नई दिल्ली: जल संसाधन. नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री श्री विजय गोयल ने कहा है कि परियोजनाएं समय से पूरी की जानी चाहिए। आज नई दिल्ली में नदियों को जोड़ने के विषय पर बनी विशेष समिति की ग्यारहवीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्री गोयल ने कहा कि परियोजनाओं को सहज तरीके से लागू करने के लिए पारस्परिक सहमति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नदियों को जोड़ने का प्रयास जरूरतमंद राज्यों की जल उपलब्धता सुरक्षित करने को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि इस काम के लिए सिंचित भूमि , असिंचित भूमि, कृषि उत्पाद और उनके बाजार सहित देश की कृषि भूमि का विस्तृत अध्ययन करना होगा। श्री गोयल ने विश्वास व्यक्त किया कि राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी नए उत्साह के साथ काम करेगी और नदियों को जोड़ने वाली विलंबित परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करेगी।
इस बैठक में 26 जुलाई 2016 में नई दिल्ली में नदियों को जोड़ने के लिए बनी विशेष समिति की बैठक के कार्य विवरण की पुष्टि की गई। बैठक में पिछली बैठक में लिए गए निर्णयों के बारे में आगे की प्रगति की समीक्षा की गई। बैठक में जिन अन्य विषयों पर विचार किया गया उनमें केन-बेतवा संपर्क परियोजना चरण 1 की विभिन्न वैधानिक मंजूरियों की स्थिति , केन-बेतवा संपर्क परियोजना चरण 2 की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट की स्थिति , दमनगंगा-पिंजल तथा पार-तापी-नर्मदा संपर्क परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट की स्थिति, महानदी-गोदावरी का प्रणाली अनुकरण अध्ययन , नदियों को जोड़ने के लिए नदी बेसिन में सुरक्षित जल भंडार, अंतर राज्य संपर्क प्रस्तावों की स्थिति तथा राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी का नवीनीकरण शामिल है।
केंद्रीय मंत्रीमंडल ने 24 जुलाई 2014 को अपनी बैठक में नदियों को जोड़ने के लिए विशेष समिति के गठन को स्वीकृति दी थी। फिर इस स्वीकृति के अनुसार 23 सितंबर, 2014 को विशेष समिति गठित की गई । समिति की पहली बैठक 17 अक्टूबर 2014 को तथा अंतिम बैठक 29 अप्रैल 2016 को हुई। समिति सभी हितधारकों की राय पर विचार करने के बाद संदर्भ के अनुसार नदियों को जोड़ने का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। वैकल्पिक योजनाओं के विकास के लिए सहमति कायम करने के प्रयास किए जा रहे हैं और परियोजनाओं को पूरा करने की योजना भी बनाई जा रही है।