नई दिल्ली: आने वाले वक्त में सभी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में भी प्रीमियम ट्रेनों की तरह ही डायनमिक किराया सिस्टम लागू किया जा सकता है। मोहम्मद जमशेद की अध्यक्षता वाली कमिटी ने रेलवे से यह सिफारिश की है। अगर यह सिफारिश लागू होती है तो हवाई जहाज की तरह ही सभी मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों का किराया बुकिंग के साथ बढ़ता जाएगा, यानी जितनी सीटें कम होती जाएंगी, किराये में बढ़ोतरी होती जाएगी। कमिटी ने ट्रेनों के यात्री ले जाने की क्षमता को भी बढ़ाने की सिफारिश की है।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने तय वक्त पर रिपोर्ट देने के लिए कमिटी की सराहना की और कहा कि कमिटी की सिफारिशों में से जो भी संभव होंगी, उन्हें लागू किया जाएगा। कमिटी ने ऐसे क्षेत्रों की भी पहचान करके रेलवे को दी है, जहां किरायों को तर्कसंगत बनाने की जरूरत है। कमिटी ने उन बाधाओं की भी पहचान की है, जिनकी वजह से रेलवे पर यात्री और मालभाड़े की बढ़ोतरी में बाधाएं आ रही हैं। कमिटी का कहना है कि पिछले पांच साल में आरक्षित श्रेणी को छोड़कर बाकी क्षेत्रों में रेल यात्रियों की संख्या में कमी आई है।
कमिटी ने सीधे-सीधे किराये बढ़ाने की सिफारिश तो नहीं की है, लेकिन कमिटी ने यह जरूर कहा कि किरायों को तर्कसंगत किया जाना चाहिए। कमिटी ने सभी मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में डायनमिक किराया सिस्टम के अलावा ट्रेनों के मेंटिनेंस की ओर ध्यान देने का भी सुझाव दिया। कमिटी की सिफारिश है कि ढांचागत विकास किया जाए और बिजी रूटों पर यात्रियों को ले जाने की क्षमता को बढ़ाया जाए। इनमें रेल लाइनों का दोहरीकरण और इलेक्ट्रिफिकेशन शामिल है।
कमिटी ने यह भी तथ्य दिया है कि उपनगरीय और गैर-उपनगरीय छोटे रूटों पर पैसेंजरों की संख्या में कमी आई है। कमिटी ने कहा है कि लंबी दूरी के रूटों पर रेल यातायात की क्षमता डबल किए जाने की जरूरत है। कमिटी का कहना है कि रेलवे के ऑपरेशन और सेफ्टी के लिए उपग्रह का इस्तेमाल भी किया जाना चाहिए।
लुमडिंग-सिलचर रूट पर दौड़ने लगी मालगाड़ी
लगभग साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार पूर्वोत्तर भारत के लुमडिंग से सिलचर तक बनी ब्रॉडगेज रेल लाइन पर मालगाड़ियों ने दौड़ना शुरू कर दिया है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेल मंत्रालय से ही विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस रेल लाइन का शुभारंभ किया। लाइन इसलिए अहम है कि यह त्रिपुरा, मणिपुर और मिजोरम के साथ ही बराक वैली से गुजरती है। हालांकि इस लाइन पर फिलहाल मालगाड़ियों ने दौड़ना शुरू किया है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि अगले महीने कमिश्नर रेलवे सेफ्टी से ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद इस लाइन पर पैसिंजर ट्रेनें भी चालू की जा सकेंगी।
इस लाइन के चालू होने के बाद इन इलाकों तक अनाज समेत अन्य जरूरी सामान पहुंचाना अब और आसान हो जाएगा। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि इस हिस्से में रेल लाइन बनाना कितना चुनौतीपूर्ण था, इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि 210 किमी लंबी इस रेल लाइन के रास्ते में 79 बड़े पुल और 340 छोटे पुल बनाए गए हैं। 21 सुरंगें भी बनाई गईं, जिनकी कुल लंबाई लगभग 13 किमी है। इस ब्रॉडगेज रेल लाइन पर 15 मार्च को ही ट्रायल शुरू किया गया था।
चूंकि कमिश्नर रेलवे सेफ्टी का सर्टिफिकेट नहीं मिला है इसलिए फिलहाल इस ट्रैक पर मालगाड़ियां ही चलाई जाएंगी। इस रेल लाइन का शुभारंभ करते हुए रेल मंत्री ने इस प्रोजेक्ट को तैयार करने वाली टीम को 15 लाख रुपये के पुरस्कार का भी ऐलान किया।