधार किए हैं, जो नीतियां लागू की हैं वे अभूतपूर्व हैं। इसलिए दुनिया का भारत के प्रति विश्वास बढ़ा है।’ उन्होंने आग्रह किया कि हमें दुनिया के इस भरोसे पर पूरी तरह खरा उतरना है। उन्होंने कहा, ‘यह हमारी जिम्मेदारी है, हम सभी का दायित्व है। आज शुरू की गई राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति हर क्षेत्र में नई गति लाने में मदद करेगी।’
प्रधानमंत्री ने भारतीयों में प्रतिस्पर्धी व्यवहार का आग्रह किया और कहा कि भारत, जो विकसित होने के लिए दृढ़ संकल्प है, को अब विकसित देशों के साथ अधिक प्रतिस्पर्धा करनी है इसलिए सब कुछ प्रतिस्पर्धी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सेवा क्षेत्र हो, विनिर्माण हो, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स हो हमें हर क्षेत्र में बड़े लक्ष्य निर्धारित करने हैं और उसे हासिल भी करना है। प्रधानमंत्री ने भारत में बने उत्पादों के प्रति दुनिया के बढ़ते आकर्षण का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘भारत के कृषि उत्पाद हों, भारत का मोबाइल हो या भारत की ब्रह्मोस मिसाइल आज इनकी दुनियाभर में चर्चा है।’ प्रधानमंत्री ने भारत में बने कोविड टीकों और दवाओं का भी उल्लेख किया, जिसने दुनियाभर में लाखों लोगों की जान बचाने में मदद की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में बने उत्पाद दुनिया के बाजार में छाएं, इसके लिए देश में सपोर्ट सिस्टम का मजबूत होना जरूरी है। राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति इस सपोर्ट सिस्टम को आधुनिक बनाने में बहुत मदद करेगी। श्री मोदी ने यह भी कहा कि जब लॉजिस्टिक्स से जुड़ी समस्याएं कम होती हैं और देश का निर्यात बढ़ता है तो छोटे उद्योगों और उनमें काम करने वाले लोगों को भी उसका बड़ा लाभ होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि लॉजिस्टिक्स क्षेत्र की मजबूती आम आदमी का जीवन ही आसान नहीं करेगी बल्कि श्रम और श्रमिकों का भी सम्मान बढ़ाने में मदद करेगी।
अपने संबोधन के आखिर में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति में बुनियादी ढांचे के विकास, कारोबार के विस्तार और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने की अपार संभावनाएं हैं। हमें इन संभावनाओं को एक साथ मिलकर साकार करना होगा।’
इस अवसर पर लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के प्रतिनिधियों श्री आर दिनेश, प्रबंध निदेशक, टीवीएस आपूर्ति श्रृंखला समाधान; श्री रमेश अग्रवाल, सीईओ, अग्रवाल पैकर्स एंड मूवर्स; श्री अमिताभ साहा, संस्थापक और सीईओ एक्सप्रेसबीज लॉजिस्टिक्स ने भी अपने विचार सामने रखे।
इस अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल, केंद्रीय सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री, श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान और केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्री सोम प्रकाश उपस्थित थे।
पृष्ठभूमि
राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति की आवश्यकता महसूस की गई क्योंकि भारत में अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में लॉजिस्टिक्स खर्च बहुत अधिक है। घरेलू और निर्यात, दोनों बाजारों में भारतीय सामानों की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार के लिए लॉजिस्टिक्स लागत को कम करना अनिवार्य है। कम लॉजिस्टिक्स खर्च से अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में दक्षता सुधरती है, मूल्यवर्धन और उद्यम को प्रोत्साहन मिलता है।
2014 के बाद से सरकार ने कारोबार सुगमता और जीवन सुगमता (ईज ऑफ लिविंग) दोनों को बेहतर करने पर काफी जोर दिया है। राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति एक विषय से दूसरे, एक क्षेत्र से दूसरे और बहु-क्षेत्राधिकार ढांचे को निर्धारित कर ज्यादा लागत और अक्षमता के मुद्दों के समाधान के लिए एक व्यापक प्रयास है। पूरे ईकोसिस्टम के विकास की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। यह नीति भारतीय सामानों की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार, आर्थिक विकास को बढ़ाने और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने का एक प्रयास है।
समग्र योजना और कार्यान्वयन में सभी हितधारकों के सहयोग से विश्वस्तरीय आधुनिक बुनियादी ढांचे का विकास प्रधानमंत्री का विजन रहा है। इससे परियोजना के लागू होने में दक्षता और तालमेल बना रहेगा। पिछले साल प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई पीएम गतिशक्ति- मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान, इस दिशा में एक अग्रणी कदम था। राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति के शुभारंभ के साथ पीएम गतिशक्ति को और बढ़ावा मिलेगा।
National Logistics Policy is a comprehensive effort to enhance efficiency of the logistics ecosystem in India. https://t.co/70ZlTMQILp
— Narendra Modi (@narendramodi) September 17, 2022
Make in India और आत्मनिर्भर होते भारत की गूंज हर तरफ है।
भारत export के बड़े लक्ष्य तय कर रहा है, उन्हें पूरे भी कर रहा है।
भारत manufacturing hub के रूप में उभर रहा है, वो दुनिया के मन में स्थिर हो रहा है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) September 17, 2022
ऐसे में National Logistics Policy सभी sectors के लिए नई ऊर्जा लेकर आई है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) September 17, 2022
Logistic connectivity को सुधारने के लिए, systematic Infrastructure development के लिए हमने सागरमाला, भारतमाला जैसी योजनाएं शुरू कीं, Dedicated Freight Corridors के काम में अभूतपूर्व तेजी लाए: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) September 17, 2022
आज भारतीय Ports की Total Capacity में काफी वृद्धि हुई है और container vessels का औसत टर्न-अराउंड टाइम 44 घंटे से अब 26 घंटे पर आ गया है।
वॉटरवेज के जरिए हम Eco-Friendly और Cost Effective ट्रांसपोर्टेशन कर पाएं, इसके लिए देश में अनेकों नए वॉटरवेज भी बनाए जा रहे हैं: PM
— PMO India (@PMOIndia) September 17, 2022
सरकार ने technology की मदद से भी logistics sector को मजबूत करने का प्रयास किया है।
ई-संचित के माध्यम से paperless EXIM trade process हो,
Customs में faceless assessment हो,
e-way bills, FASTag का प्रावधान हो,
इन सभी ने logistics sector की efficiency बहुत ज्यादा बढ़ा दी है: PM
— PMO India (@PMOIndia) September 17, 2022
नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी को सबसे ज्यादा सपोर्ट अगर किसी से मिलने वाला है, तो वो है पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान।
मुझे खुशी है कि आज देश के सभी राज्य और केंद्र शासित इकाइयां इससे जुड़ चुके हैं और लगभग सभी विभाग एक साथ काम करना शुरु कर चुके हैं: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) September 17, 2022
दुनिया के बड़े-बड़े एक्सपर्ट कह रहे हैं कि भारत आज ‘democratic superpower’ के तौर पर उभर रहा है।
एक्सपर्ट्स, भारत के ‘extraordinary talent ecosystem’ से बहुत प्रभावित हैं।
एक्सपर्ट्स, भारत की ‘determination’ और ‘progress’ की प्रशंसा कर रहे हैं: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) September 17, 2022
भारत में बने प्रॉडक्ट्स दुनिया के बाजारों में छाएं, इसके लिए देश में Support System का मजबूत होना भी उतना ही जरूरी है।
नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी हमें इस सपोर्ट सिस्टम को आधुनिक बनाने में बहुत मदद करेगी: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) September 17, 2022