कोरोना वायरस के नए वैरिएंट के परीक्षण के लिए प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा का लगातार विस्तार किया जा रहा है। वैरिएंट की सटीक पहचान के लिए प्रदेश के कई संस्थनों में जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जा रही है। बढ़ते मामलों को ध्यान में रखतं हुए सीएम ने अधिकारियों को जीनोम सिक्वेंसिंग के साधनों में बढ़ोतरी करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि गोरखपुर, झांसी, गाजियाबाद के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों और एसजीपीजीआई लखनऊ में भी इसकी सुविधा तत्काल उपलब्ध कराई जाए। बता दें कि प्रदेश सरकार ने पहले ही प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग के दायरे को बढ़ाते हुए बीएचयू, केजीएमयू, सीडीआरआई, आईजीआईबी, राम मनोहर लोहिया संस्थान में जीनोम परीक्षण की व्यवस्था है।
कोविड केस की बढ़ोतरी को देखते हुए राज्य सरकार पूरी तरह सतर्क है। सभी जिलों में स्वास्थ्य विभाग की ओर से जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। इस सप्ताह से ही घर-घर मेडिकल किट का वितरण किया जाएगा। प्रदेश के सभी शासकीय, अर्धशासकीय, निजी, ट्रस्ट आदि संस्थाओं, कंपनियों, शैक्षणिक संस्थानों, कार्यालयों, औद्योगिक इकाइयों में तत्काल प्रभाव से कोविड हेल्प डेस्क क्रियाशील होंगे। बिना स्क्रीनिंग व सैनिटाइजेशन के किसी को परिसर में अब प्रवेश नहीं होगा।
60 साल से ऊपर की आयु के को-मॉर्बीडिटी वाले नागरिकों को भी लगेगी बूस्टर डोज
आगामी विधानसभा चुनावों में पुलिस बल की महती भूमिका को देखते हुए कोविड से बचाव के लिए सभी इंतज़ाम करने के निर्देश सीएम ने दिए हैं। प्रदेश में 10 जनवरी से सभी कोरोना वॉरियर्स, हेल्थकेयर व फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ ही 60 वर्ष से ऊपर की आयु के को-मॉर्बीडिटी वाले नागरिकों को प्री-कॉशन डोज दी जाएगी। सीएम ने पुलिस बल के हर सदस्य को प्री-कॉशन डोज देने के आदेश दिए हैं। प्रदेश में लगभग 10 लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स व 10 लाख हेल्थ केयर वर्कर्स को ये बूस्टर डोज दी जाएगी।