नई दिल्ली: भारत एवं डेनमार्क के ऐतिहासिक संबंधों और सत्तर के दशक में भारत के डेयरी विकास में डेनमार्क के योगदान के मद्देनजर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधामोहन सिंह ने डेनमार्क के पर्यावरण और खाद्य मंत्री श्री जैकब एल्लेमन जेनसेन के साथ अपनी बैठक में पशु स्वास्थ्य, डेयरी, मेगा फूड पार्क में खाद्य प्रसंस्करण और पैकेजिंग, खुदरा विपणन, कोल्ड चेन, वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स, फसल कटाई उपरांत प्रौद्योगिकी इत्यादि में आपसी सहयोग का अनुरोध किया।
कृषि मंत्री ने कहा, “डेनमार्क और भारत के लिए इन क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं।” डेनमार्क के पास इन क्षेत्रों में विशेष रूप से डेयरी, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में उच्च तकनीक है। श्री सिंह ने कहा “मुझे विश्वास है कि संयुक्त आयोग की बैठक और संयुक्त कार्य समूहों जैसी विभिन्न संस्थागत व्यवस्थाओं के तहत उच्चस्तरीय यात्राओं और विचारों के नियमित आदान-प्रदान दोनों देशों के सम्बन्धों को मजबूती प्रदान करेंगे।” उल्लेखनीय है कि कृषि और पशुपालन पर गठित भारत-डेनमार्क जेडब्ल्यूजी की पहली बैठक 16 मई,2018 को नई दिल्ली में आयोजित की गई थी, जिसमें दोनों पक्षों ने सहयोग को उच्च स्तर पर ले जाने के लिए आपसी हित के क्षेत्रों पर सहमति दी थी। उन्होंने कहा, “हम समान सोच वाले देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान दे रहे हैं। इसका उद्देश्य न केवल हमारे व्यापार और निवेश की संभावनाओं को बढ़ाना है, बल्कि वर्षों से संचित ज्ञान को हमारे मित्र देशों के साथ साझा करना भी है।” श्री सिंह ने कहा कि मोदी सरकार के प्रयासों से भारत ने कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति की है और इसके साथ ही खाद्य सुरक्षा हासिल करते हुए कृषि वस्तुओं के निर्यातक देश के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्होंने मृदा स्वास्थ्य कार्ड, जैविक खेती, फसल बीमा, सिंचाई, ई-नाम सहित कई योजनाओं के जरिए वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने संबंधी सरकार के संकल्प को दोहराया और इसके साथ ही फसल कटाई उपरांत प्रबंधन को मजबूत करने पर विशेष जोर दिया।