नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सीआईएसएफ अधिकारियों का आह्वान किया है कि वे नए तरह के आतंकवाद, विद्रोही गतिविधियों जैसी उभरती चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए खुद को तैयार रखें। उन्होंने वीआईपी सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, सरकारी इमारतों की सुरक्षा और विमानन सुरक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सीआईएसएफ की बढ़ती भूमिका पर जोर दिया। हैदराबाद में आज राष्ट्रीय औद्योगिक सुरक्षा अकादमी पर 29वें बेच के सहायक कमांडेंट/ सीधे नियुक्त, 9वें बेच के सहायक कमांडेंट/विभागीय प्रविष्टि और 41वें बेच के सब इंस्पेक्टरों की पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि साइबर अपराध जैसे अपराध के नए क्षेत्रों से निपटने के लिए बल को अपनी क्षमता में सुधार करना होगा क्योंकि दुनिया डिजीटल हो गई है। उन्होंने कहा कि बल की संख्या वर्तमान 1.36 लाख से करीब 2 लाख करने के लिए पहल की गई है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि राष्ट्र विरोधी ताकतें देश की अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने का लगातार प्रयास कर रही हैं जिसके वर्तमान 2 खरब रुपये से 7 खरब रुपये तक पहुंचने की संभावना थी। इसका श्रेय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को जाता है। उन्होंने कहा कि बल की एक तिहाई ताकत के रूप में महिल जवानों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सीआईएसएफ वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इलाकों की विकास गतिविधियों में सक्रियता से शामिल है।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सुरक्षा बलों के उचित और अधिकतम इस्तेमाल के लिए विशेष सुरक्षा ऑडिट की जरूरत है। वर्तमान में बल में महिलाओं का हिस्सा केवल 5.04 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि संघशासित प्रदेशों की तरह सभी अर्द्धसैनिक बलों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करके उनकी नियुक्ति की जाएगी।
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