नई दिल्ली: दूसरे अंतरराष्ट्रीय रामलीला सम्मेलन के दौरान ‘‘मानवता की वैभवशाली कृतियों पर एक सात दिवसीय महोत्सव’’ का आयोजन संस्कृति मंत्रालय द्वारा किया गया है। यह महोत्सव राजधानी के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (इग्निका) में 23 नवंबर से 29 नवंबर तक चलेगा। इस सम्मेलन का उद्घाटन संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. महेश शर्मा ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि रामलीला प्राचीन भारतीय संस्कृति के परिवार और भाईचारे के मूल्यों का वर्णन करती है।अगर हम इन मूल्यों का अनुसरण अपने जीवन में करें तो समाज और परिवार में किसी तरह का क्लेश या द्वेष पैदा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह देखकर उन्हें हार्दिक प्रसन्नता हो रही है कि विभिन्न देशों से इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में लोग भाग ले रहे हैं। रामायाण सर्वकालिक और सार्वभौमिक रूप से लोगों की अध्यात्मिक और धार्मिक आकांक्षाओं का स्रोत है।
पहला अंतरराष्ट्रीय रामलीला सम्मेलन 12 से 14 जुलाई 2013 को त्रिनिनाद और टुबैगो में त्रिनिनाद और टुबैगो के नैतिनल रामलीला परिषद द्वारा आयोजित किया गया था। इस मंच से परिषद ने दूसरा सम्मेलन भारत में आयोजित कराने का आग्रह किया था। इस आग्रह को मानते हुए इग्निका ने इस सात दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया है। इस सात दिवसीय महोत्सव के निम्न घटक होंगे।
महाकाव्य प्रक्रियाओं के शीर्षक के तहत अंतरराष्ट्रीय रामलीला सम्मेलन: गतिशीलता, संरक्षण और सौंदर्य ।
सांस्कृतिक प्रदर्शन : भारत और विदेशों में रामलीला की प्रचलित चुनिंदा रूपों का प्रदर्शन । फिल्मों का प्रदर्शन: सम्मेलन के हिस्सा के रूप में इग्निका के अभिलेखागार में रामलीला पर उपलब्ध फिल्मों का विशेष दिवस पर प्रदर्शन।
प्रदर्शनी: रामलीला पर जनपद संपदा डिवीजन अभिलेखागार का प्रदर्शन, रामलीला पर आईजीएनसीए, भारतीय कला में रामायण : इग्निका के कलानिधि लेखागार से , रामायण पर मिथिला पेंटिंग्स– मनीषा झा का संग्रह और रामनगर रामलीला: इग्निका के मीडिया सेंटर के छायाचित्रों की प्रदर्शनी।
महोत्सव के दौरान भारत के विभिन्न क्षेत्रों के कला और शिल्पों का प्रदर्शन के अलावा अलग-अलग समुदायों द्वारा गाए गए लोक गीतों और व्यंजनों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। फूड कोर्ट में पारंपरिक भोजन भी उपलब्ध होगा।