राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने गोवा राजभवन में गोवा सरकार द्वारा उनके सम्मान में आयोजित नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कुछ लाभार्थियों को वन अधिकार अधिनियम के तहत ‘सनद’ भी वितरित किए।
सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने इतनी गर्मजोशी से किए स्वागत के लिए गोवा के लोगों को धन्यवाद दिया। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि गोवा सतत विकास लक्ष्यों के मापदंडों पर अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। उन्होंने कहा कि विकास के कई क्षेत्रों में गोवा देश के अग्रणी राज्यों में से एक है।
राष्ट्रपति ने गोवा के लोगों की उदारता और आतिथ्य सत्कार की सराहना की। उन्होंने कहा कि गोवा के लोगों की यह विशेषता पर्यटकों को आकर्षित करने में उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी कि यहां के समुद्र तट और पश्चिमी घाट की प्राकृतिक सुंदरता आकर्षित करती है।
राष्ट्रपति ने कहा कि यहां के समृद्ध वन क्षेत्र गोवा की अमूल्य प्राकृतिक निधि हैं और इनका संरक्षण किया जाना चाहिए। पश्चिमी घाट के घने जंगल कई जंगली जानवरों के प्राकृतिक आवास हैं। इन प्राकृतिक धरोहरों का संरक्षण करने से गोवा के सतत विकास को गति मिलेगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यहां के जनजातीय और अन्य समुदायों की परंपराओं का संरक्षण करते हुए उन्हें विकास में भागीदार बनाया जाना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि गोवा एक पर्यटन स्थल होने के अलावा, शिक्षा, व्यापार और वाणिज्य, उद्योग, प्रौद्योगिकी एवं नौसेना रक्षा का एक महत्वपूर्ण केंद्र भी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि गोवा की महानगरीय संस्कृति में लैंगिक समानता की परंपरा है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि गोवा के उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्राओं की संख्या 60 प्रतिशत से अधिक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि गोवा के कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है।
राष्ट्रपति ने खेल, कला, सार्वजनिक सेवा, आध्यात्मिकता और साहित्य जैसे विभिन्न क्षेत्रों में गोवा के लोगों के योगदान को याद किया। उन्होंने विश्वास जताया कि गोवा आधुनिकता और परंपरा के बीच संतुलन बनाते हुए आगे बढ़ेगा।