लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपने सरकारी आवास पर प्रदेश के 29 जनपदों में सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान, समस्त जनपदों में विशेष टीकाकरण अभियान, आयुष्मान भारत योजना के गोल्डन काॅर्ड वितरण अभियान के प्रथम चरण का शुभारम्भ और बी0आर0डी0 मेडिकल काॅलेज, गोरखपुर में नव निर्मित कल्चर एण्ड डी0एस0टी0 लैब (सी0 एण्ड डी0एस0टी0), राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम विषयक प्रचार-प्रसार सामग्री का लोकार्पण किया। उन्होंने ड्रग रेज़िसटेंट क्षय रोगियों के उपचार के लिए नई औषधि (डेलामेनिड) का वितरण भी किया। इस अवसर पर उन्होंने मीडिया का आहवान करते हुए कहा कि उसे ऐसे सामाजिक सरोकारों से जुड़ते हुए लोगों में इसके सम्बन्ध में जागरूकता फैलाने का महत्वपूर्ण कार्य करना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान सरकार सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरी सक्रियता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि जब पूरा विश्व वैश्विक महामारी कोविड-19 से त्रस्त है, ऐसे में भी प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग ने अच्छा कार्य किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल खण्ड में प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को आगे बढ़ाने का जो कार्य चिकित्सकों और मेडिकल स्टाफ ने किया है। वह अत्यन्त सराहनीय है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्ष 2025 तक भारत को टी0बी0 मुक्त करने जो लक्ष्य रखा है, प्रदेश सरकार उस संकल्प को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्यपाल द्वारा 18 साल से कम उम्र के उपचाराधीन बच्चों को गोद लेने की अपील के सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं। आज प्रदेश में 18 साल से कम उम्र के उपचाराधीन बच्चों को गोद लिया गया है। इस पहल से इन बच्चों को बेहतर उपचार, देखभाल और पुष्टाहार के साथ परिजनों को भावनात्मक एवं सामाजिक सहयोग भी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा टी0बी0 के मरीजों को पोषण हेतु 500 रुपए की धनराशि उनके खातों में उपलब्ध कराई जा रही है। इस अवसर पर क्षय रोग से सम्बन्धित एक डाॅक्यूमेंट्र फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बावजूद प्रदेश में नियमित टीकाकरण का कार्य जारी रहा। लेकिन सम्भव है कि कोविड-19 महामारी के नियन्त्रण की कार्यवाही के दौरान कुछ बच्चे टीकाकरण से वंचित रह गए हों। टीकाकरण से छूटे ऐसे समस्त बच्चों का टीकाकरण करने हेतु आज से प्रदेश में विशेष टीकाकरण अभियान का शुभारम्भ किया जा रहा है। यह अभियान प्रदेश के समस्त जनपदों में आगामी 03 माह तक प्रत्येक सोमवार (प्रत्येक सप्ताह बुधवार और शनिवार के अतिरिक्त) को चलाया जाएगा।
मख्यमंत्री जी ने कहा कि शिुश मृत्यु दर को कम करने के लिए राज्य सरकार लगतार कार्य रही है। शिशु मृत्यु दर को नियमित टीकाकरण द्वारा रोका जा सकता है। नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश में जानलेवा बीमारियों यथा तपेदिक, गलाघोंटू, काली खांसी, टिटनेस, पोलियो, खसरा, रूबेला, हैपेटाइटिस-बी, रोटा वायरस, एफ0-आई0पी0वी0, मीजिल्स रूबेला, जे0ई0, पी0सी0वी0 डी0पी0टी0 तथा टी0डी0 की वैक्सीन दिया जाता है। मीजिल्स रूबेला के वैक्सीन के साथ विटामिन ‘ए’ की खुराक भी दी जा रही है। टीकाकरण बच्चों के जीवन और भविष्य को सुरक्षित करने का सबसे प्रभावी और सुलभ तरीका है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने बच्चों एवं गर्भवती माताओं का टीकाकरण किया। उन्होंने श्री शंकर लाल, श्रीमती सोनी देवी, श्री संतोष, श्री सुशील, श्रीमती ताहिरा को गोल्डेन कार्ड प्रदान किया। उन्होंने सुश्री अंकिता यादव, सुश्री महक और श्री सदफ को ड्रग रेज़िसटेंट क्षय रोगियों के उपचार के लिए नई औषधि (डेलामेनिड) प्रदान की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार को आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिया है। जिसके माध्यम से प्रत्येक परिवार को 05 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा कवर मिलता है। इस योजना के माध्यम से लाभार्थी को इम्पैनल्ड अस्पतालों में मुफ्त चिकित्सीय सुविधाएं प्राप्त होती हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग आयुष्मान मित्र की जवाबदेही तय करते हुए यह सुनिश्चित करे कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम 10 लोगों को इस योजना से जोड़ा जाए।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग नित नए आयाम स्थापित कर रहा है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना के माध्यम से 1.18 करोड़ परिवारों और मुख्यमंत्री जनआरोग्य अभियान के माध्यम से 8.43 लाख परिवारों को लाभ उपलब्ध कराया गया है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 एवं सूचना श्री नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री आलोक कुमार, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य वरष्ठि अधिकारी उपस्थित थे।