नई दिल्ली: राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज (6 जनवरी, 2016) पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के बिल्वाग्राम में पंडित मदन मोहन तर्कालंकार के द्विशतवार्षिकी समारोह का
उद्घाटन किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने महिलाओं के बीच शिक्षा के प्रसार एवं 13वीं सदी के बंगाल में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों को दूर करने में पंडित मदन मोहन तर्कालंकार के ऐतिहासिक योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि पंडित मदन मोहन तर्कालंकार एक महान समाज सुधारक थे जिन्होंने बंगाल में शिक्षा के प्रसार के लिए एक मजबूत नींव रखी। राष्ट्रपति महोदय ने बताया कि पंडित मदन मोहन तर्कालंकार ने तीन अंकों में शिशुशिक्षा नामक पहली बंगाली प्राथमिक विद्यालय किताब लिखी। पंडित मदन मोहन तर्कालंकार ने जॉन इलियट ड्रिंकवाटर बेथुने द्वारा स्थापित कोलकाता फीमेल स्कूल में अपनी दोनों बेटियों को भेजकर एक उदाहरण किया जिससे कि शहर की लड़कियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि पंडित मदन मोहन तर्कालंकार बंगाली एवं संस्कृत साहित्य को और अधिक समृद्ध बनाने में योगदान दे सकते थे, अगर वे 41 वर्ष की आयु से अधिक जीवित रहते।
राष्ट्रपति महोदय ने इस अवसर पर पंडित मदन मोहन तर्कालंकार भवन का शिलान्यास भी किया।