केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से गुजरात के भरूच में जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड के ‘सहकारी शिक्षण भवन’ का शिलान्यास किया। इस अवसर पर अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अपने संबोधन में केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड के प्रशिक्षण भवन का निर्माण न केवल लोगों को शिक्षित करेगा बल्कि सहकारी क्षेत्र के बुनियादी तत्वों, ज्ञान और महत्व को भी सामने लाएगा। भरूच जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के इस प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण होने के बाद यह कंप्यूटर लैब, सहकारी पुस्तकालय और मंडलियों के कामकाज के लिए सामान्य ज्ञान का केंद्र बन जाएगा। श्री शाह ने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी जी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब वर्ष 2001-02 में उन्होने सभी प्रकार की राजनीति को अलग रखकर भरुच डिस्ट्रिक्ट सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की मदद की थी। उस समय मोदी जी ने कहा था कि सहकारी आंदोलन तंत्र में कौन बैठा है, उसे देखकर काम नहीं किया जाता। हम किसानों, मंडलियों और दूध उत्पादकों को मदद पहुंचा रहे हैं। आज बैंक मजबूत बना है, देश में मात्र 5 प्रतिशत नॉन परफोर्मिंग एसेट (NPA) और 22 प्रतिशत लाभांश (Dividend) देनेवाले बैंक बहुत कम हैं और भरुच डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक उनमें से एक है। भरुच डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंक गुजरात के सबसे पुराने बैंकों में से एक है। 49 शाखाएं और लगभग 1205 करोड रुपये की पूंजी 115 साल पुराने इस बैंक के इतिहास के गवाह है।
श्री अमित शाह ने कहा कि जब तक सहकारी क्षेत्र में कर्तव्य और अधिकारों की जानकारी मंडली के स्तर पर नहीं पहुँचगे, तब तक हम सहकारी क्षेत्र को समृद्ध और पारदर्शी नहीं बना सकते। सहकारी क्षेत्र को लोक उपयोगी बनाने के लिए प्रशिक्षण बहुत जरुरी होता है। उन्होने कहा की यह हर्ष का विषय है कि भरुच डिस्ट्रिक्ट सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक ने अपनी तरफ से सवा तीन करोड रुपये खर्च कर यह आधुनिक प्रशिक्षण भवन बनाने का निर्णय लिया है। इससे भरुच जिले की सभी प्रकार की मंडलियों की ट्रेनिंग का काम होगा।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार ने एक निर्णय लिया है जिसके तहत केन्द्र और राज्य सरकार GEM प्लेटफॉर्म पर खरीद कर सकते हैं। प्रधानमंत्री जी ने निर्णय कर GEM प्लेटफॉर्म को को-ऑपरेटिव सोसायटियों के लिए खोलने का काम किया है, जिससे को-ऑपरेटिव सोसायटियों को खरीदी में पारदर्शिता का फायदा मिलेगा। इससे उनका खर्च बचेगा, खरीदी पारदर्शी आएगी और वे प्रतियोगिता में खड़ी रह सकेंगी।
श्री अमित शाह ने कहा कि आजादी के बाद श्री नरेन्द्र मोदी जी ने एक अलग सहकारिता मंत्रालय बनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया। आज़ादी के बाद 75 साल में किसी भी सरकार ने सहकारिता मंत्रालय बनाने के बारे नहीं सोचा लेकिन मोदी जी ने सहकारिता मंत्रालय बनाकर सहकारी क्षेत्र को प्राथमिकता देने का काम किया है। उसी तरह GEM प्लेटफोर्म पर सहकारी समितियों को एन्ट्री देकर प्रधानमंत्री जी ने सहकारी क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने का काम किया है। वर्ष 2022 के बजट में सहकारी क्षेत्र और सहकार विभाग के लिए 900 करोड़ रुपये दिये गये है। वैकल्पिक कर को साढ़े 18 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत और सरचार्ज 12 से घटाकर 7 प्रतिशत किया गया है। भारत सरकार और नाबार्ड मिलकर जल्द ही देश की सभी प्राईमरी एग्रीकल्चर क्रेडिट सोसायटी (PACS) का कम्प्युटराईजेशन करने वाले हैं। इससे 65 हजार से ज्यादा सहकारी मंडलियों को एक नया जीवन मिलने वाला है।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि गुजरात के आर्थिक विकास में सहकारी क्षेत्र का अमूल्य योगदान है। चाहे अमूल हो, हजारो की संख्या में दूध मंडलियाँ हों, सेवा सहकारी मंडली हों, हाउसिंग मंडली हों, मत्स्य पालन मंडलियाँ हों, सहकारिता विभाग ने हर क्षेत्र में सामान्य लोगों के साथ खडे रहने का बहुत बड़ा काम किया है। कोरोना काल में सभी डिस्ट्रिक्ट, नागरिक बैंकों, सभी APMC और सभी डेयरी ने फूड पेकेट से लेकर मास्क पहुँचाने तक और ऑक्सीजन उत्पादन में खुद की पूंजी का उपयोग कर सहकारी क्षेत्र ने गुजरात की बहुत मदद की है। उन्होने कहा कि को-ऑपरेटिव के बिना गुजरात के अर्थतंत्र के विकास की कल्पना हो ही नहीं सकती।
श्री अमित शाह ने कहा कि आज यह सहकारी बैंक एग्रीकल्चर ऋणो, नॉन-एग्रीकल्चर फायनान्स, डेरी उद्योग, कर्मचारियों और लोगों के फायनान्स और इन्डस्ट्रीयल क्षेत्र में भी अन्य बैंक के फायनान्स सहित अनेक क्षेत्रों में काम कर रहा है। आज जो प्रशिक्षण भवन बना है उससे हमें सहकारी क्षेत्र के मूल तत्वों, ज्ञान और महत्व को नीचे तक पहुँचाने में बहुत मदद मिलनेवाली है। इसके साथ-साथ सहकारी मंडली के सभी सदस्यों और उनके नियामक मंडल को सहकारी कानून का ज्ञान और सेवा एप्रोच का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। सहकारी कानून, कानून के उपनियम और कोर्ट के आदेशों को बताकर सहकारी तंत्र को मजबूत करने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देशभर में यह एक प्रकार से नई शुरुआत हो रही है और मुझे विश्वास है कि ज्यादा ये ज़्यादा लोग इस रास्ते पर चलेंगे और हम सहकारिता को और अधिक मजबूत बनाएंगे।