नई दिल्ली: राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी कल (5 नवम्बर, 2015) को राष्ट्रपति भवन में ‘इम्प्रिंट इंडिया’ का शुभारम्भ करेंगे। ‘इम्प्रिंट इंडिया’ भारत के लिए प्रासंगिक दस प्रौद्योगिकी क्षेत्रों की प्रमुख अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी संबंधी चुनौतियों से निपटने की योजना तैयार करने के लिए समस्त आईआईटी संस्थानों और आईआईएससी की संयुक्त पहल है। यह शुभारम्भ आगंतुक सम्मेलन के भाग के तहत आयोजित समारोह में किया जाएगा।
प्रधानमंत्री इम्प्रिंट इंडिया ब्रोशर का लोकार्पण करेंगे और उसकी प्रथम प्रति राष्ट्रपति को सौंपेंगे। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन इरानी भी समारोह को सम्बोधित करेंगी।
राष्ट्रपति द्वारा 22 अगस्त 2014 को राष्ट्रपति भवन में आयोजित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के अध्यक्षों, शासक मंडलों और निदेशकों के सम्मेलन के दौरान ‘इम्प्रिंट इंडिया’ का शुभारम्भ करने के विचार ने जन्म लिया। यह प्रधानमंत्री के इस सुझाव पर आधारित है कि राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों द्वारा किए जाने वाले अनुसंधान का संबंध व्यापक रूप से समाज की तात्कालिक जरूरतों से होना चाहिए।
इस पहल के उद्देश्य हैं : (1) समाज के लिए तात्कालिक रूप से प्रासंगिक नवाचार की जरूरत वाले क्षेत्रों की पहचान करना, (2) चिन्हित क्षेत्रों में प्रत्यक्ष वैज्ञानिक अनुसंधान, (3) इन क्षेत्रों में अधिकतम वित्तीय सहायता सुनिश्चित करना और (4) ग्रामीण/शहरी क्षेत्रों में जीवन के स्तर पर प्रभाव के संदर्भ में अनुसंधान के प्रयास के निष्कर्षों का आकलन।
‘इम्प्रिंट इंडिया’ दस विषयों पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिनमें से प्रत्येक का समन्वयन एक आईआईटी/आईआईएससी द्वारा किया जाएगा यथा :
1) स्वास्थ्य संबंधी देखरेख- आईआईटी खडगपुर
2) कंप्यूटर विज्ञान एवं आईसीटी- – आईआईटी खडगपुर
3) एडवांस मैटिरियल्स — आईआईटी कानपुर
4) जल संसाधन एवं नदी प्रणालियां – – आईआईटी कानपुर
5) सतत शहरी अभिकल्प – आईआईटी रुड़की
6) रक्षा- आईआईटी मद्रास
7) विनिर्माण- आईआईटी मद्रास
8) नैनो- टेक्नोलॉजी हार्डवेयर- आईआईटी बम्बई
9) पर्यावरणीय विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन – आईआईएससी, बेंगलूरु
10) ऊर्जा सुरक्षा- आईआईटी बम्बई
दस समन्वयन संस्थानों ने व्यापक परामर्श किया है और अनुसंधान के प्रत्येक क्षेत्र में ऐसे विशिष्ट विषयों तक पहुंचे हैं, जिनकी तात्कालिक सामाजिक प्रासंगिकता है। ‘इम्प्रिंट इंडिया’ का शुभारम्भ आगंतुक सम्मेलन के दौरान किया जा रहा है, ताकि अकादमिक समुदाय के बीच व्यापक विचार-विमर्श हो सके और इन क्षेत्रों में विविध संस्थानों के बीच वैज्ञानिक सहयोग को आगे बढ़ाया जा सके। केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी, एनआईटी, आईआईएससी, बेंगलुरू, आईआईएसईआर, आईआईआईटी, एनआईपीईआर, एनआईएफटी, आईआईईएसटी, शिबपुर, आरजीआईपीटी, रायबरेली, आरजीएनआईवाईडी, श्रीपेरूम्बुदूर, स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर भोपाल और नई दिल्ली से शीर्ष अनुसंधान समुदाय और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी उस समारोह में भाग लेंगे, जिसमें ‘इम्प्रिंट इंडिया’ के साथ आगंतुक सम्मेलन का शुभारम्भ किया जाएगा, जहां आगे की चर्चाएं होंगी।