लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि महिला एवं बाल विकास आयोग समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जो समाज की बेहतरी में अहम भूमिका अदा कर रहा है। आयोग महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक एवं लैंगिक शोषण को रोककर उनके सशक्तीकरण को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने कहा कि महिला संरक्षण गृहों पर पैनी निगाह रखने की जरूरत है, जिससे कोई भी अप्रिय घटना ना होने पाए। साथ ही आयोग के सदस्यों का दायित्व है कि वे समाज के वंचित, पिछड़े एवं अल्प विकसित क्षेत्रों में जाकर उनकी मदद करें और उनके उत्थान की दिशा में काम करें।
ये बातें डा0 शर्मा ने आज डा0 राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय लखनऊ में आयोजित महिला एवं बाल आयोग के सदस्यों के एक दिवसीय अभिमुखीकरण कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने कहा कि आयोग के सदस्यों का यह कर्तव्य है कि वे सुनिश्चित करें कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा और सशक्तीकरण के लिए बने नियमों एवं कानूनों का पालन सही तरीके से हो। सदस्यों को यह देखना चाहिए कि प्रदेश के बाल कल्याण गृह एवं महिला कल्याण गृह में वैधानिक मापदण्डों का पालन सही तरीके से हो रहा है कि नहीं। उन्होंने कहा कि बच्चों और महिलाओं के कल्याण में प्रदेश सरकार निरन्तर प्रयास कर रही है।
इस अवसर पर डॉ शर्मा ने आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष एवं सदस्यों को अपने अधिकार क्षेत्र में रहते हुए सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ काम करने को कहा, जिससे समाज में फैली विसंगतियों को दूर किया जा सके । उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि अपने कर्तव्यों के निर्वहन में हमें जीवन पर्यन्त सीखने की कोशिश करनी चाहिए, जिससे समाज में हो रहे परिवर्तन के अनुसार अपनी कार्य प्रणाली में भी परिवर्तन लाया जा सके और इच्छित लक्ष्य की प्राप्ति की जा सके। बाल आयोग को बच्चो की शिक्षा के लिए बनाए गए राइट टू एजुकेशन एक्ट का अक्षरशः पालन कराने व बच्चांे के स्वास्थ्य सुधार हेतु आगे बढ़कर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाल संरक्षण गृहों की कार्य प्रणाली पर भी नियमित ध्यान देने की जरूरत है जिससे उन्हें और अधिक सशक्त बनाया जा सके, समाज से बालश्रम को पूरी तरह से समाप्त करना होगा और बच्चो को शिक्षित करके उनके सम्पूर्ण विकास पर बल देना होगा।
अभिमुखीकरण कार्यक्रम में महिला एवं बाल आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों की उपस्थिति में विभिन्न विषयों जैसे महिला एवं बाल अधिकार संबंधित अधिनियम तथा विभाग द्वारा संचालित योजनाओं, आयोगों के कर्तव्य एवं दायित्वों तथा उनका विभिन्न विभागों के साथ सफलतापूर्वक समन्वय पर चर्चा की गई।