देहरादून: प्रदेश के शिक्षा मंत्री उत्तराखण्ड सरकार मंत्री प्रसाद नैथानी ने आज विधान सभा स्थित सभागार में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि शिक्षा सबसे बड़ी चुनौती है। हमें शिक्षकों एवं बच्चों के कल्याणार्थ समाधान चाहिए। इसके लिए प्राइमरी स्तर पर ही बच्चों की नीव मजबूत करने के लिये भरसक प्रयास करने होंगे। शिक्षक बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा दें इसके लिए उन्हें अपना उत्तम प्रदर्शन विद्यालय में दिखाना होगा। बच्चों के शिक्षण में शिक्षकों को जिम्मेदारी से कार्य करना होगा।
बैठक में उन्होंने शासन एवं शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों से कहा कि शिक्षकों को प्रोन्नति में छूट का प्राविधान दिया जाय इसके लिये नियमावली में संशोधन करते हुए हेड मास्टर और प्रधानाचार्य के पदों पर पदोन्नति जुलाई प्रथम सप्ताह में करने के निर्देश उन्होंने शिक्षा निदेशालय के उच्च अधिकारियों को दिये।
समीक्षा बैठक में शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने अवगत कराया कि वर्ष 2015 में पूरे प्रदेश में हाईस्कूल परीक्षा में 169461 छात्र/छात्रायें सम्मलित हुए तथा इण्टरमीडिएट परीक्षा में 143159 परीक्षार्थी सम्मलित हुए। हाईस्कूल में 119797 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए जिनका प्रतिशत 70.68 प्रतिशत रहा तथा इण्टरमीडिएट में 106713 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए जिनका प्रतिशत 74.54 प्रतिशत रहा है। इस पर मंत्री जी द्वारा चिन्ता प्रकट करते हुए कहा कि शिक्षक जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं हैं। इसके लिए हमें मास्टर प्लान के तहत कार्य करते हुए इन्हें केटेगरीवाईज करना होगा तथा शिक्षकों को अच्छे परिणाम दिलाने हेतु सख्ती करनी होगी।
बैठक में उन्होंने कहा कि जो पद शिक्षकों के रिक्त चल रहे हैं। उन विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती युद्ध स्तर पर की जाय। इसके साथ ही जिन शिक्षकों की सी.आर.(करैक्टर रोल) प्राप्त हो चुकी है उन शिक्षकों की प्रोन्नति प्रवक्ता के पदों पर शीघ्र की जाय। विजीटिंग शिक्षकों की व्यवस्था के सम्बन्ध में हर जनपद अपने स्तर पर राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में सह अध्यापक एल.टी. एवं प्रवक्ताओं के अल्प कालिक रिक्त पदों पर विजींिटंग शिक्षकों की व्यवस्था के लिए समाचार पत्रों में विज्ञप्ति जारी करते हुए जुलाईमें उनसे कार्य लेने की कार्यवाही शीघ्र की जाय।
बैठक में उन्होंने स्व0 कमला नेहरू पुरस्कार के सम्बन्ध में कहा कि कक्षा 10 एवं 12 वी के 10 वीं रैंक प्राप्त छात्र/छात्राएॅं जिनका उत्तीर्ण प्रतिशत 75 से अधिक है। उनकी माताओ को पुरस्कार स्वरूप 1000 की धनराशि तथा प्रशस्ति पत्र मा0 मुख्य मंत्री जी के कर कमलों द्वारा दिलाया जाय। निदेशक शिक्षा माध्यमिक ने अवगत कराया कि कक्षा 10 के 10 वी रैंक प्राप्त छात्र/छात्राएॅ 26 तथा इण्टरमीडिएट के छात्र/छात्राओं की संख्या 22 है। इस प्रकार कुल 48 छात्र/छात्राओं की माताओं को उक्त पुरस्कार से नवाजा जायेगा। इसके साथ ही उन्होंने शैक्षिक सत्र 2014-15 में घोषित परीषदीय परीक्षाफल के आधार पर श्रेष्ठता सूची में अंकित इण्टरमीडिएट की परीक्षा में विज्ञान, मानविकी तथा वाणिज्य वर्गों में पूरे राज्य में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले परीक्षाओं तथा कक्षा 10 में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले छात्र/छात्राओं को गवर्नेंस अवार्ड योजना के तहत महामहिम राज्यपाल उत्तराखण्ड द्वारा आगामी 6 जून को पुरस्कृत किया जायेगा। इसके लिए आवश्यक तैयारी के निर्देश उन्होंने मा0 शिक्षा निदेशक को दिए।
बैठक में उन्होंने कहा कि राज्य शैक्षिक पुरस्कारों की घोषणा किये जाने के उपरान्त अपरीहार्य कारणों से पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित नहीं हो सका। इसी प्रकार वर्ष 2014 के परिषदीय परीक्षा परिणाम के आधार पर दिये जाते। पंण्डित दीनदयाल उपाध्याय उतकृष्टता पुरस्कार का वितरण समारोह भी आयोजित नहीं हो पाया है। उक्त पुरस्कार समारोह का आयोजन 5 सितम्बर 2015 को किया जाये। उक्त समारोह में सम्मलित होने के लिए मा0 मुख्यमंत्री जी से अनुरोध किया जायेगा।
बैठक में उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश के जिन विद्यालयों में इण्टरमीडिएट में विज्ञान विषय नहीं हैं, वहाॅं पर विज्ञान विषय दिये जाने की आवश्यक कार्यवाही तुरन्त की जाये। क्योंकि बालिका विद्यालयों में विज्ञान विषय न होने के कारण छात्राओं को अन्यत्र विद्यालयों मे जाना पड़ता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिन विद्यालयों में एन.एस.एस., स्काउट गाईट तथा एन.सी.सी. की डिमान्ड आ रही है, उन विद्यालयों में उक्त प्रशिक्षण कोर्स भी संचालित करवाये जायें।
उन्होंने कहा कि कई विद्यालयों मे शिक्षकों को जो अटैचमैन्ट हुए है उनकी सूची तुरन्त उन्हें उपलब्ध करायी जाय कि ये अटैचमैन्ट किस अधिकारी द्वारा किये गये हैं, उनकी प्रतिकूल प्रविष्टि दिये जाने के निर्देश अपर मुख्य सचिव शिक्षा को दिये।
बैठक में उन्होंने अधिकारियों से कहा यह भी कहा कि बच्चों की पाठ्य पुस्तकें सम्बन्धित मुद्रकों से शीघ्र ही मुद्रित करवाकर उन्हें माह जुलाई के प्रथम सप्ताह मे विद्यालयों में उपलब्ध करायें जिससे पठन-पाठन का कार्य सुचारू रूप से चल सके।
बैठक में अपर मुख्य सचिव शिक्षा एस.राजू, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा मंत्री जी.डी.रतूड़ी, सचिव शिक्षा एम.सी.जोशी, अपर सचिव शिक्षा उषा शुक्ला, निदेशक माध्यमिक शिक्षा आर.के.कुॅवर, अनु सचिव माध्यमिक शिक्षा व्योेमकेश दूबे अनु सचिव प्राथमिक शिक्षा प्रदीप नौटियाल एवं शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे।