लखनऊ: प्रदेश के चिकित्सा शिक्षामंत्री श्री सुरेश खन्ना ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा से जुड़े सभी लोग बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधा एवं अच्छी से अच्छी शिक्षा प्रदान करें। समाज में डाॅक्टर को ईश्वर के रूप में देखा जाता है। डाॅक्टर ही पृथ्वी पर ईश्वर का प्रतिनिधित्व करता है। लोगों के इस विश्वास को कायम रखें और अपने उत्कृष्ट कार्याें से इसे और मजबूत बनायें। चिकित्सा शिक्षामंत्री आज यहां योजना भवन में प्रदेश के जनपदीय मेडिकल काॅलेजों के प्रधानाचार्यों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभागीय समीक्षा कर रहे थे।
श्री खन्ना ने कहा कि डाॅक्टर के लिए नैतिकता एवं संवेदनशीलता का होना सबसे आवश्यक है। इस बात पर सबसे ज्यादा फोकस किया जाय कि नैतिक मूल्यों का ह्मस न हो। कक्षा में छात्रों को नीतिगत शिक्षा अवश्य दी जाय, उन्होंने कहा कि जिस अपेक्षा से समाज डाॅक्टर को देखता है और इलाज के लिए उसके पास आता है, उसको गम्भीरता से लेते हुए डाॅक्टर पूरी तल्लीनता एवं ईमानदारी से उसका इलाज करें।
चिकित्सा शिक्षामंत्री ने सभी मेडिकल काॅलेजों के प्रधानाचार्यों को निर्देश दिये कि उन्हें जो जिम्मेदारी दी गई है उसे लक्षित समय में पूरी मितव्ययिता के साथ पूरा करें। उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि सभी डाॅक्टर एवं कर्मचारी समय से कार्यालय पहुंचे। जो भी डाक्टर एवं शिक्षक समय से नहीं पहुंचते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाय।
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डाॅ रजनीश दुबे ने निर्देश दिये कि इन्सेफ्लाइटिस के प्रति सभी अधिकारी सचेत रहें, इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो। विभाग द्वारा तय लक्ष्य को समय से पूरा करें और सभी निर्देशों को पालन करें। उन्होंने कहा कि आयुष्मान योजना सरकार की महत्वाकांक्षी अभिनव योजना है। सभी प्रधानाचार्य यह सुनिश्चित करें कि इस योजना के माध्यम से अधिक से अधिक गरीब एवं वंचित लोगों को लाभ मिले। उन्होंने कहा कि इस योजना का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार कर इसके लाभ के बारे में लोगों को जागरूक किया जाये। इस दौरान फैकल्टी स्टेटस, आउटसोर्सिंग के माध्यम से भरे गये पद एवं आउटसोर्सिंग एजेन्सी का विवरण, आधारभूत सुविधाओं सहित फायर फाइटिंग के कार्यों एवं आवश्यक औषधि की उपलब्धता आदि की भी समीक्षा की गयी।