16.3 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

रिपोर्ट में तूफान का इतिहास, इसकी मुख्य गतिविधियाँ, निगरानी पहलू, पूर्वानुमान निष्पादन और जारी की गई सलाह के विवरण की जानकारी दी गई

देश-विदेश

नई दिल्ली: भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने भीषण चक्रवाती तूफान “अम्फान” पर एक रिपोर्ट जारी की है। इस भीषण तूफान ने 16 से 21 मई, 2020 के दौरान 155-165 किमी प्रति घंटे से लेकर 185 किमी प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार के साथ सुंदरबन से होते हुए पश्चिम बंगाल तट को पार किया। इस रिपोर्ट में भीषण चक्रवाती तूफान अम्फन के संबंध में तूफान का इतिहास, इसकी मुख्य गतिविधियां, निगरानी पहलू, पूर्वानुमान निष्पादन और सलाह के विवरण की जानकारी दी गई है। तूफान की मुख्य गतिविधियां इस प्रकार से हैं:

संक्षिप्त जानकारी:

  • सुपर साइक्लोनिक स्टॉर्म (एसयूसीएस) “अम्फान” (यूएम-पीयूएम के रूप में उच्चारित) 1999 के ओडिशा एसयूसीएस के बाद, बंगाल की खाड़ी  में पहला एसयूसीएस था।
  • यह 13 मई को दक्षिण अंडमान सागर और उससे सटी दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी (बीओबी) की इक्वेटोरियल ईस्टरली वेव के पास एक कम दबाव वाले क्षेत्र से उत्पन्न हुआ।
  • यह 16 मई की सुबह को दक्षिण पूर्वी बीओबी पर एक दबाब (डी) में परिवर्तित हो गया और उसी दिन दोपहर में एक तीव्र दबाव (डीडी) के रूप में परिवर्तित होते हुए और सघन हो गया।
  • 16 मई, 2020 की शाम को यह उत्तर से उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ा और 16 मई, 2020 की शाम को ही एक तीव्र तूफान के रूप में दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ा। उत्तर की ओर बढ़ते हुए, इसने 17 मई 2020 की सुबह को दक्षिण-पूर्वी बीओबी पर एक गंभीर चक्रवाती तूफान (एससीएस) का रूप ले लिया।
  •  इसके बाद आगामी 24 घंटों में तूफान की गति में तीव्रता आई और तदनुसार 17 मई की दोपहर तक यह अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान (वीएससीएस) में परिवर्तित हो गया, 18 मई के शुरुआती घंटों में और 18 मई की दोपहर तक यह एक अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान (ईएससीएस) बन गया।
  • 19 मई की दोपहर के आसपास पश्चिम-केंद्रीय बीओबी के ईएससीएस में कमजोर होने से पूर्व, तूफान लगभग 24 घंटे तक पश्चिम-केंद्रीय बीओबी में एसयूसीएस की तीव्रता के साथ जारी रहा।
  • इसके बाद यह थोड़ा कमजोर पड़ गया और 20 मई को भारतीय समयानुसार यह 1530-1730 बजे के दौरान तूफान ने सुंदरबन से होते हुए वीएससीएस के रूप में, पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश के तटों को 155-165 किमी प्रति घंटे से लेकर 185 किमी प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार के साथ से पार किया। यह पश्चिम बंगाल में वीएससीएस के रूप में कुछ समय थमा रहा और धीरे-धीरे 20 मई की संध्या को उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ गया। इस अवधि के दौरान यह कोलकाता के बहुत निकट पहुंच गया था।
  •  उत्तर से उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ते हुए, यह 20 मई की आधी रात तक कमजोर होकर बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के आसपास के क्षेत्रों में एक एससीएस के रूप में पहुँचा। 21 मई के शुरुआती घंटों में यह और कमजोर हो गया अतः बांग्लादेश में सीएस के रूप में पहुंचा, 21 मई की दोपहर तक डीडी में और उसी दिन सायंकाल को उत्तरी बांग्लादेश में एक डी के रूप में रह गया। यह आगे कमजोर हो गया और 21 मई की मध्यरात्रि को उत्तरी बांग्लादेश और इसके पड़ोसी इलाकों में एक कम दबाव वाले क्षेत्र के तौर पर रह गया।

अम्फान की निगरानी:

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने उत्तर हिंद महासागर के ऊपर चौबीसों घंटे निगरानी रखी और 13 मई को कम दबाव वाले क्षेत्र के बनने से तीन हफ्ते पूर्व, 23 अप्रैल से तूफान पर निगरानी रखनी प्रारंभ कर दी थी। 7 मई को जारी एक्सटेंडेड रेंज आउटलुक में, आईएमडी ने दक्षिण अंडमान सागर और उससे सटे दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में दूसरे सप्ताह के दौरान संभावित साइक्लोजेनेसिस का संकेत दिया। 9 मई को यह संकेत दिया गया था कि 6 मई से 12 मई के दौरान इस क्षेत्र पर बने चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव से 13 मई (तूफान के बनने से 96 घंटे पूर्व) को एक कम दबाव वाले क्षेत्र के बनने की संभावना जताई। 11 मई को, यह संकेत दिया गया था कि 16 मई को (कम दबाव का क्षेत्र बनने से पहले और दबाव के बनने से 120 घंटे पहले) बंगाल की खाड़ी के ऊपर साइक्लोजेनेसिस (दबाव के बनने) जैसी स्थिति उत्पन्न होगी।

इस चक्रवाती तूफान की निगरानी इनसेट 3डी और 3डीआर सहित ध्रुवीय परिक्रमा उपग्रहों जैसे एससीएटीएटी एवं एएससीएटी इत्यादि और इस क्षेत्र में उपलब्ध जहाजों और समुद्र में उत्पन्न जानकारियों की सहायता से की गई थी। इसके दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ने के साथ-साथ 18 मई की मध्यरात्रि (1800 यूटीसी) से लेकर 20 मई तक इसकी गतिविधि की आईएमडी डॉपलर मौसम रडार (डीडब्‍ल्‍यूआरएस) के माध्यम से विशाखापट्टनम, गोपालपुर, पारादीप, कोलकाता और अगरतला में यथाक्रम निगरानी की गई। आईएमडी ने सिस्टम पर निगरानी रखने के लिए बालासोर के चांदीपुर में स्थित ‘डीआरडीओ इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज’ से डीडब्‍ल्‍यूआर प्रणाली का उपयोग किया। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतगर्त संचालित विभिन्न संस्थानों (जैसे आईएमडी, आईआईटीएम, एनसीएमआरडब्ल्यूएफ और आईएनसीओआईएस) द्वारा संचालित विभिन्न संख्यात्मक मौसम पूर्वानुमान मॉडलों, विभिन्न वैश्विक मॉडलों और आईएमडी के स्वदेशी गतिशील-सांख्यिकीय मॉडल का चक्रवात की उत्पत्ति, तीव्रता, लैंडफॉल की जानकारी देने के लिए उपयोग किए गया। आईएमडी की एक डिजीटल पूर्वानुमान प्रणाली का उपयोग विभिन्न मॉडलों के विश्लेषण और मार्गदर्शन की तुलना करने, निर्णय लेने की प्रक्रिया और चेतावनी देने के लिए किया गया।

पूर्वानुमान निष्पादन:

  1. उत्पत्ति का पूर्वानुमान
  • सिस्टम 13 मई को दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी में कम दबाव क्षेत्र के बनने से लगभग तीन सप्ताह पहले ही 23 अप्रैल से इसकी निगरानी कर रहा था।
  • 7 मई को जारी विस्तारित रेंज आउटलुक में, 8 से 14 मई, 2020 के दौरान सप्ताह के उत्तरार्ध में साइक्लोजेनेसिस (दबाव के बनने) की संभावना के साथ पूर्वानुमान जताया गया था। यह भी पूर्वानुमान लगाया गया था कि यह दबाब आगे और तीव्र होगा और प्रारंभ में उत्तर से उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा फिर उत्तर से उत्तर-पूर्व की ओर से होते हुए बंगाल की खाड़ी में उत्तर  की ओर जाएगा।
  • 9 मई को जारी उष्णकटिबन्धीय मौसम जानकारी में, यह संकेत दिया गया था कि 6 से 12 मई के दौरान इस क्षेत्र के ऊपर चक्रवाती तूफान के प्रभाव के कारण 13 मई को (इस सिस्टम के बनने से 96 घंटे पहले) क्षेत्र के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनेगा।
  • 11 मई को जारी उष्णकटिबन्धीय मौसम जानकारी में, यह संकेत दिया गया कि बंगाल की खाड़ी में साइक्लोगेनेसिस (दबाब का गठन) 16 मई (कम दबाव के क्षेत्र के गठन से 48 घंटे पूर्व और वायु दबाब के बनने से 120 घंटे पूर्व) को अधिक होगा। निम्न दबाव का क्षेत्र 13 मई को बना और 16 मई की सुबह या दबाव में केंद्रित हो गया।
  1. तीव्रता और लैंडफॉल का पूर्वानुमान
  • पहली जानकारी 7 मई को जारी विस्तारित रेंज आउटलुक में प्रदान की गई (एलपीए के बनने से लगभग 6 दिन पहले, दबाव के बनने से 9 दिन पहले और लैंडफॉल से 13 दिन पहले) थी और इसमें यह संकेत दिया गया था कि यह दबाव एक चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा और इसकी गति तीव्र हो जाएगी और प्रारंभ में यह उत्तर से उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा फिर उत्तर से उत्तर-पूर्व की ओर से होते हुए बंगाल की खाड़ी में उत्तर की ओर जाएगा।
  • उष्णकटिबन्धीय मौसम जानकारी में, भारत सरकार की ओर से 13 अप्रैल को जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति और सूचनात्मक संदेश में (एलपीए के बनने के दिन, दबाव के गठन से 3 दिन पूर्व और लैंडफॉल से 7 दिन पूर्व), यह संकेत दिया गया था कि यह दबाब 16 की शाम तक एक चक्रवाती तूफान में परिवर्तित हो जाएगा और प्रारंभ में 17 तक उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा और फिर उत्तर से उत्तर-पूर्व की ओर से होते हुए बंगाल की खाड़ी में उत्तर की ओर जाएगा।
  • वास्तव में, यह दबाव 16 की सुबह (0000 यूटीसी) में बना था, और 16 की शाम को यह चक्रवाती तूफान (1200 यूटीसी) उत्तर से उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ते हुए 17 मई की शाम को उत्तर से उत्तर-पूर्व की ओर से होते हुए 20 मई की दोपहर को पश्चिम बंगाल के तट को पार कर गया।
  • दबाव के बनने के साथ ही 16 मई को भारतीय समयानुसार 0845 पर (लैंडफॉल से 104 घंटे पूर्व) जारी पहले बुलेटिन में, यह संकेत दिया गया था कि यह दबाव आगे चलकर एक चक्रवाती तूफान में परिवर्तित हो जाएगा और 17 मई तक उत्तर से उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा और इसके बाद 18 से 20 मई के दौरान उत्तर-उत्तर-पूर्व  से होते हुए पश्चिम बंगाल तट की ओर की ओर घूम जाएगा और 155 से 165 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से लेकर 180 किमी प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार के साथ पश्चिम बंगाल तट को पार करेगा।
  • 16 मई को भारतीय समयानुसार 1645 पर (तीव्रता से परिवर्तिन से 24 घंटे पूर्व) जारी बुलेटिन में, यह पूर्वानुमान दिया गया था कि यह दबाव और तीव्र होते हुए 17 मई की दोपहर तक अत्यंत तीव्रता के साथ अपने चरम पर होगा।
  • 17 मई को भारतीय समयानुसार 0845 पर जारी बुलेटिन में (लैंडफॉल से 80 घंटे पूर्व) यह सटीक उल्लेख किया गया था कि यह तूफान 20 मई की शाम को 155 से 165 किमी प्रति घंटे से लेकर 185 किमी प्रति घंटे की अधिकतम वायु गति के साथ दोपहर के दौरान सागर द्वीप (पश्चिम बंगाल) और हटिया द्वीप समूह (बांग्लादेश तट) के बीच पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश के तटों को पार करेगा। अनुमानित जानकारी में इसके 20 मई की दोपहर को सुंदरबन में लैंडफॉल करने के भी संकेत दिये गए थे।
  • आईएमडी ने 16 मई से लगातार पूर्वानुमान जता रहा था कि 20 मई को 155 से 165 किमी प्रति घंटे से लेकर 180 किमी प्रति घंटे की अधिकतम वायु गति के साथ अम्फान एक अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान (वीएससीएस) पश्चिम बंगाल तट को पार करेगा।

चक्रवात की चेतावनी

  • 16 मई को भारतीय समयानुसार 0845 पर जारी किए गए बुलेटिन में (लैंडफॉल से 104 घंटे पूर्व) पश्चिम बंगाल-उत्तर ओडिशा तटों के लिए पूर्व-साइक्लोन निगरानी जारी की गई थी।
  • 16 मई को भारतीय समयानुसार 2030 पर (लैंडफॉल से 92 घंटे पूर्व) पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा तटों के लिए फिर से चेतावनियाँ जारी की गईं।
  • 17 मई को भारतीय समयानुसार 0840 पर (लैंडफॉल से 80 घंटे पूर्व) पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा तटों के लिए चक्रवात की चेतावनी के लिए (यैलो संदेश) जारी किया गया था।
  • 18 मई को भारतीय समयानुसार 0845 पर (लैंडफॉल से 56 घंटे पूर्व) पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा तटों के लिए चक्रवात की चेतावनी के लिए (ऑरेंज संदेश) जारी किया गया था।
  • 19 मई को भारतीय समयानुसार 2330 पर (लैंडफॉल से 17 घंटे पूर्व) पश्चिम बंगाल, असम के गंगा तटीय जिलों और मेघालय के लिए पोस्ट लैडफॉल की चेतावनी (रैड संदेश) जारी की गई। इस प्रकार आईएमडी ने चक्रवात, अम्फान के कारण वायु, बारिश और तूफान के बढ़ने के साथ ही प्रतिकूल मौसम, इसकी निगरानी और तीव्रता के साथ-साथ इसके लैंडफॉल स्थल और इसका सटीक पूर्वानुमान दिया। हमने पहले से ही उत्तर ओडिशा तट के लिए 100-110 से 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफान और संबद्ध प्रतिकूल मौसम का सटीक पूर्वानुमान दिया।

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) और आरएसएमसी नई दिल्ली सभी हितधारकों और आपदा प्रबंधन एजेंसियों से इस संदर्भ में मिले योगदान को सहर्ष स्वीकार किया, जिन्होंने एसयूसीएस अम्फान की सफल निगरानी, ​​पूर्वानुमान और प्रारंभिक चेतावनी जैसे कार्यों में योगदान दिया। हम पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सभी संगठनों नेशनल सेंटर ऑफ मीडियम रेंज वेदर फोरकास्टिंग सेंटर (एनसीएमआरडब्ल्यूएफ), इंडियन नेशनल सेंटर फॉर ओशन इंफॉर्मेशन सर्विसेज (आईएनसीओआईएस), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी (एनआईओटी), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मीट्रिओलॉजी (आईआईटीएम) पुणे, डीआरडीओ एकीकृत परीक्षण रेंज, चांदीपुर, आईआईटी भुवनेश्वर, आईआईटी दिल्ली और अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (एसएसी-आईएसआरओ) सहित सभी अनुसंधान संस्थानों के बहुमूल्य सहयोग के लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के विभिन्न प्रभागों/अनुभागों के साथ-साथ एरिया साइक्लोन वार्निंग सेंटर (एसीडब्ल्यूसी) चेन्नई, कोलकाता, साइक्लोन वॉर्निंग सेंटर (सीडब्ल्यूसी) भुवनेश्वर, विशाखापत्तनम, मौसम विज्ञान केंद्र (एमसी) अगरतला, विशाखापत्तनम, चांदीपुर, गोपालपुर, पारादीप, कोलकाता और अगरतला में डोपलर वेदर रडार स्टेशन और ओडिशा एवं उत्तरी आंध्र प्रदेश की तटीय वेधशालाओं की सहायता का भी आभार प्रकट करते हैं। न्यूमेरिकल वेदर प्रीडिक्शन डिवीजन, सैटेलाइट एंड रडार डिवीजन, सर्फेस एंड अपर एयर इंस्ट्रूमेंट्स डिवीजन, नई दिल्ली और आईएमडी में सूचना प्रणाली और सेवा प्रभाग के योगदान को भी विधिवत स्वीकार करते हैं।

रिपोर्ट इसके साथ संलग्न है:

यह आईएमडी की बेवसाइट पर भी इस लिंक के साथ उपलब्ध हैः https://mausam.imd.gov.in/Forecast/marquee_data/Summary%20Super%20Cyclonic%20Storm%20Amphan%20(13062020).pdf

और आरएसएमसी नई दिल्ली की बेवसाइट पर इस लिंक के साथ उपलब्ध हैः

http://www.rsmcnewdelhi.imd.gov.in/images/pdf/publications/preliminary-report/amphan.pdf

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More