नई दिल्ली: राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने मोजाम्बिक गणराज्य के राष्ट्रपति श्री फिलिप जेशिंटो न्यूसी और डॉ.(श्रीमती) इसौरा फाराव न्यूसी का राष्ट्रपति भवन में स्वागत किया। उन्होंने उनके सम्मान में एक प्रीतिभोज का भी आयोजन किया। श्री न्यूसी का स्वागत करते हुए राष्ट्रपति ने मोजाम्बिक के चौथे राष्ट्रपति के रूप में उनके निर्वाचन पर उन्हें बधाई दी। राष्ट्रपति बनने के बाद एशिया में अपने पहले गंतव्य के रूप में भारत को चुनने के लिए उन्होंने श्री न्यूसी की सराहना की। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत मोजाम्बिक के साथ अपने संबंधों को काफी महत्व देता है। भारतीय कंपनियों ने मोजाम्बिक में काफी निवेश किये हैं। हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। श्री मुखर्जी ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि मोजाम्बिक के राष्ट्रपति के दौरे से भारत और मोजाम्बिक के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों और साझेदारी को मजबूती मिलेगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि मोजाम्बिक की निरन्तर उच्च आर्थिक वृद्धि दर को देखकर भारत खुश है। प्राकृतिक गैस और खनिजों की हाल में की गयी खोजों से भविष्य में काफी उम्मीद है। मोजाम्बिक के सभी क्षेत्रों में विकास में साझेदारी करने के लिए भारत तैयार है। गैस के निर्यात से मोजाम्बिक की अर्थव्यवस्था में वृद्धि की उम्मीदों के बीच व्यापार और निवेश की संभावना बढ़ी है। दोनों देशों को द्विपक्षीय व्यापार में विविधता लाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
प्रीतिभोज के अवसर पर अपने भाषण में राष्ट्रपति ने कहा कि यह राजकीय दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारत और मोजाम्बिक अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना का 40वां वर्ष मना रहा है। भारत इस बात से खुश है कि तब से मोजाम्बिक ने गरीबी घटाने, साक्षरता बढ़ाने, अपनी जनता के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने और अपने कृषि उत्पादन में काफी वृद्धि करके उल्लेखनीय प्रगति की है। पिछले दो दशकों में आंतरिक शांति और स्थायित्व सुनिश्चित करके और विविध सुधारों को लागू करके मोजाम्बिक ने अपने आप को अफ्रीका की सबसे तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्थाओं के रूप में स्थापित कर लिया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों के बीच अनेक अन्योन्याश्रय संबंधों को विकसित करने की दिशा में काफी संभावना है। साथ ही, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य सुविधा और मोजाम्बिक के महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों के दोहन सहित कई क्षेत्रों में अपना सहयोग बढ़ाने की दिशा में भी काफी संभावना है। संयुक्त राष्ट्र, राष्ट्रमंडल और हिन्द महासागर रिम एसोसिएशन सहित अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत मोजाम्बिक के साथ अपने सहयोग को महत्व देता है। संयुक्त राष्ट्र के इस 70वें वर्ष में भारत मोजाम्बिक के साथ ही अफ्रीकी संघ और दक्षिणी अफ्रीकी विकास समुदाय के साझेदारों के साथ मिलकर काम करना चाहता है, ताकि दीर्घ प्रतीक्षित सुधारों पर काम किया जा सके।
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर दोहराते हुए कहा है कि भारत अफ्रीका के साथ अपनी साझेदारी के लिए काफी प्रतिबद्ध है। भारत इस वर्ष अक्तूबर में तीसरे भारत-अफ्रीका फॉर्म शिखरसम्मेलन की मेजबानी करेगा। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि इस शिखऱसम्मेलन से हमारी जनता के लिए सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने हेतु नई और सृजनशील अवधारणाएं उपलब्ध होंगी।
अपने उत्तर में, मोजाम्बिक के राष्ट्रपति ने कहा कि वह भारत में काफी सुकून महसूस करते हैं और उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद में एक छात्र के रूप में अपने दिनों को याद किया। उन्होंने कहा कि उनके दौरे के समय किये गये विचार-विमर्श सफल और सकारात्मक रहे हैं। उन्हें इस बात का पूरा भरोसा है कि उनके दौरे से दोनों देशों के बीच व्यापार और सहयोग बढ़ेगा और दोनों देशों की जनता एक दूसरे के निकट आएगी।