नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी रविवार, 28 जून, 2015 को वाराणसी में ‘एकीकृत विद्युत विकास कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। आईपीडीएस विद्युत मंत्रालय के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है और इसका लक्ष्य सभी के लिए चौबीसो घंटे और सातों दिन बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना है। इस कार्यक्रम की घोषणा 2014-15 के बजट में की गई थी, जिसका लक्ष्य सब-ट्रांसमिशन नेटवर्क, मीटर प्रणाली, आईटी अनुप्रयोगों, और ग्राहक देखभाल सेवाओं को मजबूत बनाना तथा पुनर्गठित त्वरित विद्युत विकास एवं सुधार कार्यक्रम (आरएपीडीआरपी) के अंतर्गत पहले से जारी कार्यों को पूरा करना है।
भारत सरकार आईपीडीएस की समूची अवधि के दौरान 45,800 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता उपलब्ध कराएगी। कुल राशि में से 1,067 करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश के लिए मंजूर किए गए हैं, जिनमें 572 करोड़ रुपये अकेले वाराणसी के निर्धारित किए गए हैं। इस परियोजना के अंतर्गत वाराणसी में मंदिरों और घाटों के आस-पास के क्षेत्रों में ओवर हेड विद्युत लाइनों को भूमिगत केबल में बदला जायेगा। आईपीडीएस के अंतर्गत उप-केन्द्रों, लाइनों और वितरण ट्रांसफॉर्मरों में विद्युत परिसंपत्तियों का उन्नयन करना, क्षमता में वृद्धि करना और पुराने विद्युत उप-केन्द्रों का जीर्णोद्धार करना और सरकारी भवनों की छतों पर सोलर पैनलों की संस्थापना करना शामिल है। आपीडीएस से समग्र तकनीकी और वाणिज्यिक (एटी एंड सी) हानियों में कमी लाने, ऊर्जा लेखांकन/लेखा परीक्षा प्रणाली को आईटी सक्षम बनाने, परिगणित खपत के आधार पर बिल ऊर्जा पद्धति और वसूली सक्षमता में सुधार लाने में कारग़र सिद्ध होगी।