देहरादून: बदलाव बुनियाद से ही लाया जा सकता है। समाज में खुशहाली लानी है तो अभावग्रस्त लोगों को अवसर प्रदान करने होंगे। ऋण अदायगी में छोटे स्वयं
सहायता समूहों का रिकार्ड बेहतर रहता है। कारगी ग्रान्ट में उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक द्वारा आयोजित महिलाओं के संयुक्त देयता समूहों को ऋण वितरण शिविर में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि समय पर किश्त अदायगी करने से ज्यादा खुशहाली का रास्ता खुलता है। इससे बैंक और भी अधिक ऋण प्रदान करने के लिए पे्ररित होते हैं। ग्रामीण बैंक बांग्लादेश की तर्ज पर स्वयं सहायता समूहों की सहायता से गरीबी को दूर करने की दिशा में काम करें।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जो जितना साधनहीन होता है, उसमें अवसरों को भुनाने व आगे बढ़ने की ज्यादा चाहत होती है। ग्रामीण बैंक व नाबार्ड ने मिलकर जिन स्वयं सहायता समूहों को पोषित किया है, वे अच्छा काम कर रहे हैं। बदलाव बुनियाद से लाना होता है उससे कई शाखााएं फूटती हैं। अपनी किश्तें अदा करने के मामले में हमारे स्वयं सहायता समूह बहुत अच्छा कर रहे हैं। प्रसन्नता की बात है कि इन समूहों द्वारा शतप्रतिशत किश्तों की अदायगी की जा रही है। आज किश्त चुकाने पर आगे और अधिक ऋण की सुविधा मिलेगी। कुछ ज्यादा कमाएंगे, परिवार में ज्यादा खुशहाली आएगी। गरीबी से बाहर निकलने में कोई बाधा नहीं है। केवल किश्त समय पर अदा कर दी तो समूह सफल हो गया। समूह के सदस्य आपस में मदद करें। इससे बैंक भी प्रेात्साहित होंगे। एक गरीब दूसरे गरीब की मदद कर सकता है। इससे बदलाव तेज होता जाएगा और जल्दी खुशहाली आएगी।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हम रिवर फ्रन्ट योजना पर काम कर रहे है। नदियों के किनारे विकसित कर वहीं के लोगों को अपनी व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करने के लिए स्थान उपलब्ध करवाया जाएगा। इन्हीं मोहल्लों में रहने वालों के लिए जीवन के अवसर खोजेंगे। गरीबों को विधिवत तरीके से पूरी तरह से व्यवस्थित कर देंगे। हमारी नदियों के किनारे रोजगार व विकास के नए जोन बन जाएंगे। इसमें सभी का सहयोग चाहिए। देहरादून में पुराने बसे हुए लोगों को उजाड़ा नहीं जाएगा। परंतु नया अतिक्रमण नहीं होने दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि जिन बहनों के पास जो भी हुनर है उसके अनुरूप काम की व्यवस्था की जा रही है। भोजन बनाना, कढ़ाई, कताई, बुनाई से लेकर अन्य काम के अवसर महिला स्वयं सहायता समूहों को उपलब्ध करवाए जाएंगे। फूड व हस्तशिल्प के लिए महिला सराय विकसित किए जाएंगे।
केबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल ने कहा कि सभी वर्गों के उत्थान के लिए राज्य सरकार पूरा प्रयास कर रही है। स्वयं सहायता समूहों द्वारा जो भी काम किए जाएंगे, उससे आर्थिक उत्थान का मार्ग प्रशस्त होगा। कार्यक्रम में बताया गया कि उŸारांचल ग्रामीण बैंक द्वारा इस वर्ष 502 स्वयं सहायता समूहों व 782 संयुक्त देयता समूहों को 9 करोड़ रूपए का ऋण वितरित किया गया है। आज के शिविर में 100 समूहों की 400 महिलाओं को 1 करोड़ रूपए का ऋण वितरित किया गया है। इस अवसर पर नाबार्ड के सीएमडी सीपी मोहन सहित उत्तराखण्ड ग्रामीण बैंक के अधिकारी उपस्थित थे।
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