लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर एक बैठक में अपर मुख्य सचिवों/प्रमुख सचिवों के साथ जनशिकायतों के निस्तारण की समीक्षा की। उन्होंने जनसमस्याओं और जनशिकायतों के मेरिट आधारित त्वरित समाधान पर बल देते हुए अधिकारियां को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार के सभी लोककल्याणकारी प्रयासों के मूल में आम आदमी की संतुष्टि और प्रदेश की उन्नति है। शासन-प्रशासन से जुड़े सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को इसे समझना चाहिए। आम जन की शिकायतों/समस्याओं के सहज समाधान के लिए जनसुनवाई समाधान प्रणाली (आई0जी0आर0एस0 और सी0एम0 हेल्पलाइन) अत्यन्त उपयोगी माध्यम है। शासन में तैनात वरिष्ठ अधिकारी हों या फील्ड में नियुक्त अधिकारी, हर किसी की यह जिम्मेदारी है कि आई0जी0आर0एस0 पर प्राप्त आवेदनों का प्राथमिकता के साथ त्वरित निस्तारण किया जाए। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता, लापरवाही अथवा देरी स्वीकार नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अपराध और अपराधियों के खिलाफ सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति है। आई0जी0आर0एस0 में मिलने वाले आवेदन हों या सी0एम0 हेल्पलाइन अथवा थाना/तहसील/विकास खण्ड में पहुंचने वाले शिकायतकर्ता, सबकी सुनवाई की जाए। सभी स्तर के अधिकारी पीड़ित/परेशान व्यक्ति की मनोदशा को समझें, उनकी भावना का सम्मान करें और पूरी संवेदनशीलता के साथ उसकी समस्या का समाधान करें। शिकायतकर्ता की संतुष्टि और उसका फीडबैक ही अधिकारियों के प्रदर्शन का मानक होगा। शासन से लेकर विकास खण्ड तक के अधिकारी मिशन मोड में जनसुनवाई को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए आमजन की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित कराएं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आई0जी0आर0एस0 और सी0एम0 हेल्पलाइन पर आने वाले आवेदनों के लिए थाना, तहसील और जिला स्तर से हो रही कार्यवाहियों पर शासन द्वारा लगातार नजर रखी जा रही है। थाना दिवस और तहसील दिवस को और प्रभावी बनाया जाना चाहिए। यह सुनिश्चित करें कि शिकायतों का निस्तारण अगले थाना/तहसील दिवस से पूर्व जरूर हो जाए। जनसुनवाई की इन तिथियों और उसमें उपस्थित रहने वाले अधिकारी के नाम का व्यापक प्रचार-प्रसार करें। यहां आने वाले मामले कतई लंबित न रहें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आई0जी0आर0एस/सी0एम0 हेल्प लाइन को लेकर संवेदनशीलता का परिचय देते हुए अनेक विभागों ने अच्छा कार्य किया है। ऐसे विभागों, जिलाधिकारियों, पुलिस कप्तानों, थानों और तहसीलों से अन्य सभी अधिकारियों को प्रेरणा लेनी चाहिए। संतोषजनक प्रदर्शन न करने वाले जनपदों, थानों और तहसीलों को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करने की आवश्यकता है। जनता से सीधा जुड़ाव रखने वाले विभागों के फील्ड में तैनात अधिकारी हर दिन न्यूनतम एक घंटा जनसुनवाई के लिए जरूर नियत करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव फील्ड में जाएं। अगले दो माह के भीतर सभी मण्डलों का भ्रमण करें। फील्ड विजिट के दौरान अपने विभाग की लोककल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा करें। लम्बित शिकायतों का मेरिट के आधार पर तत्काल निस्तारण कराएं। जहां गड़बड़ी हो, वहां जवाबदेही तय करें। भ्रमण के बाद अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराएं।
विभिन्न कार्यों में तैनात आउटसोर्सिंग कार्मिकों ने उत्कृष्ट कार्य किया है। यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसे सभी कार्मिकों का मानदेय समय पर मिले तथा पूरा मिले। किसी भी दशा में एक भी कर्मचारी का आर्थिक अथवा मानसिक शोषण नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वित्तीय बजट में विभागों को आवंटित धनराशि का सही और समयबद्ध उपयोग सुनिश्चित करें। हर अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव अपने विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए समय से धनराशि आवंटन कराएं। विभाग के लिए प्राविधानित बजट का अधिकाधिक उपयोग किया जाना चाहिए। भारत सरकार से मिलने वाले अनुदान/अंशदान के सम्बन्ध में अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव स्वयं भी भारत सरकार के मंत्रालयों से संवाद/संपर्क करें। वर्तमान वित्तीय बजट की समाप्ति से पूर्व सभी विभागों द्वारा बजट में प्राविधानित धनराशि का यथोचित खर्च किया जाना सुनिश्चित किया जाए। विभागीय स्तर पर खर्च की समीक्षा भी जाए।
सचिवालय में फाइलों के लिए ई-ऑफिस की व्यवस्था है। इसे समस्त विभागाध्यक्ष/निदेशक कार्यालयों में भी लागू किया जाए। ई-ऑफिस को और प्रभावी बनाने की आवश्यकता है। फिजिकल फाइलों का उपयोग अपरिहार्य स्थिति में ही किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने अपनी नवीन स्थानान्तरण नीति घोषित कर दी है। इस नीति का कड़ाई से अनुपालन किया जाए। सभी अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव अपने विभागीय मंत्रीगणों से संवाद करते हुए नीति के अनुरूप स्थानान्तरण करें। यह ध्यान रखें कि आकांक्षात्मक जनपदों में मैनपावर की कमी न हो।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अन्तर्राज्यीय/अन्तर्राष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र हमारे ब्रांड एम्बेसडर हैं। यहां अच्छे स्कूल-कॉलेज तथा स्तरीय चिकित्सा संस्थान विकसित किये जाने चाहिए। सीमावर्ती क्षेत्रों में औद्योगीकरण को लेकर हमें और बेहतर प्रयास करने होंगे। प्रदेश के दूर-दराज के गांवों तक टेलीकन्सल्टेशन सेवा का विस्तार किया जाए।