प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 टीके की डिलीवरी, वितरण एवं प्रशासन संबंधी तैयारियों की आज समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने टीका विकसित करने के प्रयास में जुटे नवाचारकर्ताओं, वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों और दवा कंपनियों की सराहना की और निर्देश दिया कि इस टीके के लिए अनुसंधान, विकास एवं विनिर्माण की सुविधा के लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए।
भारत में पांच टीके विकास के उन्नत चरणों में हैं। इनमें से 4 दूसरे एवं तीसरे चरण में हैं जबकि एक टीका पहले/दूसरे चरण में है। बांग्लादेश, म्यांमार, कतर, भूटान, स्विट्जरलैंड, बहरीन, ऑस्ट्रिया और दक्षिण कोरिया जैसे देशों ने भारतीय टीकों के विकास और इसके उपयोग के लिए भागीदारी करने में गहरी रुचि दिखाई है।
सबसे पहले टीका उपलब्ध कराने के अवसर को प्रशासित करने के उद्देश्य से स्वास्थ्यकर्मियों और अगले मोर्चे पर काम करने वाले कर्मियों का डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। साथ ही कोल्ड चेन में बढ़ोतरी और सीरिंज, सुई की खरीद आदि तैयारी उन्नत चरणों में हैं।
टीकाकरण के लिए आपूर्ति श्रृंखला बेहतर की जा रही है और गैर-टीका आपूर्ति भी बढ़ाई जा रही है। मेडिकल और नर्सिंग के छात्रों एवं शिक्षकों को टीकाकरण कार्यक्रम के प्रशिक्षण एवं कार्यान्वयन में शामिल किया जाएगा। सभी कदमों तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है ताकि प्राथमिकता के सिद्धांतों के अनुसार हर जगह और हरेक व्यक्ति तक टीके की पहुंच सुनिश्चित किया जा सके।
प्रधानमंत्री ने सभी प्रतिष्ठित राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों और नियामकों को साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया है ताकि भारतीय अनुसंधान एवं विनिर्माण में उच्चतम वैश्विक मानकों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके।
कोविड-19 के लिए टीका प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (एनईजीवीएसी) राज्य सरकारों और सभी संबद्ध हितधारकों के परामर्श से पहले चरण में प्राथमिकता वाले समूहों के टीकाकरण के लिए जोरशोर से तैयारी कर रहा है।
टीका प्रशासन एवं वितरण के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है और राज्य एवं जिला स्तर के हितधारकों के साथ साझेदारी के जरिये इसका परीक्षण किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने दवाओं के विनिर्माण एवं खरीद और आपातकालीन उपयोग संबंधी प्राधिकार के पहलुओं की समीक्षा की। राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय टीकों के तीसरे चरण के परीक्षण के परिणाम आने के साथ ही हमारे दमदार एवं स्वतंत्र नियामक जल्द एवं सख्ती से जांच करेंगे ताकि उपयोग के लिए मंजूरी दी जा सके।
सरकार ने कोविड-19 टीकाकरण के अनुसंधान एवं विकास का समर्थन करने के लिए कोविड सुरक्षा मिशन के तहत 900 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की है। प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि टीकाकरण अभियान को जल्द शुरू करने के लिए नियामकीय मंजूरी में तेजी लाने और समय पर खरीद करने के लिए एक समयबद्ध योजना बनाई जाए।
प्रधानमंत्री ने टीका विकास के लिए किए जा रहे व्यापक प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि वैश्विक महामारी में तेजी के मौजूदा परिदृश्य को देखते हुए मास्क लगाने, दूरी बनाए रखने और स्वच्छता सुनिश्चित करने जैसे निवारक उपायों में किसी भी तरह की छूट देने की गुंजाइश नहीं है।
बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य), प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, स्वास्थ्य सचिव, आईसीएमआर के महानिदेशक, पीएमओ के अधिकारी और भारत सरकार के संबंधित विभागों के सचिव उपस्थित हुए।