नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ब्रसेल्स में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। उन्होंने भारतीय समुदाय को भारत का ‘लोकदूत’ बताया। प्रधानमंत्री ने पिछले सप्ताह ब्रसेल्स में हुए भीषण आतंकवादी हमले को याद किया और इसमें हताहत लोगों के परिवार वालों को सांत्वना दी। उन्होंने आतंकवाद को मानवता के लिए चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि वक़्त की आवश्यकता है कि मानवतावादी शक्तियां आतंकवाद से लड़ने के लिए एकजुट हों।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इतने बड़े ख़तरे के बावजूद दुनिया ने आतंक को उतने ही परिमाण में जवाब नहीं दिया है- और ‘अच्छा आतंकवाद’ एवं ‘बुरा आतंकवाद’ जैसे शब्द केवल इसको मज़बूत बनाते हैं। श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्होंने दुनिया के कई बड़े नेताओं से बातचीत की है और आतंकवाद एवं धर्म को अलग-अलग रखने पर ज़ोर दिया है। उन्होंने हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित विश्व सूफी सम्मेलन का ज़िक्र किया जहां उदार इस्लामिक विद्वानों ने आतंकवाद की भर्त्सना की थी। उन्होंने कहा कि कट्टरपंथ को रोकने के लिए यह रवैया आवश्यक था। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद की समाप्ति के लिए सही वातावरण का निर्माण होना आवश्यक है।
प्रधानमंत्री ने अफसोस जताया कि संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद का कोई संरचित उत्तर देने के लिए सामने आने में सफल नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र इस बारे में अपनी ज़िम्मेदारी नहीं निभा पाया है एवं कोई उपयुक्त समाधान लेकर सामने नहीं आया है। प्रधानमंत्री ने चेतावनी दी कि ऐसे संस्थान जो नई स्थितियों का उचित जवाब नहीं दे पाते, उनके अप्रासंगिक हो जाने का डर रहता है।
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि पूरी दुनिया, जो कि आर्थिक संकट से गुज़र रही है, ने भारत को आशा की किरण के तौर पर पहचाना है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व की सबसे तेज़ी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है, और ऐसा अच्छा भाग्य होने के कारण नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सिलसिलेवार सूखे के दो सालों के बावजूद ऐसा हुआ है। उन्होंने कहा कि यह बेहतर नीयत एवं सही नीतियों का परिणाम है। वर्ष 2015 के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी इच्छा सरकार के कामकाज का लेखा जोखा पेश करने की थी। उन्होंने एथेनॉल के पेट्रोल में सम्मिश्रण एवं उत्पादन बढ़ाकर यूरिया की कमी ख़त्म करने और उस पर नीम के लेपन बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि निर्धन लोगों को बड़ी संख्या में एलपीजी के कनेक्शन दिए गए थे। उन्होंने कहा कि ऐसा सम्पन्न वर्ग से सब्सिडी त्यागने की अपील वाले अभियान के कारण हो पाया, एवं अब तक 90 लाख लोग ऐसा कर चुके हैं। प्रधानमंत्री ने इस बारे में केंद्रीय बजट की वचनबद्धता के बारे में भी चर्चा की।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में विद्युत एवं कोयले का सर्वाधिक उत्पादन हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि रेल्वे में अच्छा ख़ासा निवेश किया गया है, क्योंकि उनका मानना है कि रेल्वे भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में कारों का उत्पादन एवं सॉफ्टवेयर निर्यात भी सर्वाधिक रहा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वित्तीय समेकन की मुहिम के अंतर्गत 21 करोड़ नए बैंक खाते खोले गए हैं। उन्होंने बताया कि किस प्रकार ‘जनधन आधार मोबाइल’ की योजना ने एलपीजी सब्सिडी में भ्रष्टाचार एवं ग़लत हाथों में धन पहुंचने पर अंकुश लगाया है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के लगभग सात दशकों के बावजूद 18000 गांव बिजली रहित रहे हैं, और उन्होंने 1000 दिनों में उन गांवों का विद्युतीकरण करने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि अब तक 7000 से अधिक गांवों का विद्युतीकरण हो चुका है। प्रधानमंत्री ने सड़क निर्माण की गति में वृद्धि की चर्चा भी की। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने 175 गीगावॉट की नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य की घोषणा की तो समूचा विश्व आश्चर्यचकित हो गया था, परंतु देश अब इसको हासिल करने के मार्ग पर है। उन्होंने कहा कि सैन्य बलों के लिए वन रैंक वन पेंशन का वायदा भी पूरा किया जा चुका है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बांग्लादेश के साथ सीमा समझौता इसका उदाहरण था कि किस प्रकार जटिल मसलों का शांतिपूर्ण समाधान किया जा सकता है। उन्होंने नरेंद्र मोदी एप्लिकेशन एवं भारत-बेल्जियम संबंधों पर मिले सुझावों के बारे में भी बताया। प्रधानमंत्री ने एनआरआई लोगों हेतु हाल ही में लिए गए हितकारी निर्णयों की चर्चा भी की।