22 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

कोयला मंत्रालय की हाल की पहल का उद्देश्य दक्षता में सुधार लाना और कारोबार को सुगम बनाने को बढ़ावा देना है

देश-विदेशप्रौद्योगिकी

नई दिल्ली: कोयला मंत्रालय ने दक्षता में सुधार, कारोबार में सुगमता और कोयला क्षेत्र को खोलने के उद्देश्य से पुराने कानूनों पर दोबारा चर्चा करने की पहल की है जिसके परिणामस्वरूप घरेलू कोयला उत्पादन में सुधार होगा और आयात कम होगा। कोयला क्षेत्र के वर्तमान परिदृश्य में कोयले की खोज और खनन दोनों में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का वर्चस्व रहा है। वर्षों पुराना खनिज रियायत नियम, 1960 कोयला खनन के अनेक पहलुओं का संचालन कर रहा था और कोयला क्षेत्र सुधारों को आगे बढ़ाने और साथ ही अनेक कानूनों जैसे पर्यावरण और वन संरक्षण से संबंधित कानून के अस्तित्व में आने के कारण संशोधन की आवश्यकता थी।  अनेक कानूनों की जटिलता, कोयला क्षेत्र में संभावित निवेशकों के प्रवेश को प्रभावित करने वाले प्रतिबंधात्मक नियमों के कारण कोयला खानों की उत्‍पादन पूर्व लंबी तैयारी अवधि को ध्यान में रखते हुए, कोयला उत्पादन में सुधार के लिए संचालन की स्वतंत्रता और प्रौद्योगिकी को अपनाने की सुविधा के लिए व्‍यवस्‍था में निम्नलिखित बदलाव लाए गए हैं।

  1. खनिज कानून (संशोधन) अधिनियम2020: मुख्य विशेषताएं

• नीलामी के लिए कोयला/लिग्नाइट ब्लॉकों की उपलब्ध सूची को बढ़ाने में मदद करने के लिए समग्र पूर्वेक्षण लाइसेंस-कम-माइनिंग लीज (“पीएल-और-एमएल”) के लिए कोयला ब्लॉकों के आवंटन के लिए संशोधन।

• किसी भी ऐसी कंपनी के लिए प्रावधान जिसका चयन नीलामी/आवंटन के जरिये भारत में पूर्व में कोयला खनन के अनुभव के बिना, अपनी खपत, बिक्री के लिए कोयला खनन कार्य के लिए हुआ हो।

• कोयला क्षेत्र में एफडीआई नीति संबद्ध प्रसंस्करण अवसंरचना सहित कोयले की बिक्री, कोयला खनन कार्यों के लिए स्वचालित मार्ग से 100% एफडीआई की अनुमति देती है।

• उन मामलों पिछली मंजूरी की आवश्यकता को दूर करने का प्रावधान जहां कोयला/ लिग्नाइट ब्लॉक के आवंटन या उसे सुरक्षित रखने का कार्य केन्‍द्र सरकार द्वारा किया गया हो

• अपने सहायक या होल्डिंग कंपनी के किसी भी संयंत्र या संयंत्रों में खनन किए गए कोयले का उपयोग करने के लिए एक आवंटी को प्रवेश।

• इसे लागू करने के लिए, संबंधित सीएमएसपी नियमों और सीबीए नियमों को भी संशोधित किया गया था

  1. खनिज रियायत नियम 1960 में संशोधन: मुख्य विशेषताएं
  • खनन योजना की तैयारी के लिए योग्य व्यक्तियों के पंजीकरण की अब आवश्यकता नहीं है। इस संबंध में परियोजना प्रस्तावक की घोषणा पर्याप्त होगी।

• खनन योजना में मामूली बदलाव करने के ब्‍लॉक आवंटी को अधिकार देने और बार-बार मंजूरी की आवश्यकता को कम करने के लिए सशक्‍त ब्लॉक का आवंटन कार्य में लचीलापन देता है।

• कोयला ब्‍लॉक आवंटित करने के लिए अब एक विकल्‍प उपलब्ध है ताकि पूर्वेक्षण कार्य कराने और भू-वैज्ञानिक रिपोर्ट (जीआर) तैयार कराने के लिए एक प्रत्यायित प्रोस्पेक्टिंग एजेंसी को संलग्न किया जा सके ताकि कोयला क्षेत्र के अन्‍वेषण में तेजी लाई जा सके, प्रौद्योगिकी को लाकर विकास को बढ़ावा दिया जा सके।

  • अतिरिक्त विकल्प भी परियोजना प्रस्तावक के लिए उपलब्ध है, जो खनन योजना तैयार करने की एजेंसी के लिए मान्यता प्रणाली के माध्यम से उपलब्ध है। इसी प्रकार, खनन योजना और तेजी से ट्रैकिंग अनुमोदन प्रणाली की गुणवत्ता में सुधार के लिए खनन योजना की पूर्व समीक्षा भी पेश की गई है।

• खनिज कानून (संशोधन) अधिनियम, 2020 के आलोक में पीएल-और-एमएल के अनुदान को नियंत्रित करने का प्रावधान।

  1. खनन योजना की तैयारीप्रसंस्करण और अनुमोदन के दिशा-निर्देशों में संशोधन

• खनन योजना से प्रावधानों की पुनरावृत्ति को हटाने के लिए, जो अब अन्य वैधानिक दस्तावेजों में शामिल हैं, खनन योजना संरचना को सरल बनाया गया है। पर्यावरण और वन संरक्षण आदि जैसे अन्य कानूनों की शुरुआत के बाद, खनन योजना में मांगी गई कई अतिव्यापी जानकारी को हटा दिया गया है। सरल दिशा-निर्देश जारी।

• मंजूरी के लिए समय कम करने के उद्देश्य से अनुमोदन के लिए खनन योजना के प्रसंस्करण को सरल बनाया गया है। मध्‍यस्‍थ के लिए अंतरिम व्‍यवस्‍था क्रम भंग के लिए एक अंतरिम प्रबंध के साथ सीसीओ में अधीनस्‍थ प्राधिकारी को सौंपी गई खनन योजना को मंजूरी देने का अधिकार। पारदर्शिता लाने के लिए अपील की व्‍यवस्‍था शुरू की गई।

• प्रक्रिया को ऑनलाइन अनुमोदन के अनुकूल बनाया गया है ताकि ऑनलाइन सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम तैयार किया जा सके।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More