नई दिल्ली: राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी, चेन्नई में उनके सम्मान में आयोजित रात्रि भोज में भाग लिया।
राष्ट्रपति महोदय ने इस अवसर पर अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि चेन्नई स्थित अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी की यात्रा जो 1963 में शुरू हुई थी, बहादुरी एवं निडरता से भरी पड़ी है।
राष्ट्रपति महोदय ने अधिकारियों से कहा कि उन्हें याद रखना चाहिए कि वे जिस सेना का नेतृत्व करते हैं वह विश्व में सर्वोत्तम है। सैन्य कार्यों में अच्छी तरह से उनका नेतृत्व करने के साथ-साथ उनके कल्याण की देखभाल करना एवं यह सुनिश्चित करना कि उन्हें जीवन का सर्वश्रेष्ठ संभव गुणवत्तापूर्ण जीवन मिले, भी उनका दायित्व है। उन्हें हमेशा अपने कार्यों द्वारा उदाहरण बनना चाहिए और उनसे वार्ता के लिए हमेशा उन्मुख रहना चाहिए।
राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि भारतीय सेना परिवर्तन के मध्य में है और इसे व्यापक दृष्टिकोण के विभिन्न प्रकार के कौशलों वाले स्फूर्तिमान एवं अनुकूलनीय नेताओं की आवश्यकता है। ऐसे समय में जहां उन्हें विभिन्न प्रकार के संघर्षों जिनमें बेहद कड़े मुकाबले से लेकर शांतिकाल के कार्यों, शांति बनाए रखने के प्रयासों, मानवीय प्रयासों, आतंक एवं उग्रवाद से मुकाबलों, छोटे स्तर की झड़पों इन सबसे बेहद तेजी से एवं एक साथ भी निपटने की आवश्यकता होगी, भारत को इस चुनौती के अनुरूप सैन्य नेताओं की आवश्यकता है। उनसे त्वरित तरीके से संचालनगत एवं अन्य कठिन परिस्थितियों में विवेकपूर्ण एवं नैतिक फैसले लिए जाने की उम्मीद की जाएगी। इस क्षमता को अर्जित करने के लिए उन्हें कठिन प्रशिक्षण करना होगा।